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पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने सपा में जाने की अटकलों को किया खारिज - उत्तर प्रदेश खबर

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने खुद के समाजवादी पार्टी में जाने की खबरों को सिरे से नकारा है. उन्होंने कहा इसे लेकर अभी न तो मेरी किसी से बात हुई है और न ही मुलाकात हुई है. उन्होंने बताया कि वह जब कभी भी कोई निर्णय लेंगे अपने लोगों से सलाह मशविरा करने के बाद ही लेंगे.

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय
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Published : Jun 15, 2021, 8:46 PM IST

हाथरस: बहुजन समाज पार्टी से निलंबित चल रहे कद्दावर नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने की अटकलों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि मेरी पार्टी बदलने को लेकर न किसी से मुलाकात हुई है न बात हुई है. पूर्व मंत्री का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव का पार्टीगत नहीं होता है यह चुनाव सिर्फ मैनेजमेंट का होता है.

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय


मैनेजमेंट का होता है चुनाव
पंचायत चुनाव पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव कभी भी पार्टी का नहीं होता है. उन्होंने बताया कि यह चुनाव सिर्फ मैनेजमेंट का होता है. उन्होंने बताया कि इसमें लोग चुनाव जीतकर कहीं से आते हैं और वोट कहीं जा कर देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी के पास नहीं गया हूं और न ही मैंने कोई पार्टी तोड़ी है. उनकी माने तो वह बीएसपी से निलंबित है मगर निष्काषित नहीं हैं. आपको यह भी बतादें कि वर्तमान में जिले की सादाबाद सीट से वह विधायक भी हैं.

पत्नी हैं बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी
आपको बता दें कि रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय बीजेपी से प्रत्याशी के रूप में हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मैदान में. सीमा उपाध्याय सन् 2000 तथा 2005 में हाथरस जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, और 2009 में आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट से बीएसपी सांसद रही हैं. रामवीर उपाध्याय आने वाले समय में किस पार्टी में होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर वह कहते हैं कि कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में साम, दाम, दंड व भेद सभी नीति अपनाई जाती हैं.

हाथरस: बहुजन समाज पार्टी से निलंबित चल रहे कद्दावर नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने की अटकलों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि मेरी पार्टी बदलने को लेकर न किसी से मुलाकात हुई है न बात हुई है. पूर्व मंत्री का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव का पार्टीगत नहीं होता है यह चुनाव सिर्फ मैनेजमेंट का होता है.

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय


मैनेजमेंट का होता है चुनाव
पंचायत चुनाव पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव कभी भी पार्टी का नहीं होता है. उन्होंने बताया कि यह चुनाव सिर्फ मैनेजमेंट का होता है. उन्होंने बताया कि इसमें लोग चुनाव जीतकर कहीं से आते हैं और वोट कहीं जा कर देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी के पास नहीं गया हूं और न ही मैंने कोई पार्टी तोड़ी है. उनकी माने तो वह बीएसपी से निलंबित है मगर निष्काषित नहीं हैं. आपको यह भी बतादें कि वर्तमान में जिले की सादाबाद सीट से वह विधायक भी हैं.

पत्नी हैं बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी
आपको बता दें कि रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय बीजेपी से प्रत्याशी के रूप में हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मैदान में. सीमा उपाध्याय सन् 2000 तथा 2005 में हाथरस जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, और 2009 में आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट से बीएसपी सांसद रही हैं. रामवीर उपाध्याय आने वाले समय में किस पार्टी में होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर वह कहते हैं कि कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में साम, दाम, दंड व भेद सभी नीति अपनाई जाती हैं.

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