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हाथरस: मिड-डे मील की धनराशि से लाभान्वित होंगे एक लाख 42 हजार बच्चे

लॉकडाउन के बीच सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील की कनवर्जन कास्ट देने का फैसला लिया है. हाथरस के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि बच्चों को खाद्यान्न कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा और पैसे सीधे अभिभावकों के खाते में जाएंगे.

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मनोज कुमार मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी 
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Published : Jun 5, 2020, 7:55 AM IST

हाथरस: बेसिक शिक्षा के स्कूलों में बच्चों को 76 दिनों के मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न दिया जाना है. इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है. शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि खाद्यान्न कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा और पैसे सीधे अभिभावकों के खाते में जाएंगे.

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मनोज कुमार मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी

एक लाख 42 हजार बच्चों को मिलेगी मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट

जिले में करीब एक लाख 42 हजार बच्चों को एमडीएम का लाभ मिलना है. इस समय कोविड-19 महामारी की वजह से करीब तीन महीने से लॉकडाउन चल रहा है. जिसके बाद न तो स्कूल खुले हैं और न ही बच्चों को मिड-डे मील वितरित हुआ है. ऐसे में शासन ने बच्चों को मिड-डे मील की कनवर्जन कास्ट और खाद्यान्न दिए जाने का फैसला लिया है, जिसके तहत जिले के प्राइमरी स्कूल के प्रत्येक बच्चे को 374 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को 561 रुपये के हिसाब से दिए जाने हैं. इस धन राधि को एनईएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में डाला जाएगा. अभिभावकों के बैंक खाते की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक को दी गई है.

कोविड-19 के मद्देनजर शिक्षकों को बच्चों के माता-पिता के फोन में 'दीक्षा 'और 'आरोग्य सेतु एप' डाउनलोड करने की भी जिम्मेदारी दी गई है. विद्यालय बंद होने की स्थिति में छात्र-छात्राएं घर बैठकर दीक्षा ऐप के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.

लॉकडाउन के कारण इन दिनों ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. शासन ने बच्चों के खाने-पीने और भरण पोषण की व्यवस्था के तहत उनके घर-घर डीबीटी के माध्यम से खातों में मिड-डे मील का पैसा और खाद्यान्न राशन डीलर के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.

मनोज कुमार मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी

हाथरस: बेसिक शिक्षा के स्कूलों में बच्चों को 76 दिनों के मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न दिया जाना है. इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है. शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि खाद्यान्न कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा और पैसे सीधे अभिभावकों के खाते में जाएंगे.

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मनोज कुमार मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी

एक लाख 42 हजार बच्चों को मिलेगी मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट

जिले में करीब एक लाख 42 हजार बच्चों को एमडीएम का लाभ मिलना है. इस समय कोविड-19 महामारी की वजह से करीब तीन महीने से लॉकडाउन चल रहा है. जिसके बाद न तो स्कूल खुले हैं और न ही बच्चों को मिड-डे मील वितरित हुआ है. ऐसे में शासन ने बच्चों को मिड-डे मील की कनवर्जन कास्ट और खाद्यान्न दिए जाने का फैसला लिया है, जिसके तहत जिले के प्राइमरी स्कूल के प्रत्येक बच्चे को 374 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को 561 रुपये के हिसाब से दिए जाने हैं. इस धन राधि को एनईएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में डाला जाएगा. अभिभावकों के बैंक खाते की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक को दी गई है.

कोविड-19 के मद्देनजर शिक्षकों को बच्चों के माता-पिता के फोन में 'दीक्षा 'और 'आरोग्य सेतु एप' डाउनलोड करने की भी जिम्मेदारी दी गई है. विद्यालय बंद होने की स्थिति में छात्र-छात्राएं घर बैठकर दीक्षा ऐप के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.

लॉकडाउन के कारण इन दिनों ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. शासन ने बच्चों के खाने-पीने और भरण पोषण की व्यवस्था के तहत उनके घर-घर डीबीटी के माध्यम से खातों में मिड-डे मील का पैसा और खाद्यान्न राशन डीलर के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.

मनोज कुमार मिश्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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