हरदोई: जिले में निजी नर्सिंग होम के खिलाफ लापरवाही की शिकायतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है. सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने दो नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस को निरस्त कर दिया.
जिले में 100 से अधिक निजी नर्सिंग होम संचालित हैं, इनमें 34 प्राइवेट पैथोलॉजी शामिल है. नर्सिंग होम में चिकित्सकों के नहीं मिलने की शिकायत आए दिन स्वास्थ्य विभाग को मिल रही थी, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर ऐसे नर्सिंग होम को चिन्हित किया. जिसके बाद सोमवार को एडिशनल सीएमओ डॉ. स्वामी दयाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य की टीम ने सर्कुलर रोड स्थित सिटी नर्सिंग होम और नेशनल नर्सिंग होम का निरीक्षण किया. इस दौरान मौके से चिकित्सक नदारद रहें.
रजिस्ट्रेशन कराने वाले नर्सिंग होम के चिकित्सक शपथ पत्र पर स्वास्थ्य विभाग को लिख कर देते हैं कि वह 24 घंटे उपस्थित रहकर मरीजों का इलाज करेंगे. अपने तय समय के मुताबिक ओपीडी में मरीज देखेंगे,जबकि इसके विपरीत रजिस्ट्रेशन के बाद चिकित्सक अस्पताल में बैठते ही नहीं है और दूसरे शहरों में प्रैक्टिस करते हैं.
एक महिला और बच्चे की हो चुकी है मौत
बीते 15 नवंबर को शहर के बाबा नीमकरोरी नर्सिंग होम में चिकित्सक की लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी. वहीं हरपालपुर क्षेत्र के गदनपुर की रहने वाली गर्भवती महिला रेनू को इलाज के लिए 22 नवंबर को भर्ती कराया गया था, लेकिन चिकित्सक के अभाव में सिटी हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो गई थी. इन दोनों ही मामलों में स्वास्थ्य से शिकायत की गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर अभियान चलाया है. अभी तक विभाग की ओर से जिले के तीन निजी नर्सिंग होम के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं. वहीं अन्य नर्सिंग होम की जांच की जा रही है.
शिकायत के मिलने पर हुई कार्रवाई
वहीं एडिशनल सीएमओ डॉ. स्वामी दयाल ने बताया कि निजी नर्सिंग होम को लेकर शिकायतें मिल रही थी कि नर्सिंग होम में समय से चिकित्सक नहीं मिलते. ऐसे में जिसे के सभी निजी नर्सिंग होम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. नर्सिंग होम संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सोमवार को दो नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है.