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हाथरस: सोशल ऑडिट में हुआ वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा, कार्रवाई शुरू

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत हुई सोशल ऑडिट के दौरान 17 लाख 22 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है. विभाग की ओर से इस धनराशि की वसूली की कार्रवाई संबंधित अधिकारियों से शुरू कर दी गई है.

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वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा.
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Published : Dec 29, 2019, 8:05 AM IST

हाथरस: जिले में हुए सोशल ऑडिट के दौरान ग्राम पंचायतों में 17 लाख 22 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है. विभाग की ओर से इस धनराशि की वसूली की कार्रवाई संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव और ग्राम पंचायत तकनीकी सहायकों और ग्राम प्रधानों से शुरू कर दी गई है. हालांकि सोशल ऑडिट के बाद आई अनियमितताओं के कारण मनरेगा के तहत हुए ग्राम पंचायतों में काम की स्थिति सामने आ गई है.

वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा.

अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर खड़े हुए सवाल
सोशल ऑडिट के दौरान वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुए काम में 4 ब्लॉक में ही 17 लाख 22 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है. इन आंकड़ों ने मनरेगा के तहत होने वाले काम में संबंधित ग्राम पंचायत और ब्लॉक बार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है. सोशल ऑडिट में तमाम तरीके की अनियमितताएं सामने आई हैं. कई स्थलों पर काम होने के बाद साइन बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं और कई मानक के अनुसार कार्य भी नहीं पाए गए.

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए निर्देश जारी
शासन स्तर से ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कामों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत की सोशल ऑडिट करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस क्रम में विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट कराया जा रहा है. वर्तमान में जिले के ब्लॉक सहपऊ, हसायन, मुरसान ,और हाथरस की ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट कराई गई है.

सोशल ऑडिट एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें न केवल मनरेगा, बल्कि विभिन्न शासकीय योजना जिसमें आवासी योजना भी सम्मिलित है. उनका भी सामाजिक अंकेक्षण ग्राम समाज द्वारा किया गया है. वर्ष 2019- 20 में अभी तक केवल 4 विकास खंडों का सोशल ऑडिट हुआ है.
-अवधेश सिंह यादव, जिला विकास अधिकारी

हाथरस: जिले में हुए सोशल ऑडिट के दौरान ग्राम पंचायतों में 17 लाख 22 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है. विभाग की ओर से इस धनराशि की वसूली की कार्रवाई संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव और ग्राम पंचायत तकनीकी सहायकों और ग्राम प्रधानों से शुरू कर दी गई है. हालांकि सोशल ऑडिट के बाद आई अनियमितताओं के कारण मनरेगा के तहत हुए ग्राम पंचायतों में काम की स्थिति सामने आ गई है.

वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा.

अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर खड़े हुए सवाल
सोशल ऑडिट के दौरान वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुए काम में 4 ब्लॉक में ही 17 लाख 22 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है. इन आंकड़ों ने मनरेगा के तहत होने वाले काम में संबंधित ग्राम पंचायत और ब्लॉक बार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है. सोशल ऑडिट में तमाम तरीके की अनियमितताएं सामने आई हैं. कई स्थलों पर काम होने के बाद साइन बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं और कई मानक के अनुसार कार्य भी नहीं पाए गए.

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए निर्देश जारी
शासन स्तर से ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कामों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत की सोशल ऑडिट करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस क्रम में विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट कराया जा रहा है. वर्तमान में जिले के ब्लॉक सहपऊ, हसायन, मुरसान ,और हाथरस की ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट कराई गई है.

सोशल ऑडिट एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें न केवल मनरेगा, बल्कि विभिन्न शासकीय योजना जिसमें आवासी योजना भी सम्मिलित है. उनका भी सामाजिक अंकेक्षण ग्राम समाज द्वारा किया गया है. वर्ष 2019- 20 में अभी तक केवल 4 विकास खंडों का सोशल ऑडिट हुआ है.
-अवधेश सिंह यादव, जिला विकास अधिकारी

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एंकर- हाथरस जिले में ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत हुई सोशल ऑडिट के दौरान ग्राम पंचायतों में 17 लाख ₹22000 की वित्तीय अनियमितता सामने आई है विभाग की ओर से इस धनराशि की वसूली की कार्यवाही संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव व ग्राम पंचायत तकनीकी सहायकों और ग्राम प्रधानों से शुरू कर दी गई है लेकिन सोशल ऑडिट के बाद आई अनियमितताओं के कारण हाथरस जिले में मनरेगा के तहत हुए ग्राम पंचायतों में काम की स्थिति सामने आ गई है।


Body:वीओ- दरअसल आपको बता दें की शासन स्तर से ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कामों मैं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत की सोशल ऑडिट करने के निर्देश जारी किए गए हैं इस क्रम में विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट कराया जा रहा है वर्तमान में जिले के ब्लाक सहपऊ, हसायन, मुरसान ,और हाथरस की ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट कराई गई है इस सोशल ऑडिट में तमाम तरीके की अनियमितताएं सामने आई हैं इन ब्लॉकों में मनरेगा के तहत हुए वित्तीय काम में भी आने में दाएं निकली हैं कई स्थलों पर काम होने के बाद साइन बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं और कहीं मानक के अनुसार कार्य भी नहीं पाए गए सोशल ऑडिट के दौरान वित्तीय वर्ष 2019 -20 मैं हुए काम में मात्र 4 ब्लॉक में ही 17 लाख 22000 रुपए की वित्तीय अनियमितताएं बरतना सामने आया है इन आंकड़ों ने मनरेगा के तहत होने वाले काम में संबंधित ग्राम पंचायत व ब्लॉक बार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं अब विभाग की ओर से इन वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कार्यवाही शुरू कर दी गई है इस अनियमितता में दोषी पाए जाने वाले संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों व तकनीकी सहायकों और ग्राम प्रधानों से धनराशि की वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।


जब इस मामले में हाथरस के जिला विकास अधिकारी अवधेश सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोशल ऑडिट एक नियमित प्रक्रिया है जिसमें न केवल मनरेगा अपितु विभिन्न शासकीय योजना जिसमें आवासी योजना भी सम्मिलित है उनका भी सामाजिक अंकेक्षण ग्राम समाज द्वारा किया गया है वर्ष 2019- 20 में अभी तक केवल 4 विकास खंडों का सोशल ऑडिट हुआ है और उसके क्रम में अभी तक 17 लाख 22 हजार विभिन्न विभागों पर आने में बताएं पाई गई है इसके तहत अधिकारियों से वसूली की जा रही है।


बाइट अवधेश सिंह यादव- जिला विकास अधिकारी हाथरस।


Conclusion:हाथरस जिले में ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत हुई सोशल ऑडिट के दौरान 17 लाख 22 हजार रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है विभाग की ओर से इस धनराशि की वसूली की कार्यवाही संबंधित अधिकारियों से शुरू कर दी गई है लेकिन अन्य नेताओं के कारण जिले में मनरेगा के तहत हुए काम की स्थिति सामने आ गई है।
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