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हाथरस में रंग भरी एकादशी डोला से हुई होली मेलों की शुरुआत - holi

हाथरस में वार्ष्णेय समाज द्वारा गाजे-बाजे के साथ श्री गोविंद भगवान की यात्रा निकाली गई. रविवार से ही यहां होली के मेलों की भी शुरुआत हो गई है.

लोगों ने अपने भगवान के साथ खेली रंग-गुलाल और फूलों की होली
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Published : Mar 17, 2019, 11:01 PM IST

हाथरस : रंगभरी एकादशी से हाथरस में होली के रंग- गुलाल की धूम शुरू हो चुकी है. रविवार को श्री गोविंद भगवान को उनके मंदिर से डोले में बैठाकर नगर भ्रमण कराया गया, जहां नगरवासियों ने श्री गोविंद भगवान के साथ शहर भर में होली खेली. रंगभरी एकादशी से ही होली के मेलों की भी शुरुआत हो जाती है, जो होली के 15 दिन बाद तक चलते रहते हैं.

लोगों ने अपने भगवान के साथ खेली रंग-गुलाल और फूलों की होली

रविवार को नगर के घंटाघर स्थित श्री गोविंद भगवान के मंदिर से श्री गोविंद भगवान की रथ यात्रा शुरू हुई. इस बार यह गोविंद भगवान की 108वीं रथ यात्रा निकाली जा रही है. वार्ष्णेय समाज द्वारा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भगवान की यह यात्रा नगर के विभिन्न भागों से होकर गुजरी, जहां लोगों ने अपने भगवान के साथ रंग-गुलाल और फूलों की होली खेली.

वार्ष्णेय समाज के एक सदस्य प्रवीण वार्ष्णेय ने बताया कि ब्रज में बसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है. हाथरस में श्री गोविंद भगवान प्रबंध समिति द्वारा रंग भरनी एकादशी के दिन गोविंद भगवान का डोला निकाला जाता है, जो नगर में रंग-गुलाल की होली खेलते हुए निकलता है. उन्होंने बताया कि आज के दिन से ही ब्रज में मेलों की शुरुआत भी हो जाती है.

हाथरस : रंगभरी एकादशी से हाथरस में होली के रंग- गुलाल की धूम शुरू हो चुकी है. रविवार को श्री गोविंद भगवान को उनके मंदिर से डोले में बैठाकर नगर भ्रमण कराया गया, जहां नगरवासियों ने श्री गोविंद भगवान के साथ शहर भर में होली खेली. रंगभरी एकादशी से ही होली के मेलों की भी शुरुआत हो जाती है, जो होली के 15 दिन बाद तक चलते रहते हैं.

लोगों ने अपने भगवान के साथ खेली रंग-गुलाल और फूलों की होली

रविवार को नगर के घंटाघर स्थित श्री गोविंद भगवान के मंदिर से श्री गोविंद भगवान की रथ यात्रा शुरू हुई. इस बार यह गोविंद भगवान की 108वीं रथ यात्रा निकाली जा रही है. वार्ष्णेय समाज द्वारा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भगवान की यह यात्रा नगर के विभिन्न भागों से होकर गुजरी, जहां लोगों ने अपने भगवान के साथ रंग-गुलाल और फूलों की होली खेली.

वार्ष्णेय समाज के एक सदस्य प्रवीण वार्ष्णेय ने बताया कि ब्रज में बसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है. हाथरस में श्री गोविंद भगवान प्रबंध समिति द्वारा रंग भरनी एकादशी के दिन गोविंद भगवान का डोला निकाला जाता है, जो नगर में रंग-गुलाल की होली खेलते हुए निकलता है. उन्होंने बताया कि आज के दिन से ही ब्रज में मेलों की शुरुआत भी हो जाती है.

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एंकर- रंगभरी एकादशी से हाथरस में होली के रंग- गुलाल की धूम शुरू हो चुकी है ।रविवार को श्री गोविंद भगवान को उनके मंदिर से डोले में बैठाकर नगर भ्रमण कराया गया। जहां नगरवासियो ने श्री गोविंद भगवान के साथ शहर भर में होली खेली।रंग भरनी एकादशी से ही होली के मेलों की भी शुरुआत हो जाती है जो होली के 15 दिन बाद तक चलते रहेंगे।


Body:वीओ1- रविवार को नगर के घंटाघर स्थित श्री गोविंद भगवान के मंदिर से श्री गोविंद भगवान की रथ यात्रा शुरू हुई। इस बार यह गोविंद भगवान की 108 वी रथ यात्रा निकाली जा रही है। वार्ष्णेय समाज द्वारा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भगवान की यह यात्रा नगर के विभिन्न भागों से होकर गुजरी जहां लोगों ने अपने भगवान के साथ रंग -गुलाल और फूलों की होली खेली।


Conclusion:वीओ2- वार्ष्णेय समाज के एक सदस्य प्रवीण वार्ष्णेय ने बताया कि ब्रज में बसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है। हाथरस में श्री गोविंद भगवान प्रबंध समिति द्वारा रंग भरनी एकादशी के दिन गोविंद भगवान का डोला निकाला जाता है ,जो नगर में रंग-गुलाल की होली खेलते हुए निकलता है। उन्होंने बताया कि आज के दिन से ही ब्रज में मेलों की शुरुआत भी हो जाती है
बाइट- प्रवीण वार्ष्णेय- सदस्य ,वार्ष्णेय समाज
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