हाथरस: जिले के कस्बा सादाबाद में कृषि कानून के विरोध में किसानों की महापंचायत का आयोजन हुआ. इस महापंचायत में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत चौधरी भी शामिल हुए. पंचायत में पहुंचने पर पार्टी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं ने उनका जोशीला स्वागत किया. इस दौरान जयंत चौधरी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी जी के संसद में भाषण सुनकर ऐसा लगता है कि उन्होंने ठान रखी है कि किसानों की बात वह नहीं मानेंगे. इसके पीछे क्या रहस्य है पता नहीं. वैसे उनकी पोल धीरे-धीरे खुल रही है."
जयंत ने मौजूद लोगों का पंचायत का महत्व समझाया
पंचायत स्थल पर पहुंचते ही उन्होंने पंचायत का मतलब समझाया और कहा कि "समाज में जो लोग जिम्मेदार होते हैं. उन्हें न्योता देने की जरूरत नहीं होती वह खुद ब खुद आ जाते हैं, जिनको टीस है, जिन्हें दर्द महसूस हो रहा है, आज उनकी उपस्थिति अपने सामने देख कर लग रहा है कि यह सब जिम्मेदार लोग हैं जो आज यहां महापंचायत में शामिल होने आए हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि आज आपने फिर साहस सामाजिक सोच का परिचय दिया है. आज पूरे देश का किसान अपमानित महसूस कर रहा है ऐसे में हमें एकजुट होना जरूरी है"
'कठिन परिस्थितियों में भी हम अपना रास्ता खोज लेते हैं'
उन्होंने कहा कि "यह आंदोलन जनता की भावनाओं का आंदोलन है. इसके बावजूद भी 200 से अधिक किसान शहीद हो गए. हमने एक ही संदेश दिया कि सभी किसान भाइयों को कि तुम अकेले नहीं हो पूरा समाज तुम्हारे साथ है. समाज के अंदर बहुत शक्ति होती है जैसे चोट लगने पर शरीर उपाय ढूंढ लेता है और ठीक कर लेता है. यही असीम शक्ति समाज बन जाता है और हम लोग एकजुट हो जाते हैं और कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हम अपना रास्ता खोज लेते हैं."
जयंत चौधरी ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि गम के बादल हटने के बाद दिन की रोशनी भी होती है. इस पर उन्होंने दो पंक्तियां भी सुनाई. "इन्हीं गम की घटनाओं से निकलेगा खुशियों का चांद, अंधेरी रात के पर्दे में दिन की रोशनी भी होगी" उन्होंने कहा कि "हम भले ही चुनाव हार जाएं, लेकिन देश का किसान नहीं हारना चाहिए. केंद्र ने छत्ते में हाथ डाल दिया है. यह तो झुकना जानते ही नहीं है." उन्होंने मोदी जी से सवाल किया कि "आप अपनी जिद छोड़ दो हम तो पैदाइशी जिद्दी हैं."
'आने वाले समय में प्रधानमंत्री के आंसू देख कर बहक मत जाना'
उन्होंने किसानों को सावधान करते हुए कहा कि आने वाले समय में मोदी जी आपके बीच आएंगे और रोने लगेंगे. उनके आंसुओं को देख कर बहक मत जाना." यह किसान विरोधी है इनकी रगों में खून आपके लिए नहीं है. राष्ट्रीय लोक दल के नेता ने कहा कि आज विश्व भर में यह गूंज उठ रही है. अच्छे लोग कह रहे हैं कि किसानों के साथ अच्छा नहीं हो रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. यदि कोई कहता कि मोदी जी बहुत अच्छे हैं तो शायद पूरी भाजपा कह उठती की डंका बज गया डंका बज गया"