हाथरस: जिले की चंदपा कोतवाली इलाके में एक गांव में चार युवकों पर एक दलित युवती के साथ दरिंदगी किए जाने का आरोप लगा था. पीड़िता की मौत के बाद इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. जहां कुछ लोग पीड़िता का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग चारों युवकों का समर्थन कर रहे हैं. शुक्रवार को इन युवकों के समर्थन में सवर्ण समाज भी उतर आया है. पीड़िता के गांव से करीब दो किलोमीटर दूर राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के लोग इकट्ठा हुए हैं. इन लोगों की मांग है कि केस की सीबीआई जांच हो. इन लोगों को डर है कि इन लड़कों के साथ कोई अनहोनी न हो जाये.
हाथरस गैंगरेप मामले में मृतका की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद इस मामले पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. आरोपियों के पक्ष में सवर्ण समाज उतर आया है. राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के लोग पड़ोस के ही गांव बाघना के पास इकट्ठे हुए हैं. इन लोगों का कहना है कि निर्दोष लड़कों को फंसाया गया है. मेडिकल जांच से भी यह साबित हो चुका है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था. इन लोगों ने सीबीआई, नारकोटिक्स की जांच की मांग भी की है. आरोपियों के पक्ष में उतरे सवर्ण समाज के लोगों का कहना है कि जांच निष्पक्ष और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो. इस मामले में किसी निर्दोष को फंसाया न जाए. इन लोगों को डर है कि इन लड़कों के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है. इतना ही नहीं इन लोगों का कहना है कि प्रशासन दबाव में इनकी गाड़ी भी पलटवा सकता है.
हाथरस में चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में एक दलित युवती से दरिंदगी का आरोप लगा था. पुलिस ने पीड़ित परिवार की तहरीर पर एक आरोपी को गिरफ्तार कर आईपीसी की धारा 307 और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. 22 सितंबर को लड़की के बयान के बाद आईपीसी की धारा 376 डी बढ़ाने के साथ ही नामजद किए गए तीन और लोगों को पुलिस ने एक-एक कर गिरफ्तार कर लिया था. 14 सितंबर को लड़की को हाथरस जिला अस्पताल से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेज गया था. बाद में उसे अलीगढ़ से सोमवार को दिल्ली सफदरगंज हॉस्पिटल भेजा गया था, जहां मंगलवार की तड़के उसकी मौत हो गई थी.