हरदोई: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में प्रदेश सरकार के मंडी परिषद में खरीद को लेकर टैक्स बढ़ाने के बाद व्यापारियों ने आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है. सरकार से अनाज खरीद को लेकर दोहरी नीति के खिलाफ व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. मंडी परिषद का कामकाज ठप हो गया है. ऐसे में अपनी मांगें पूर्ण न होने तक व्यापारियों ने प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है.
दरअसल, प्रदेश सरकार ने नई नीति के तहत मंडी परिषद के अंदर अनाज खरीदने पर टैक्स लगा दिया है, जबकि मंडी परिषद के बाहर अनाज खरीदने पर टैक्स को लेकर छूट दी गई है, जिसके तहत मंडी परिषद के बाहर अनाज की खरीद करने वाले व्यापारियों से टैक्स नहीं पड़ेगा. व्यापारियों ने इसे सरकार की दोहरी नीति करार दिया है.
जिले की नवीन गल्ला मंडी परिसर में मंडी परिषद के लाइसेंस धारक व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया. ये लोग मंडी में आने वाले अनाज की खरीद करते थे, लेकिन अब यह सरकार की नई टैक्स नीति के चलते सरकार के खिलाफ लामबंद हैं और आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में मंडी के बाहर गल्ला कारोबार को स्वीकृति दे दी है और इसको कर मुक्त रखा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद में होने वाले कारोबार पर दो प्रतिशत टैक्स लगा दिया है. जिसके चलते मंडी परिषद के अंदर अनाज की खरीद करने वाले व्यापारियों को दो प्रतिशत मंडी शुल्क देना होगा, जबकि मंडी परिषद के बाहर जो व्यापारी अनाज खरीद करेंगे वह कर मुक्त रहेंगे. ऐसे में लाइसेंस धारी व्यापारी बेहद खफा हैं और सरकार से दोहरी नीति को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इनकी मानें तो सरकार जब तक अपना दोहरा रवैया खत्म नहीं करेगी तब तक इनकी हड़ताल जारी रहेगी.
इनकी मांग है कि सरकार इस दोहरी नीति को खत्म करें ताकि मंडी परिषद के अंदर लाइसेंस धारी व्यापारी अपना व्यापार कर सकें. इस बारे में मंडी परिषद के व्यापारी ब्रजकिशोर गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने मंडी परिषद के बाहर व्यापार करने पर टैक्स को लेकर छूट दी है और प्रदेश सरकार को मंडियों को अपने हिसाब से चलाने का निर्देश दिया है. जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के अंदर अनाज की खरीद करने पर अनाज कारोबार का दो प्रतिशत मंडी शुल्क लगा दिया है, जिससे मंडी परिषद के अंदर खरीद करने वाले व्यापारियों को टैक्स देना पड़ेगा, जबकि मंडी के बाहर खरीद करने वाले व्यापारियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. सरकार के इस कदम से सभी व्यापारी खफा हैं. उनकी मांग है कि सरकार इस दोहरी नीति को बदले जब तक सरकार इस दोहरी नीति को खत्म नहीं करेगी, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.