हरदोई: आधुनिकता के दौर में विलुप्त होती जा रही रंगमंच की विधा को एक बार फिर से जिंदा करने के लिए रस खान प्रेक्षागृह में रंगमंच का आयोजन हुआ. इस रंगमंच ने कलाकारों ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'बूढ़ी काकी' को बहुत ही अच्छे ढंग से नाट्य के रूप में प्रस्तुत किया.
मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'बूढ़ी काकी' की रंगमंच पर प्रस्तुति
- रस खान प्रेक्षागृह में रंगमंच का हुआ आयोजन
- रंगमंच पर कलाकारों ने किया मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'बूढ़ी काकी' को नाट्य के रूप में प्रस्तुत
- विलुप्त होती रंगमंच की विधा को दोबारा जिंदा करने के उद्देश्य से हुआ इस रंगमंच का आयोजन
- नाट्य में कलाकारों ने युवाओं द्वारा बुजुर्गों की उपेक्षा को दर्शाया
- सिनेमा के दौर में विलुप्त होती रंगमंच की विधा को बचाने की कलाकारों की कोशिश