हाथरसः दलित बिटिया के साथ दरिंदगी के बाद जिले में 13 अक्टूबर 2020 को थाना सासनी क्षेत्र के एक गांव में घर के बाहर खेल रही चार साल की एक मासूम के साथ गांव के ही एक शख्स ने रेप किया था. अभियोजन और पुलिस की प्रभावी पैरवी के के बाद मामले में 50 दिन के भीतर ही पॉक्सो जज ने आरोपी युवक को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई.
यही नहीं थाना चंदपा के एक गांव में डेढ़ साल की एक मासूम के साथ दरिंदे ने रेप की वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में भी पुलिस और अभियोजन की प्रवाभी पैरवी की वजह से पॉक्सो जज ने 23 दिन में ही आरोपी को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई.
बच्चियों से हुई यौन हिंसा के मामले में पुलिस काफी सतर्क हुई है. वहीं 29 जुलाई को मुरसान कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला भाऊ में एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के चाल चलन पर शक होने पर उसकी हत्या कर देने और अंतिम संस्कार के नाम पर उसकी लाश को जला देने का मामला सामने आया है. शिकायत पर थाना पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है. इसके साथ ही हत्या आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके चिता से मृतक के अवशेषों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी. फिलहाल आरोपी पति फरार है. जिसकी खोज में पुलिस लगी हुई है.
इन मुख्य मामलों के अलावा महिला संबंधी हुए अपराधों के तमाम मामले दर्ज हुए हैं. महिलाओं पर हो रहे अपराधों में कोई खास अंतर नही आया है. इतना जरूर है कि महिला संबधी मामलों को लेकर हाथरस पुलिस पहले से अधिक सजग जरूर दिखाई पड़ रही है.
14 सितंबर 2020 को चंदपा कोतवली क्षेत्र की एक बिटिया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और जानलेवा हमले की वारदात हुई थी. इलाज के दौरान 29 सितंबर को बिटिया ने दिल्ली में दम तोड़ दिया था. इस घटना के बाद बिटिया के शव के अंतिम संस्कार को लेकर खासा बवाल हुआ था. केस के चारों आरोपी संदीप, रवि, रामू और लवकुश अलीगढ़ जेल में बंद हैं. सीबीआई ने इन चारों के खिलाफ विशेष न्यायालय एससी-एसटी में चार्जशीट दाखिल की थी. अभी भी कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. लोगों को इसके फैसले का इंतजार है.
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इस मामले में शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवी हरीश कुमार शर्मा का कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराध सामूहिक चिंता और चिंतन का विषय है. इसकी समीक्षा की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों के बहुत से मामले थाने तक पहुंचते ही नहीं हैं. अब स्थिति ये है कि बूलगढ़ी कांड के बाद से हाथरस में पुलिस का महिला अपराधों को लेकर नजरिया बदला है. पुलिस पहले से अधिक सख्त और सक्रिय हुई है.