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कोरोना के प्रति सुरक्षा कवच बनेगा 'आयुष संजीवनी' एप, ऐसे करेगा काम

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Published : May 12, 2020, 11:49 PM IST

आयुष मंत्रालय की ओर से आयुष संजीवनी एप लाया गया है. इस एप में कोरोना वायरस से संबंधित कई सारे निर्देश हैं. सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें.

सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर
सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर

हाथरस: कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आया है. इस एप में जहां आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं. वहीं इसमें लोगों के सवाल-जवाब का भी प्रावधान किया गया है. इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है.

लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं और कितने दिनों में फायदा हुआ. इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ. हाथरस जिले के सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि यह बहुत ही अच्छा एप है. इसमें आयुष मंत्रालय की सलाह भी उपलब्ध है. सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें.

कोविड-19 की समस्या के समाधान के लिए काम
भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है. आयुर्वेद के क्षेत्र में आयुष मंत्रालय अग्रणी रहा है. आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से मंत्रालय देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है. इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गई है. यह एप कोरोना की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा.

50 लाख लोगों के अनुभवों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य
आयुष मंत्रालय लोगों के बीच कोरोना की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आंकलन कर रहा है. आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे.

जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर
आयुष मंत्रालय उच्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसंख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है. इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा. देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों और कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा. इसके तहत पांच लाख की आबादी को कवर करने की योजना है. यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आंकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी.

कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह

  • दिन में बार-बार गुनगुना पानी पीयें.
  • रोजाना 30 मिनट तक योगा करें.
  • भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें.
  • एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें.
  • दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पीयें.
  • दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पीयें.
  • तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें.
  • एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएं और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें (थूक दें).
  • गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें.
  • गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं.

हाथरस: कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आया है. इस एप में जहां आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं. वहीं इसमें लोगों के सवाल-जवाब का भी प्रावधान किया गया है. इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है.

लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं और कितने दिनों में फायदा हुआ. इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ. हाथरस जिले के सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि यह बहुत ही अच्छा एप है. इसमें आयुष मंत्रालय की सलाह भी उपलब्ध है. सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें.

कोविड-19 की समस्या के समाधान के लिए काम
भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है. आयुर्वेद के क्षेत्र में आयुष मंत्रालय अग्रणी रहा है. आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से मंत्रालय देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है. इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गई है. यह एप कोरोना की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा.

50 लाख लोगों के अनुभवों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य
आयुष मंत्रालय लोगों के बीच कोरोना की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आंकलन कर रहा है. आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे.

जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर
आयुष मंत्रालय उच्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसंख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है. इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा. देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों और कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा. इसके तहत पांच लाख की आबादी को कवर करने की योजना है. यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आंकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी.

कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह

  • दिन में बार-बार गुनगुना पानी पीयें.
  • रोजाना 30 मिनट तक योगा करें.
  • भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें.
  • एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें.
  • दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पीयें.
  • दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पीयें.
  • तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें.
  • एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएं और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें (थूक दें).
  • गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें.
  • गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं.
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