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तिरंगे का अपमान होने से बचाने के लिए ढूंढा नायाब तरीका

यूपी के हाथरस में तिरंगे को अपमान से बचाने के लिए कुछ युवाओं ने नायाब तरीका ढूंढा है. युवाओं ने तिरंगे में फल और फूल के बीज लगाकर रोपा है.

हाथरस समाचार.
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Published : Jan 26, 2021, 5:39 PM IST

हाथरसः जिले में युवाओं ने तिरंगे को अपमान से बचाने के लिए नायाब तरीका ढूंढा है. युवाओं ने राष्ट्रीय ध्वज को इको फ्रेंडली बनाया है. युवकों ने राष्ट्रीय ध्वज की झंडियों में फूल, पौधों के बीज लगाए हैं. इसके साथ ही लोगों से भी अपील की है कि ध्वज फहराने के बाद जमीन में दबा दें.

तिरंगे का अपमान होने से बचाने का तरीका ढूंढा.

आपको बतादें किसी भी 15 अगस्त और 26 जनवरी पर लोग राष्ट्रीय ध्वज को अपनी बाइक, कार के साथ घरों के लगाते हैं. अक्सर देखा ये जाता है कि अगले ही दिन राष्ट्रीय ध्वज यहां, वहां, जमीनों पर पड़े दिखाई देते हैं. राष्ट्रध्वज को इसी अपमान से बचाने के लिए हाथरस के कुछ युवाओं ने निश्वार्थ सेवा संस्थान के सहयोग से अभियान शुरू किया है. युवाओं ने ध्वज की झंडियों के बीच में फूल और फलों के बीज लगाए हैं और लोगों को बांटे भी हैं.

तिरंगे में लगाए फल और फूल के बीज
युवक प्रेम पोद्दार ने बताया कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को लोग प्लास्टिक का झंडा के लेते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. लोग झंडा फटने पर लोग यहां, वहां डाल देते हैं. जिससे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है. लॉकडाउन के दौरान हमने राष्ट्रीय ध्वज को बचाने के लिए मुहिम शुरू करने के बारे में सोचा. इसके बाद झंडे में फल और फूलों के बीज लगाकर मिट्टी लोगों को वितरित करने की योजना बनाई. जिससे लोग राष्ट्रीय ध्वज इधर-उधर फेंक कर न मिट्टी में दबा दें. मिट्टी में ध्वज दबाने के बाद यह पौधे का रूप ले लेता है.

राष्ट्रीय ध्वज किया वितिरत
युवक सारांश ने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के को अपमान से बचाने के लिए फल और फूलों को झंडों के बीच लगाकर वितरित करते हैं. राष्ट्रीय पर्व खत्म होने के बाद इन झंडों को मिट्टी में दबाने से फल और फूलों के पौधे तैयार होंगे.

हाथरसः जिले में युवाओं ने तिरंगे को अपमान से बचाने के लिए नायाब तरीका ढूंढा है. युवाओं ने राष्ट्रीय ध्वज को इको फ्रेंडली बनाया है. युवकों ने राष्ट्रीय ध्वज की झंडियों में फूल, पौधों के बीज लगाए हैं. इसके साथ ही लोगों से भी अपील की है कि ध्वज फहराने के बाद जमीन में दबा दें.

तिरंगे का अपमान होने से बचाने का तरीका ढूंढा.

आपको बतादें किसी भी 15 अगस्त और 26 जनवरी पर लोग राष्ट्रीय ध्वज को अपनी बाइक, कार के साथ घरों के लगाते हैं. अक्सर देखा ये जाता है कि अगले ही दिन राष्ट्रीय ध्वज यहां, वहां, जमीनों पर पड़े दिखाई देते हैं. राष्ट्रध्वज को इसी अपमान से बचाने के लिए हाथरस के कुछ युवाओं ने निश्वार्थ सेवा संस्थान के सहयोग से अभियान शुरू किया है. युवाओं ने ध्वज की झंडियों के बीच में फूल और फलों के बीज लगाए हैं और लोगों को बांटे भी हैं.

तिरंगे में लगाए फल और फूल के बीज
युवक प्रेम पोद्दार ने बताया कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को लोग प्लास्टिक का झंडा के लेते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. लोग झंडा फटने पर लोग यहां, वहां डाल देते हैं. जिससे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है. लॉकडाउन के दौरान हमने राष्ट्रीय ध्वज को बचाने के लिए मुहिम शुरू करने के बारे में सोचा. इसके बाद झंडे में फल और फूलों के बीज लगाकर मिट्टी लोगों को वितरित करने की योजना बनाई. जिससे लोग राष्ट्रीय ध्वज इधर-उधर फेंक कर न मिट्टी में दबा दें. मिट्टी में ध्वज दबाने के बाद यह पौधे का रूप ले लेता है.

राष्ट्रीय ध्वज किया वितिरत
युवक सारांश ने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के को अपमान से बचाने के लिए फल और फूलों को झंडों के बीच लगाकर वितरित करते हैं. राष्ट्रीय पर्व खत्म होने के बाद इन झंडों को मिट्टी में दबाने से फल और फूलों के पौधे तैयार होंगे.

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