हरदोई: जनपद में वन्य जीव प्राणी सप्ताह के तहत जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जिले में स्थित प्रकृति की अनमोल धरोहर कछुआ तालाब के संरक्षण का जिम्मा गांव वालों को सौंपा है. 10 सालों से यहां पर हजारों की संख्या में कछुए पाए जाते हैं. इन कछुओं की देख-रेख गांव वाले ही करते हैं. ऐसे में कछुआ तालाब पर आयोजित वन्य प्राणि सप्ताह के अन्तर्गत एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया.
हजारों की संख्या में पाए जाते हैं कछुए
विकासखंड बिलग्राम के काकड़ खेड़ा गांव में स्थित तालाब प्रकृति की अनमोल देन है. यहां पर हजारों की संख्या में बड़े कछुए पाए जाते हैं. हाल ही में जिलाधिकारी पुलकित खरे ने इस तालाब का सौंदर्यीकरण कराया था. वन्य जीव प्राणी सप्ताह के मौके पर काकड़ खेड़ा तालाब स्थल पर गोष्ठी के दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस कछुआ तालाब ने प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में अपना स्थान बनाया है. इस तालाब को और अच्छा बनाने और कछुओं के संरक्षण को कैसे और अधिक बेहतर बनाया जाए, इसके लिए प्रशासन ने भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वन्य जीव विशेषयज्ञ डॉ. राजीव चैहान को आमंत्रित किया था.
इसे भी पढ़ें:- हरदोई: जिलाधिकारी ने दशहरा महोत्सव का किया शुभारंभ, कार्यक्रमों की मचेगी धूम
पॉलिथीन के प्रयोग पर लगवाया प्रतिबंध
वन्य जीव विशेषज्ञों ने कछुओं के उत्थान के संबंध में जानकारी दी. जिलाधिकारी ने वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सक से इसके बारे में राय ली, साथ ही बताया कि तालाब के चारों ओर वृक्षारोपण कराया जाएगा. तालाब में गांव के आने वाले पानी के निकासी वाले स्थानों पर जाली लगवाई जाएगी ताकि तालाब में पानी के अलावा किसी प्रकार का कूड़ा-करकट न आने पाए. उन्होंने ग्राम वासियों से कहा कि पॉलिथीन का प्रयोग बिलकुल न करें और किसी अन्य बाहरी व्यक्ति को तालाब में किसी प्रकार की पॉलिथीन आदि न डालने दें. वहीं जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि इस गांव के लोगों की जिम्मेदारी है कि वह इस कछुआ तालाब का संरक्षण करें और उसे बेहतर से बेहतर बनाएं ताकि देश और प्रदेश में यह कछुआ तालाब अपनी चमक बिखेर सके.
जानिए क्या कहा विशेषज्ञ ने
इस अवसर पर डॉ. राजीव चैहान ने कहा कि उन्होंने कई प्रदेशों का भ्रमण किया है, जिनमें मंदिर के पास ही इस प्रकार के कुछ तालाब पाए गए हैं. लेकिन यहां किसी मंदिर के न होने के बाद भी इस तालाब में हजारों कछुए हैं, यह प्राकृतिक देन है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जहां गौरैया, कौआ, चील एवं गिद्ध विलुप्त होते जा रहे हैं, वहीं इस तालाब के कछुओं का संरक्षण एवं सुरक्षा ग्रामवासियों द्वारा की जा रही है. यह एक बहुत बड़ी बात है. जिलाधिकारी के निर्देश पर इस तालाब का जीर्णोधार किया जा रहा है और कछुओं में वृद्वि के लिए विभिन्न विभागों से जो कार्य कराये जा रहे हैं वह प्रशसंनीय हैं.