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हाथरस: झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से किशोरी की मौत - हाथरस समाचार

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक झोलाछाप डॉक्टर ने 14 वर्षीय किशोरी की जान ले ली. डॉक्टर के गलत इलाज के बाद से किशोरी की हालत बिगड़ गई, जिससे किशोरी की मां उसे जिला अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने किशोरी को मृत घोषित कर दिया.

झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से किशोरी की मौत.
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Published : Nov 11, 2019, 7:53 AM IST

हाथरस: वायरल बुखार से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. जिले के हसायन कोतवाली इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज करने के बाद 14 वर्षीय किशोरी की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से किशोरी की मौत.

हसायन कोतवाली इलाके के गांव नगला डांडा की 14 वर्षीय किशोरी झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज करने से मौत के मुंह में समा गई. दरअसल, किशोरी पिछले कई दिनों से वायरल बुखार से जूझ रही थी, जिसका इलाज गांव के झोलाछाप से कराया जा रहा था. झोलाछाप के गलत इलाज करने से किशोरी की हालत और बिगड़ गई, जिससे उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया.

आर्थिक तंगी के चलते बेटी का इलाज नहीं हो पाया है और घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है. पति की कुछ साल पहले ही मौत हो गई थी, जिसके बाद से आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. किसी तरह गांव के लोगों की मदद से बेटी का इलाज करा रही थी. अब तो बेटी ने भी साथ छोड़ दिया.
फूलवती, मृतका की मां

किशोरी को मृत अवस्था में लाया गया था. उसको बुखार आया था और मृतका की मां गांव में ही किसी झोलाछाप से उसका इलाज करा रही थी. शव को सरकारी वाहन से उसके गांव भिजवा दिया गया है.
डॉ. सूर्य प्रकाश, चिकित्सक जिला अस्पताल

हाथरस: वायरल बुखार से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. जिले के हसायन कोतवाली इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज करने के बाद 14 वर्षीय किशोरी की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से किशोरी की मौत.

हसायन कोतवाली इलाके के गांव नगला डांडा की 14 वर्षीय किशोरी झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज करने से मौत के मुंह में समा गई. दरअसल, किशोरी पिछले कई दिनों से वायरल बुखार से जूझ रही थी, जिसका इलाज गांव के झोलाछाप से कराया जा रहा था. झोलाछाप के गलत इलाज करने से किशोरी की हालत और बिगड़ गई, जिससे उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया.

आर्थिक तंगी के चलते बेटी का इलाज नहीं हो पाया है और घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है. पति की कुछ साल पहले ही मौत हो गई थी, जिसके बाद से आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. किसी तरह गांव के लोगों की मदद से बेटी का इलाज करा रही थी. अब तो बेटी ने भी साथ छोड़ दिया.
फूलवती, मृतका की मां

किशोरी को मृत अवस्था में लाया गया था. उसको बुखार आया था और मृतका की मां गांव में ही किसी झोलाछाप से उसका इलाज करा रही थी. शव को सरकारी वाहन से उसके गांव भिजवा दिया गया है.
डॉ. सूर्य प्रकाश, चिकित्सक जिला अस्पताल

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एंकर- हसायन कोतवाली इलाके के गांव नगला डांडा की 14 साल की लड़की की आर्थिक तंगी और झोलाछाप के इलाज की वजह से जान चली गई।रविवार को हालत खराब होने पर उसे मां पड़ोसियों की मदद से जिला अस्पताल पहुंची थी। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


Body:वीओ1- हसायन के नगला डांडा में फूलवती अपनी 14 साल की बेटी शिवानी के साथ रहा करती थी ।शिवानी की को पिछले 6-7 दिनों से बुखार आ रहा था।फूलवती ने पहले एक सरकारी अस्पताल से उसे दवा दिलाई उसके बाद उसका इलाज गांव के एक झोलाछाप से कराने लगी।जब पैसे खत्म हो गए तो उसका इलाज बंद हो गया। रविवार को जब उसकी हालत बिगड़ी और पड़ोसियों को पता चला तो वे उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विधवा फूलवती को एकमात्र सहारा बेटी का था वह भी छूट गया, वह भी गरीबी और झोलाछाप के इलाज की वजह से। जिला अस्पताल में फूलवती ने बताया कि उसने अपनी बेटी को पहले सरकारी अस्पताल से उसके बाद गांव के एक डॉक्टर से दवा दिलाई थी ।लेकिन जब पैसे खत्म हो गए तो वह उसका इलाज न करा सकी। फूलवती के पड़ोसी कमल सिंह ने बताया फूलवती ने निहायत गरीब है ।इसके पास कुछ नहीं है पड़ोसी जो मदद कर देते हैं उसी से उसनेअपनी बेटी का झोलाछाप से इलाज करा लिया। वहीं अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर सूर्य प्रकाश ने बताया कि लड़की को मृत अवस्था में लगाया गया था। बताया था कि उसे बुखार आया था और गांव में ही किसी झोलाछाप से उसका इलाज कराया गया था।उन्होंने बताया कि शव को सरकारी वाहन से उसके गांव भिजवा दिया गया है।
बाईट1- फूलवती- मृत लड़की की मां
बाईट2- कमल सिंह- फूलवती का पड़ोसी
बाईट3- डा.सूर्य प्रकाश -चिकित्सक जिला अस्पताल


Conclusion:वीओ2- यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब किसी बच्ची की झोलाछाप के इलाज से मौत हुई हो।पिछले कुछ दिनों में जिला अस्पताल में ही ऐसी तीन लड़कियों की आते -आते या इलाज शुरू होते ही मौत हुई है। जिनका इलाज झोलाछाप से कराया गया था।

अतुल नारायण
9045400210
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