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इटावा में स्थायी नौकरी को लेकर धरने पर बैठे चौकीदार

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Published : Aug 30, 2019, 12:46 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थायी नौकरी को लेकर चौकीदार बीते 15 दिनों से धरने पर हैं. चौकीदारों का कहना है कि उनकी नौकरी को स्थायी किया जाए जिससे उनका जीवनयापन बेहतर तरीके से हो सके.

स्थाई नौकरी के लिए धरने पर बैठे चौकीदार.

इटावा: पुलिस के साथ मिलकर कानून का राज स्थापित करने में अहम रोल निभाने वाले चौकीदार पिछले 15 दिनों से कचहरी में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से नाराज चौकीदारों की मांग है कि उनकी नौकरी को स्थायी किया जाए. जिससे वे अच्छे से अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.

स्थायी नौकरी के लिए धरने पर बैठे चौकीदार.

चौकीदारों का कहना है कि-

  • हम लोग कानून स्थापित करने में सहयोग देते हैं.
  • पुलिस का पूरा सहयोग करते हैं और अपना पूरा समय भी देते हैं.
  • हमें स्थायी करने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है.
  • 2500 रुपये वेतन से बच्चे नहीं पढ़ सकते, परिवार नहीं पल सकता है.

यह भी पढ़ें: लखनऊ परिवहन विभाग का नया फरमान, रोजाना किए जाएं 50 चालान

चौकीदारों का वेतन बढ़ नहीं रहा है. पहले 5 रुपये मिलता था. आज सिर्फ 2500 रुपये ही मिल रहे हैं. इतने पैसों से परिवार नहीं चलता है.
अजय पाल सिंह, चौकीदार

2009 में सूबे की मायावती सरकार में प्रदेश के 44 चौकीदारों को परमानेंट किए गए थे, तब से किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है.
अर्जुन सिंह शाक्य, चौकीदार

थाने और गांव के बीच की मजबूत कड़ी के रूप में ये चौकीदार होते हैं. कानून का राज स्थापित करने में चुनाव से लेकर छोटी-छोटी घटनाओं के वर्क आउट में ये चौकीदार पुलिस की मदद करते हैं.
रामयश सिंह, एसपी सिटी

इटावा: पुलिस के साथ मिलकर कानून का राज स्थापित करने में अहम रोल निभाने वाले चौकीदार पिछले 15 दिनों से कचहरी में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से नाराज चौकीदारों की मांग है कि उनकी नौकरी को स्थायी किया जाए. जिससे वे अच्छे से अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.

स्थायी नौकरी के लिए धरने पर बैठे चौकीदार.

चौकीदारों का कहना है कि-

  • हम लोग कानून स्थापित करने में सहयोग देते हैं.
  • पुलिस का पूरा सहयोग करते हैं और अपना पूरा समय भी देते हैं.
  • हमें स्थायी करने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है.
  • 2500 रुपये वेतन से बच्चे नहीं पढ़ सकते, परिवार नहीं पल सकता है.

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चौकीदारों का वेतन बढ़ नहीं रहा है. पहले 5 रुपये मिलता था. आज सिर्फ 2500 रुपये ही मिल रहे हैं. इतने पैसों से परिवार नहीं चलता है.
अजय पाल सिंह, चौकीदार

2009 में सूबे की मायावती सरकार में प्रदेश के 44 चौकीदारों को परमानेंट किए गए थे, तब से किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है.
अर्जुन सिंह शाक्य, चौकीदार

थाने और गांव के बीच की मजबूत कड़ी के रूप में ये चौकीदार होते हैं. कानून का राज स्थापित करने में चुनाव से लेकर छोटी-छोटी घटनाओं के वर्क आउट में ये चौकीदार पुलिस की मदद करते हैं.
रामयश सिंह, एसपी सिटी

Intro:एंकर-पिछले 15दिन से गाँव के चौकीदार इटावा कचहरी में धरने पर बैठे हैं।ये कहते हैं कि गाँव मे कानून का राज स्थापित करने में वह पुलिस का पूरा सहयोग करते हैं,और अपना पूरा समय भी देते हैं।सरकार से नाराज चौकीदार बताते हैं कि गत 2009 में सूबे की मायावती सरकार ने प्रेदेश के 44 चौकीदारों को पमनेंट किया था, तब से किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नही उठाया है।
वाइट(1)-अजय पाल सिंह(धरने पर चौकीदार)
(2)-अर्जुन सिंह शाक्य(धरने पर चौकीदार)


Body:वीओ(1)-उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारी भी यही बताते है कि थाने व गाँव के बीच की मजबूत कड़ी के रूप में यह चौकीदार होते हैं और कानून का राज स्थापित करने में चुनाव से लेकर गाँव की छोटी छोटी घटनाओं के वर्क आउट में यह चौकीदार पुलिस की मदद करते हैं।

वाइट-रामयश सिंह(एसपी सिटी)


Conclusion:वीओ(2)-जब पुलिस के साथ मिलकर कानून का राज स्थापित करने में इन चौकीदारों का अहम रोल रहता है तो फिर सरकार इन चौकीदारों को परमानेंट करने के बारे में क्यों नही सोच रही है।ये बात भी सच है कि 2500रुपये के प्रतिमाह के पारिश्रमिक में अब किसी भी चौकीदार का परिवार नही पल सकता।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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