हाथरस: प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. सीट पर 1996 से लेकर 2012 के चुनाव तक चार बार बसपा का कब्जा रहा है. जिसमें लगातार तीन बार बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय जीत हासिल की थी. 2017 के चुनाव में सीट पर भाजपा ने फतह हासिल की थी. देखना होगा कि इस चुनाव में इस सीट पर कोई पार्टी भाजपा को मात दे पाएगी या फिर बीजेपी अपनी सीट बरकरार रखेगी.
बीजेपी की कोशिश
हाथरस शहर पौराणिक महत्व का शहर है और यह शहर अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा साहित्यिक अभिरुचि में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. हाथरस में जाट राजा महेंद्र प्रताप के सजातीय बंधुओं की अच्छी खासी संख्या है, जो विधानसभा के परिणामों को प्रभावित कर सकती है. बीजेपी की पूरी कोशिश राजा जी को भुनाने की रहेगी.
चार बार रहा बसपा का कब्जा
हाथरस विधानसभा सीट पर 1996 से लेकर 2012 तक के पिछले चार चुनावों से लगातार बसपा का कब्जा रहा है. परसीमन से पहले तक यह सीट सामान्य थी, जिस पर बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय लगातार तीन बार लड़कर चुनाव जीते थे. परसीमन के बाद ये सीट 2012 के चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए रिर्जव कर दी गयी थी. जिसकी वजह से रामवीर उपाध्याय को यह सीट छोड़नी पड़ी. पार्टी ने 2012 के चुनाव में यहां से परसीमन के बाद खत्म हुई सासनी विधान सभा के विधायक गेंदालाल चैधरी को टिकिट दिया था. 2012 के पिछले चुनाव में गेंदालाल की जीत हुई थी,
उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी राजेश दिवाकर को 9 हजार 128 वोटों से हराया था. पिछले 2017 के चुनाव में बीजेपी ने भी परसीमन में खत्म हुई सासनी सीट से तीन बार पार्टी के विधायक रहे और दलबदल के बाद फिर पार्टी में शामिल हुए. हरीशंकर माहौर को हाथरस सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया था. उन्होंने अपने निकटतम बीएसपी के प्रत्याशी बृजमोहन राही को 70661 मतों के बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. कांग्रेस के राजेश राज जीवन को 27301 मतों से ही संतोष करना पड़ा था. गेंदालाल चौधरी ने दलबदलकर आएलडी का दामन थमा लेकिन उनकी जमानत जब्त हुई और उन्हें मात्र 3616 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
![हरीशंकर माहौर, मौजूदा भाजपा विधायक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-hat-01-hathras-assembly-photo-up10028_16092021155830_1609f_1631788110_505.jpg)
बुनियादी सुविधाओं का है अभाव
हाथरस विधानसभा के मुख्य मुद्दों की बात की जाए तो बेरोजगारी, उजड़ते परंपरागत उद्योग धंधे, तकनीकी, उच्च व व्यवसायिक शिक्षा का अभाव है. चिकित्सा के क्षेत्र में भी यहां बुरा हाल है. इलाज के लिए अलीगढ़ अथवा आगरा जाना पड़ता है. उद्योग की बात करें तो एक जिला एक उत्पाद में हींग को रखा गया है, लेकिन इस पर भी अफगानिस्तान के घटनाक्रम के बाद असर पड़ता दिखाई दे रहा है. यदि अफगानिस्तान से संबंध बेहतर नहीं हुए तो इस उद्योग पर भी खतरा पैदा हो सकता है.
![रामवीर उपाध्याय, तीन बार हाथरस विधानसभा से रहे विधायक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-hat-01-hathras-assembly-photo-up10028_16092021155830_1609f_1631788110_291.jpg)
![बृजमोहन राही, 2017 में रहे बसपा प्रत्यशी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-hat-01-hathras-assembly-photo-up10028_16092021155830_1609f_1631788110_538.jpg)
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
रामवीर उपाध्याय | बसपा | 67,925 |
देवस्वरूप | रालोद-भजपा गठबंधन | 42,233 |
हिलाल अहमद कुरैशी | सपा | 9,205 |
भगवती पौरुष | कांग्रेस | 2,106 |
2007 के चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
रामवीर उपाध्याय | बसपा | 56,695 |
देवेंद्र अग्रवाल | रालोद | 41,285 |
देवस्वरूप | सपा | 12,722 |
रामवीर भैया जी | भाजपा | 5,613 |
2012 के चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
गेंदालाल चौधरी | बसपा | 59,161 |
राजेश दिवाकर | भाजपा | 50,488 |
रामनारायण काके | सपा | 46,204 |
राजेश राज जीवन | कांग्रेस | 30,186 |
2017 के चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
हरिशंकर माहौर | भाजपा | 1,33,840 |
बृजमोहन राही | बसपा | 63,179 |
राजेशराज जीवन | कॉग्रेस | 27,301 |
गेंदालाल चौधरी | आरएलडी | 3,616 |
हाथरस विधानसभा में-
मतदाताओं की कुल संख्या | पुरूष मतदाता | महिला मतदाता |
4,01,790 | 2,17,378 | 1,84,412 |