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हरदोई के छात्र सुयश दीक्षित ने संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में हासिल की पांचवी रैंक

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Published : Sep 6, 2020, 1:17 PM IST

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले छात्र सुयश दीक्षित ने संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में पांचवी रैंक हासिल की है. सुयश की प्रथम वरीयता सिविल सर्विस में चयनित होकर जिले का नाम रोशन करना है जबकि शिक्षक बनना उनकी दूसरी वरीयता है. सुयश की सफलता से परिवार के लोग बेहद खुश हैं.

suyash dixit of hardoi got fifth rank
सुयश दीक्षित.

हरदोई: लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में हरदोई जिले के एक होनहार छात्र सुयश दीक्षित ने पांचवी रैंक हासिल की है. सुयश दीक्षित की सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है तो वहीं माता-पिता बेटे की सफलता से गदगद हैं. वर्तमान में बीएचयू के छात्र सुयश सिविल सर्विस में चयनित होकर जिले का नाम रोशन करना चाहते हैं. शिक्षक बनना उनकी दूसरी वरीयता है.

आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं सुयश.

सुयश अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता को श्रेय दे रहे हैं. सुयश के मुताबिक एकाग्रता ही उनकी सफलता की वजह है. एकाग्रचित्त कर और नियमित पढ़ाई कर किसी भी सफलता को हासिल किया जा सकता है.

महत्वपूर्ण बिंदु

  • शहर के नवीपुरवा के रहने वाले हैं सुयश दीक्षित.
  • सुयश को बीएड प्रवेश परीक्षा में मिले 291 अंक.
  • आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं सुयश.
  • बीएचयू से पढ़ाई कर रहे हैं सुयश.
    suyash dixit of hardoi got fifth rank
    सुयश को मिठाई खिलाती मां.

शहर के नवीपुरवा के रहने वाले गुड्डू दीक्षित और सीमा दीक्षित के बेटे सुयश दीक्षित ने लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 291 अंक हासिल कर प्रदेश में 5वीं रैंक हासिल की है. सुयश दीक्षित बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे. उन्होंने सेंट जेम्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल और लखनऊ के गोमती नगर स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की.

suyash dixit of hardoi got fifth rank
माता-पिता के साथ सुयश.

सुयश दीक्षित इस समय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से जियोग्राफी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री हासिल कर रहे हैं. इस दौरान बीएड प्रवेश परीक्षा में पांचवी रैंक हासिल करने से सुयश के परिवार में खुशी का माहौल है. परिवार के लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं तो वहीं बधाई देने वालों का तांता लगा है.

मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि नियमित तौर पर अध्ययन किया जाए और एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई की जाए. मैं यूपीएससी परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन करना चाहता हूं. सिविल सर्विसेज मेरी पहली प्राथमिकता है जबकि शिक्षक बनना दूसरी प्राथमिकता है. मेरी सफलता का श्रेय माता-पिता को जाता है.

-सुयश दीक्षित, छात्र

हरदोई: लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में हरदोई जिले के एक होनहार छात्र सुयश दीक्षित ने पांचवी रैंक हासिल की है. सुयश दीक्षित की सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है तो वहीं माता-पिता बेटे की सफलता से गदगद हैं. वर्तमान में बीएचयू के छात्र सुयश सिविल सर्विस में चयनित होकर जिले का नाम रोशन करना चाहते हैं. शिक्षक बनना उनकी दूसरी वरीयता है.

आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं सुयश.

सुयश अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता को श्रेय दे रहे हैं. सुयश के मुताबिक एकाग्रता ही उनकी सफलता की वजह है. एकाग्रचित्त कर और नियमित पढ़ाई कर किसी भी सफलता को हासिल किया जा सकता है.

महत्वपूर्ण बिंदु

  • शहर के नवीपुरवा के रहने वाले हैं सुयश दीक्षित.
  • सुयश को बीएड प्रवेश परीक्षा में मिले 291 अंक.
  • आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं सुयश.
  • बीएचयू से पढ़ाई कर रहे हैं सुयश.
    suyash dixit of hardoi got fifth rank
    सुयश को मिठाई खिलाती मां.

शहर के नवीपुरवा के रहने वाले गुड्डू दीक्षित और सीमा दीक्षित के बेटे सुयश दीक्षित ने लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 291 अंक हासिल कर प्रदेश में 5वीं रैंक हासिल की है. सुयश दीक्षित बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे. उन्होंने सेंट जेम्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल और लखनऊ के गोमती नगर स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की.

suyash dixit of hardoi got fifth rank
माता-पिता के साथ सुयश.

सुयश दीक्षित इस समय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से जियोग्राफी ऑनर्स से स्नातक की डिग्री हासिल कर रहे हैं. इस दौरान बीएड प्रवेश परीक्षा में पांचवी रैंक हासिल करने से सुयश के परिवार में खुशी का माहौल है. परिवार के लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं तो वहीं बधाई देने वालों का तांता लगा है.

मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि नियमित तौर पर अध्ययन किया जाए और एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई की जाए. मैं यूपीएससी परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन करना चाहता हूं. सिविल सर्विसेज मेरी पहली प्राथमिकता है जबकि शिक्षक बनना दूसरी प्राथमिकता है. मेरी सफलता का श्रेय माता-पिता को जाता है.

-सुयश दीक्षित, छात्र

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