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हाथरस में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार, ट्रेनिंग के दौरान पैराशूट न खुलने पर हुआ था हादसा

हाथरस का एक और लाल युद्ध अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से शहीद हो गया. राष्ट्रीय सम्मान और नम आंखों से शहीद को रविवार शाम अंतिम विदाई दी गई.

शहीद का अंतिम संस्कार
शहीद का अंतिम संस्कार
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Published : Sep 12, 2022, 10:12 AM IST

हाथरस: जिले में एक और जवान शनिवार को लेह में पैराशूट की ट्रेनिंग करते समय पैराशूट न खुलने से शहीद हो गया. यह हादसा दोपहर करीब एक बजे हुआ. शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा वैसे ही शहीद की एक झलक पाने और श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए ग्रामीणों के अलावा एमएलए, एमपी, बड़े समाजसेवी और दूर दराज से लोग पहुंचे. सभी ने शहीद के सम्मान में नारे लगाते हुए अंतिम विदाई दी.

जिले के गांव नंदराम नगरीया के रामचरन पचौरी का बेटा सूरजपाल पचौरी भारतीय थल सेना में कमांडो के पद पर आगरा में तैनात था. ट्रेनिंग के लिए वह लेह में था. शनिवार को सूरजपाल पैराशूट का प्रशिक्षण हासिल करते हुए पैराशूट लेकर नीचे कूदे. लेकिन, इस दौरान उनका पैराशूट नहीं खुला और वह शहीद हो गए.

शहीद को दी अंतिम विदाई
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े लोग.

यह भी पढ़ें: शहीद का पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

सूरजपाल अपने पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और मां को छोड़ गया. इससे पहले पाकिस्तान से सर्जिकल स्ट्राइक में अपने शहीदों का बदला लेने जिले के सादाबाद क्षेत्र के गांव खेड़ा बरामई के रहने वाले कमांडो हरवीर सिंह लद्दाख में युद्ध अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से शहीद हुए थे. शहीद के गांव के उमेश पाराशर ने बताया कि वह लेह लद्दाख में ट्रेनिंग के दौरान ऊपर से कूदे. लेकिन, उनका पैराशूट नहीं खुल सका, जिससे उनकी मौत हो गई.

हाथरस: जिले में एक और जवान शनिवार को लेह में पैराशूट की ट्रेनिंग करते समय पैराशूट न खुलने से शहीद हो गया. यह हादसा दोपहर करीब एक बजे हुआ. शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा वैसे ही शहीद की एक झलक पाने और श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए ग्रामीणों के अलावा एमएलए, एमपी, बड़े समाजसेवी और दूर दराज से लोग पहुंचे. सभी ने शहीद के सम्मान में नारे लगाते हुए अंतिम विदाई दी.

जिले के गांव नंदराम नगरीया के रामचरन पचौरी का बेटा सूरजपाल पचौरी भारतीय थल सेना में कमांडो के पद पर आगरा में तैनात था. ट्रेनिंग के लिए वह लेह में था. शनिवार को सूरजपाल पैराशूट का प्रशिक्षण हासिल करते हुए पैराशूट लेकर नीचे कूदे. लेकिन, इस दौरान उनका पैराशूट नहीं खुला और वह शहीद हो गए.

शहीद को दी अंतिम विदाई
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े लोग.

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सूरजपाल अपने पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और मां को छोड़ गया. इससे पहले पाकिस्तान से सर्जिकल स्ट्राइक में अपने शहीदों का बदला लेने जिले के सादाबाद क्षेत्र के गांव खेड़ा बरामई के रहने वाले कमांडो हरवीर सिंह लद्दाख में युद्ध अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से शहीद हुए थे. शहीद के गांव के उमेश पाराशर ने बताया कि वह लेह लद्दाख में ट्रेनिंग के दौरान ऊपर से कूदे. लेकिन, उनका पैराशूट नहीं खुल सका, जिससे उनकी मौत हो गई.

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