हरदोई: एक तरफ सरकार सैनिकों के लिए तमाम योजनाएं बनाने और प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान किये जाने के आदेश जारी करने में लगी हुई है तो वहीं जिले के सैनिकों की दरकार आज भी कोई सुनने वाला नहीं है. जिले के सैनिकों ने बताया कि उनकी हालत बद से बद्दतर है.
वहीं सैनिकों ने इस दौरान जिले में सीएसडी कैंटीन बनाये जाने के आदेशों की अवहेलना का बड़ा मुद्दा उठाया है. 2013 में जिले में सीएसडी कैंटीन और पॉलिक्लिनिक बनाये जाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक एकड़ जमीन आवंटित की थी, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले में सीएसडी कैंटीन नहीं बनाई जा सकी. हालांकि पॉलिक्लिनिक बनाए जाने का कार्य जरूर शुरू हो गया है.
सीएसडी कैंटीन बनाए जाने को लेकर सैनिकों ने उठाया मुद्दा
- आज भी जिले में मौजूद करीब 6 हजार से अधिक पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को लखनऊ के चक्कर काटने पड़ते हैं.
- सैनिकों की मांग है कि जिले में 6 हजार पूर्व सैनिक और 10 हजार सेवारत सैनिक, उनके परिजनों को देखते हुए यहां जल्द से जल्द एक सीएसडी कैंटीन बनाई जाए.
- अध्यक्ष ने जानकारी दी कि कैंटीन बनाए जाने को लेकर हाल ही में उन्होंने निदेशालय स्तर के जिम्मेदारों को भी एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया.
- जिम्मेदारों ने आज तक कोई भी जवाब देना लाजमी नहीं समझा.
- अध्यक्ष ने जानकारी दी कि हाल ही में रक्षा मंत्री ने एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की थी.
- उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा था कि देश की रक्षा करने वाले शूर वीरों को अपने घर आने-जाने का मौका साल में एक या दो बार ही मिल पाता है.
- ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी समस्याओं व उनके परिजनों की दिक्कतों का अनावरण प्राथमिता के आधार पर करें.
- जिससे कि सैनिक निश्चिंत होकर सीमा पर देश की रक्षा कर सकें.
- अध्यक्ष ने बताया कि इस पत्र का कोई भी संज्ञान जिम्मेदारों ने नहीं लिया.
- जिसका उदाहरण जिले में सैनिकों के साथ हाल ही में हुई वारदातें और उनकी जमीन कब्जा किए जाने के मामले हैं.
- अध्यक्ष अशोक अग्निहोत्री ने बताया कि आज कई वर्षों से जिले के सैनिक कल्याण बोर्ड एवं पुनर्वास केंद्र में कोई भी अधिकारी कार्यरत नहीं है.
- ऐसे में कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती के साथ ही जिले में सीएसडी कैंटीन बनाये जाने और उनकी मांगों को पूरा किए जाने की अपील की.