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हाथरस: रोडवेज चालकों का नहीं हो रहा स्वास्थ्य परीक्षण

यूपी के हाथरस में जिला प्रशासन आए दिन डिपो की बसों को बाहर भेज रहा है. बस चालकों द्वारा मजदूरों और छात्रों को एक-स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन बस चालकों के स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अभी तक हाथरस डिपों के किसी बस चालक का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया गया है.

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Published : May 2, 2020, 6:53 AM IST

हाथरस समाचार.
हाथरस डिपो.

हाथरस: यूपी के हाथरस जिले की रोडवेज बसें प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं. इसके बाद भी बस चालकों का डॉक्टरी परीक्षण नहीं हो रहा है.

जिला प्रशासन आए दिन हाथरस डिपो की बसों को बाहर भेज रहा है. कुछ दिन पहले कोटा से बच्चों को लाने के लिए कई बसें हाथरस से गई थीं. 9 बसों को मध्य प्रदेश के मजदूरों को छोड़ने के लिए झांसी से आगे मध्य प्रदेश बॉर्डर तक भेजा गया था. शुक्रवार को भी प्रशासन ने प्रयागराज और चंदौली भेजने के लिए दो बसों की मांग की है. वहीं इन बसों को लाने और ले जाने वाले चालकों का न तो जाते समय और न ही वापसी में लौटने पर किसी तरह का कोई डॉक्टरी परीक्षण हो रहा है।.

हाथरस डिपो के स्टेशन प्रभारी वीरी सिंह ने बताया कि वे बस चालकों को सबसे पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाते हैं. साथ ही उन्हें मास्क और सैनिटाइजर देकर भेजते हैं. उन्होंने बताया कि बसों को लेकर जाने वाली चालकों का न तो जाते समय और न ही वापसी के बाद कोई परीक्षण हो रहा है. उन्होंने बताया कि वह दो बार सीएमओ को इस बारे में पत्र लिख चुके हैं. लेकिन अभी तक इनका डॉक्टरी परीक्षण नहीं हुआ है.

हाथरस: यूपी के हाथरस जिले की रोडवेज बसें प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं. इसके बाद भी बस चालकों का डॉक्टरी परीक्षण नहीं हो रहा है.

जिला प्रशासन आए दिन हाथरस डिपो की बसों को बाहर भेज रहा है. कुछ दिन पहले कोटा से बच्चों को लाने के लिए कई बसें हाथरस से गई थीं. 9 बसों को मध्य प्रदेश के मजदूरों को छोड़ने के लिए झांसी से आगे मध्य प्रदेश बॉर्डर तक भेजा गया था. शुक्रवार को भी प्रशासन ने प्रयागराज और चंदौली भेजने के लिए दो बसों की मांग की है. वहीं इन बसों को लाने और ले जाने वाले चालकों का न तो जाते समय और न ही वापसी में लौटने पर किसी तरह का कोई डॉक्टरी परीक्षण हो रहा है।.

हाथरस डिपो के स्टेशन प्रभारी वीरी सिंह ने बताया कि वे बस चालकों को सबसे पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाते हैं. साथ ही उन्हें मास्क और सैनिटाइजर देकर भेजते हैं. उन्होंने बताया कि बसों को लेकर जाने वाली चालकों का न तो जाते समय और न ही वापसी के बाद कोई परीक्षण हो रहा है. उन्होंने बताया कि वह दो बार सीएमओ को इस बारे में पत्र लिख चुके हैं. लेकिन अभी तक इनका डॉक्टरी परीक्षण नहीं हुआ है.

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