हाथरसः जिले के कस्बा सहपऊ में एक विशाल मंदिर मां भद्रकाली शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है. मां अपने धाम पर आने वाले हर एक व्यक्ति की मनोकामना पूरी करती हैं. यही कारण है कि कभी पीपल के नीचे बैठी मां को भक्तों ने विशाल भवन में विराजमान किया है.
मां और मंदिर के पौराणिक महत्व के बारे में हम बात करें तो लोग बताते हैं कि इस जगह पर पहले बारात रुका करती थी. बरात में से किसी युवक ने वहां आई एक बालिका पर व्यंग किया था, जिसके बाद पूरी की पूरी बरात पत्थर के रूप में तब्दील हो गई थी, जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं. कहा जाता है कि जिस बालिका से व्यंग किया गया वह मां भद्रकाली ही बालिका के रूप में वहां पहुंची थीं.
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लोग बताते हैं कि महाभारत काल का यह कस्बा सहपऊ है. जहां मां भद्रकाली का मंदिर है. इस कस्बे का नाम पांचों पांडवों में सहदेव के नाम पर सहपऊ पड़ा. यह मंदिर करीब 500 साल पुराना बताया जाता है. बताते हैं कि मां का स्थान पहले एक पीपल के पेड़ के नीचे था. भक्तों पर मां की कृपा होती रही तो मां को उन्होंने विशाल भवन में विराजमान कर दिया.