हाथरस: यूपी के हाथरस में खेत में हुई वारदात के सबूत नष्ट न हों, इसलिए खेत मालिक किसान को पुलिस प्रशासन ने उसकी बाजरे की फसल में न तो पानी लगाने दिया और न ही समय से उसे फसल काटने दी. अब उसकी आठ बीघा की बाजरे की फसल चौपट हो गई है, जिसे लेकर वह परेशान है. मुआवजे की भी उसे ज्यादा उम्मीद नहीं है.
यहां हुई थी वारदात
बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस के चंदपा थाने के एक गांव में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. वहीं इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. तभी से आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह मामला सुर्खियों में है. वारदात के सभी चार आरोपी जेल में हैं. इस मामले की जांच में सीबीआई की टीम जांच-पड़ताल में जुटी है.
खेत मालिक को हुआ भारी नुकसान
14 सितंबर को युवती के साथ वारदात गांव के ही सोम सिंह के खेत में हुई थी. उसके 8 बीघा खेत में बाजरे की फसल खड़ी थी. वारदात के सबूत नष्ट न हो जाएं, इसलिए उसे न खेत में पानी लगाने दिया गया जिससे उसकी बाजरे की फसल में दाना नहीं पड़ा, जिससे उसे काफी नुकसान हो गया है. इतना ही नहीं समय से फसल भी नहीं काटने दी गई. इससे उसका खेत अगली फसल के लिए भी तैयार नहीं हो पा रहा है.
खेत में बाजरे की फसल खड़ी थी. सबूत नष्ट न हो जाएं, इसलिए पुलिस प्रशासन ने पानी नहीं लगने दिया. खेत में पानी नहीं लगा तो उसमें दाना नहीं पड़ा. कहा गया कि जब तक सीबीआई जांच पूरी न हो जाए, तब तक फसल मत काटना.सीबीआई जांच हो गई है.सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि घटना वाले स्थान को छोड़कर बाकी की फसल काट लें. लेकिन अब 8 बीघा की बाजरे की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, जिसमें 50 से 60 हजार रुपये का नुकसान हुआ है. लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हो रही.
सोम सिंह, खेत मालिक