लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 25 नंवबर को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के पीड़ितों के संरक्षण व आर्थिक राहत आदि विषय पर सुनवाई पूरी कर लेने का निश्चय किया है. न्यायालय ने कहा है कि यदि उस दिन पक्षकारों की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाती, तो सुनवाई अगले दिन भी जारी रहेगी.
न्यायालय ने सभी पक्षकारों से उस दिन बहस के लिए पूरी तरह तैयार होकर आने को कहा है. यह आदेश जस्टिस राजन रॉय व जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने हाथरस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार का अधिकार’ टाइटल से दर्ज जनहित याचिका पर पारित किया है. वहीं केंद्र सरकार ने एससी-एसटी एक्ट के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के पीड़ितों के संरक्षण व आर्थिक राहत आदि के संबंध में बनाई गई योजनाओं को पेश किया. न्यायालय ने इन्हें रिकॉर्ड पर लेने का भी निर्देश दिया है.
बता दें, कि पिछली दिनों में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता परिवार की अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया था कि परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा मिल चुका है. वहीं मामले में न्याय मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने न्यायालय को बताया कि उक्त अधिनियम व इसके तहत बने विनियम के तहत मृतक के आश्रित को 5 हजार रुपये पेंशन, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, कृषि भूमि, मकान व स्नातक तक की पढाई का खर्च इत्यादि दिए जाने का प्रावधान है. कोर्ट ने इस सम्बंध में बनाई गई योजनाओं की जानकारी केंद्र व राज्य सरकार से मांगी थी.
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