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हरदोई : खत्म होने जा रहा है सैकड़ों प्राथमिक विद्यालयों का अस्तित्व

जिले में मौजूद 300 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को जूनियर विद्यालयों में मिला दिया जाएगा. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जूनियर स्कूलों के परिसर में चलाए जाने वाले सभी प्राथमिक विद्यालयों को विलय करके जूनियर स्कूल बना दिया जाएगा. साथ ही छात्रों की संख्या के आधार पर इनमें शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी.

एक परिसर में चलने वाले स्कूलों का संविलियन किया जाएगा
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Published : Apr 12, 2019, 11:56 PM IST

हरदोई : जिले में संचालित होने वाले सैकड़ों प्राथमिक विद्यालयों का अस्तित्व खत्म होने जा रहा है. लगभग तीन सौ से अधिक ऐसे प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं, जिन का संचालन जूनियर विद्यालयों के परिसर में हो रहा है. शासन स्तर से ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उन्हें जूनियर विद्यालयों में संविलियन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

एक परिसर में चलने वाले स्कूलों का संविलियन किया जाएगा

हरदोई जिले में 19 विकास खंड और 6 नगर क्षेत्र हैं. इनमें ऐसे प्राथमिक विद्यालय जिनका संचालन जूनियर विद्यालय के कैम्पस में हो रहा है, उनकी संख्या लगभग 350 है. वहीं पूरे जिले में करीब 2833 के लगभग प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं. संविलियन होने के बाद जूनियर स्कूलों की संख्या पर तो असर नहीं पड़ेगा, लेकिन प्राइमरी की संख्या घट कर 2483 के आसपास आ जायेगी. अभी तक दोनों विद्यालयों की व्यवस्थाएं और प्रबंधन यहां तक एमडीएम का खाता भी अलग-अलग रहता था. विलय होने के बाद अब कक्षा एक से आठ तक एक ही विद्यालय संचालित होगा.

इन विद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षक को ही प्रधानाध्यापक बना दिया जाएगा. वहीं वित्तीय और प्रशासनिक अधिभार भी प्रधानाध्यापक के पास ही रहेगा. इसके बाद विद्यालय में बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. इस मामले की जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि विद्यालयों का संविलियन हो जाने के बाद विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा. साथ ही कार्य मे पारदर्शिता भी देखने को मिलेगी.

हरदोई : जिले में संचालित होने वाले सैकड़ों प्राथमिक विद्यालयों का अस्तित्व खत्म होने जा रहा है. लगभग तीन सौ से अधिक ऐसे प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं, जिन का संचालन जूनियर विद्यालयों के परिसर में हो रहा है. शासन स्तर से ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उन्हें जूनियर विद्यालयों में संविलियन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

एक परिसर में चलने वाले स्कूलों का संविलियन किया जाएगा

हरदोई जिले में 19 विकास खंड और 6 नगर क्षेत्र हैं. इनमें ऐसे प्राथमिक विद्यालय जिनका संचालन जूनियर विद्यालय के कैम्पस में हो रहा है, उनकी संख्या लगभग 350 है. वहीं पूरे जिले में करीब 2833 के लगभग प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं. संविलियन होने के बाद जूनियर स्कूलों की संख्या पर तो असर नहीं पड़ेगा, लेकिन प्राइमरी की संख्या घट कर 2483 के आसपास आ जायेगी. अभी तक दोनों विद्यालयों की व्यवस्थाएं और प्रबंधन यहां तक एमडीएम का खाता भी अलग-अलग रहता था. विलय होने के बाद अब कक्षा एक से आठ तक एक ही विद्यालय संचालित होगा.

इन विद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षक को ही प्रधानाध्यापक बना दिया जाएगा. वहीं वित्तीय और प्रशासनिक अधिभार भी प्रधानाध्यापक के पास ही रहेगा. इसके बाद विद्यालय में बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. इस मामले की जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि विद्यालयों का संविलियन हो जाने के बाद विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा. साथ ही कार्य मे पारदर्शिता भी देखने को मिलेगी.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर---- हरदोई जिले में संचालित होने वाले सैकड़ों विद्यालयों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। जी हां हम बात कर रहे हैं जिले के उन सैकड़ों प्राथमिक विद्यालयों की जो कि अभी तक जूनियर विद्यालयों के प्रांगण में संचालित किए जा रहे थे। हरदोई जिले में 3 सौ से अधिक ऐसे प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं जिन का संचालन जूनियर विद्यालयों के परिसर में हो रहा है। हालांकि अब शासन स्तर से ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उन्हें जूनियर विद्यालयों में संविलियन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक इनका प्रबंधन अलग अलग था लेकिन अब विद्यालयों के विलय के बाद जूनियर हाई स्कूल के प्रबंधन से एक ही विद्यालय कक्षा 1 से 8 तक चलाया जाएगा।वहीं बच्चों की संख्या के आधार पर यहां शिक्षक व शिक्षिकाओं की तैनाती कराई जाएगी।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले के 19 विकास खंड और 6 नगर क्षेत्र हैं।जिनमें ऐसे प्राथमिक विद्यालय जिनका संचालन जूनियर विद्यालय के कैम्पस में हो रहा है उनकी संख्या करीब 350 के आस पास की है।वहीं पूरे जिले में करीब 2833 के आस पास प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं।संविलियन होने के बाद जूनियर की संख्या पर तो असर नही पड़ेगा लेकिन प्राइमरी की संख्या घट कर 2483 के आस पास जरूर आ जायेगी।अभी तक दोनों विद्यालयों की व्यवस्थाएं व प्रबंधन यहां तक एमडीएम का खाता अलग अलग रहता था।मगर विलय होने के बाद अब कक्षा एक से आठ तक एक ही विद्यालय संचालित होगा।इसमें वरिष्ठ शिक्षक को ही प्रधानाध्यापक बना दिया जाएगा।वही वित्तीय व प्रशासनिक अधिभार भी प्रधानाध्यापक के पास ही रहेगा।इसके बाद विद्यालय में बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

विसुअल

वीओ--2--इस मामले की विधिवक्त जानकारी से बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने अवगत कराया, की विद्यालयों का संविलियन हो जाने के बाद विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा।साथ ही कार्य मे पारदर्शिता भी देखने को मिलेगी।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--हेमंत राव--बीएमए हरदोई
पीटूसी


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