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हाथरस: जिला अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही, मरीज को बिना इलाज लौटाया वापस - हाथरस जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में कलयुग के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की घोर अंसवेदनहीनता और लापरवाही सामने आई है. जहां इलाज के लिए पत्नी को लेकर गए एक शख्स को बिना इलाज के ही वापस लौटा दिया गया. वहीं, जब इस मामले में डॉक्टरों से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

पत्नी को जिला अस्पताल ले जाता पीड़ित पति.
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Published : Jun 24, 2019, 10:06 PM IST

हाथरस: केंद्र और प्रदेश की सरकार जहां लोगों के स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी जोर दे रहा है. तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूकता दिख रहा है. ऐसा ही एक मामला हाथरस के जिला महिला अस्पताल से सामने आया है. यहां पत्नी का इलाज कराने गए एक व्यक्ति को बिना इलाज के ही अस्पताल से वापस लौटा दिया गया.

जिला अस्पताल से बिना इलाज के डॉक्टरों ने मरीज को लौटाया वापस.

क्या है पूरा मामला

  • एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस पर फोन किया.
  • काफी देर बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई.
  • युवक अपनी गर्भवती पत्नी को माल ढोने वाले रिक्शे में लेकर महिला अस्पताल पहुंचा.
  • अस्पताल में तैनात किसी कर्मचारी ने पीड़ित महिला को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया.
  • बेबस पति ने अपनी पीड़ित पत्नी को गोद मे उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पहुंचा.
  • जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया.
  • महिला के पति को बाहर जाकर जांच व अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बोला गया.
  • डॉक्टरों ने कहा कि जब तक जांच कराकर नहीं आओगे, तब तक मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
  • पीड़ित महिला के पति से जब बात की गई तो उसने बताया कि एम्बुलेंस को फ़ोन किया था, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई.

एंबुलेंस नहीं आने पर मजबूरी में हमें मरीज को रिक्शा में लेकर जिला अस्पताल आना पड़ा. मेरी पत्नी बहुत परेशान है और डॉक्टर नहीं देख रहे हैं. बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराने को कहकर भेज दिया है, मेरी पत्नी की तबीयत बहुत खराब है.
- पीड़ित महिला का पति

हाथरस: केंद्र और प्रदेश की सरकार जहां लोगों के स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी जोर दे रहा है. तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूकता दिख रहा है. ऐसा ही एक मामला हाथरस के जिला महिला अस्पताल से सामने आया है. यहां पत्नी का इलाज कराने गए एक व्यक्ति को बिना इलाज के ही अस्पताल से वापस लौटा दिया गया.

जिला अस्पताल से बिना इलाज के डॉक्टरों ने मरीज को लौटाया वापस.

क्या है पूरा मामला

  • एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस पर फोन किया.
  • काफी देर बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई.
  • युवक अपनी गर्भवती पत्नी को माल ढोने वाले रिक्शे में लेकर महिला अस्पताल पहुंचा.
  • अस्पताल में तैनात किसी कर्मचारी ने पीड़ित महिला को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया.
  • बेबस पति ने अपनी पीड़ित पत्नी को गोद मे उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पहुंचा.
  • जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया.
  • महिला के पति को बाहर जाकर जांच व अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बोला गया.
  • डॉक्टरों ने कहा कि जब तक जांच कराकर नहीं आओगे, तब तक मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
  • पीड़ित महिला के पति से जब बात की गई तो उसने बताया कि एम्बुलेंस को फ़ोन किया था, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई.

एंबुलेंस नहीं आने पर मजबूरी में हमें मरीज को रिक्शा में लेकर जिला अस्पताल आना पड़ा. मेरी पत्नी बहुत परेशान है और डॉक्टर नहीं देख रहे हैं. बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराने को कहकर भेज दिया है, मेरी पत्नी की तबीयत बहुत खराब है.
- पीड़ित महिला का पति

Intro:एंकर- केंद्र व प्रदेश की सरकारों का लोगो के स्वास्थ्य पर भले ही कितना जोर क्यो न हो,लेकिन स्वास्थ्य महकमा लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नही चूक रहा है।ऐसा ही मामला हाथरस के जिला महिला अस्पताल का सामने आया है जहाँ एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को अस्प्ताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस पर फोन किया लेकिन कई घंटों तक जब एम्बुलेंस नही आयी तो युवक अपनी गर्भवती पत्नी को माल ढोने वाले रिक्शे में लेकर महिला अस्प्ताल पहुँचा,लेकिन अस्प्ताल के डॉक्टरों ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती तक नही किया और अस्प्ताल के बाहर ले जाकर जाँच करवाने की बात कहकर महिला के पति को महिला सहित वापस भेज दिया।Body:वीओ- उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक ओर लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रहे है वही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही स्वास्थ्य सेवाओं में बट्टा लगा रहे है।
ऐसा ही मामला हाथरस में सामने आया है जहाँ एक युवक अपनी गर्भवती पत्नी को महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही एम्बुलेंस सेवा 108 पर फ़ोन करता है लेकिन घंटो बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस नही पहुँचती तो बेबस युवक अपनी गर्भवती पत्नी को माल ढोने वाले रिक्शे से अपने आप लेकर जिला महिला अस्पताल पहुँचता है ।
वही जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की संवेदनहीनता सामने आई जब युवक अपनी पत्नी कप लेकर जिला अस्पताल पहुँचा तो तो जिला अस्पताल में तैनात किसी कर्मचारी ने पीड़ित महिला को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नही कराया।वही महिला के बेबस पति ने अपनी पीड़ित पत्नी को अपनी गोद मे लेकर अस्प्ताल में भर्ती करने के लिए पहुँचा। लेकिन जिला महिला अस्प्ताल में तैनात डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया और महिला के पति से कहा कि बाहर जाकर महिला की जांच व अल्ट्रासाउंड करा लें और जाँच जबतक कराकर लेकर नही आओगे तब तक मरीज़ को भर्ती नही किया जाएगा।
वही जब इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो वह मामले में कुछ भी कहने से बचते नज़र आ रहे है।

वही पीड़ित महिला के पति से जब बात की गई तो उसने बताया कि एम्बुलेंस को फ़ोन किया था लेकिन एम्बुलेंस नही आई थी मजबूरी में हमे मरीज़ को रिक्शा में लेकर आना पड़ा ।मेरी पत्नी बहुत परेशान है और डॉक्टर नही देख रहे है और बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराने को कहकर भेज दिया है मेरी पत्नी की तबियत बहुत खराब है।


बाईट- पीड़ित महिला का पति।Conclusion:हाथरस के जिला अस्पताल में लगातार चिकित्सकों की संवेदनहीनता के मामले सामने आते जा रहे है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी कोई कार्यवाही नही करते नज़र आ रहे है।वही अब देखना यह होगा कि क्या ऐसा ही रवैया जिला अस्पताल में चलता रहेगा या दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी।
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