हरदोई: जिले में कोरोना महामारी के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से स्कूल खोलने के आदेश को लेकर शिक्षक लामबंद हो गए हैं. कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम की मांग करते हुए शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है नए सत्र में बच्चों को डिजिटल मार्कशीट दी जानी है. लिहाजा विद्यालय का काम अवरोधित न हो इसलिए शिक्षकों को विद्यालय आने के लिए कहा गया है, जबकि बच्चे स्कूल नहीं आएंगे.
शिक्षक हुए लामबंद
दरअसल, जिला विद्यालय निरीक्षक ने मौखिक तौर पर विद्यालयों को खोलने और स्टाफ को आने को कहा है. इस आदेश के विरोध में माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षक लामबंद हैं. वहीं केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल में कोरोना से बचाव के लिए आगामी 31 जुलाई तक सभी विद्यालय बंद रहेंगे, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक ने मौखिक तौर से सभी प्रधानाचार्य को विद्यालय खोलने और विद्यालय के कामकाज यथावत संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. हालांकि बच्चों को विद्यालय आने से मना किया गया है.
जताया विरोध
इस बारे में शिक्षकों का कहना है कि जो शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. उनकी सीएल चढ़ाई जा रही है. उनका मेडिकल लिया जा रहा है और शिक्षकों को विद्यालय में न आने पर वेतन काटने की धमकी भी दी जा रही है. ऐसे में जब कोई लिखित आदेश नहीं है. इसके बावजूद भी शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है. कोरोना काल में सरकार के आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.
विद्यालय निरीक्षक ने दी सफाई
इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि जनपद में मौखिक रूप से विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया गया है क्योंकि विद्यालयों में डिजिटल मार्कशीट का वितरण करना है. लिहाजा विद्यालय में मार्कशीट बच्चों को दी जा सके, जिससे वह अगले विद्यालय में प्रवेश ले सकें. इसलिए यह मौखिक आदेश दिया गया था. साथ ही पढ़ने वाले बच्चे विद्यालय नहीं आएंगे और शिक्षक से ही ऑनलाइन पढ़ाई कराएंगे. यह विद्यालय के प्रधानाचार्य को देखना है कि विद्यालय का कार्य भी बाधित न हो और शिक्षण कार्य भी चलता रहे. इसी के चलते मौखिक रूप से निर्देश दिए गए थे.