हरदोईः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भले ही सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों को मुख्यालय ना छोड़ने के आदेश दिया है, लेकिन इन आदेशों का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के अभाव में एक मरीज की मौत ह गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.
क्या है पूरा मामला-
- घटना जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर की हैं.
- लोगों का आरोप है कि परमाई लाल अपने भाई फूलचंद्र को तेज बुखार आने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे.
- जहां उन्हें इलाज के लिए कोई चिकित्सक नहीं मिला जिसके बाद वह लोग नजदीक एक झोलाछाप चिकित्सक से दवा लेने गए.
- जहां उसकी हालत और बिगड़ गई. वहां से उसे लेकर पुनः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे.
- परिजनों का कहना है कि अगर समय पर उनके भाई का इलाज हो जाता तो उनके भाई की जान बच सकती थी.
- चिकित्सकों की लापरवाही और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने के कारण उनके भाई की मौत हुई है.
बुखार से ग्रसित अवस्था में लेकर वह लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां उन्हें इलाज के लिए कोई चिकित्सक नहीं मिला. जिसके चलते मेरे भाई की मौत हो गई.
-परमाई लाल, मृतक का भाई
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर में एक ही चिकित्सक तैनात है. वहां स्टाफ की कमी है, ऐसी में एक ही चिकित्सक के द्वारा काम चलाया जा रहा है.
-एस के रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी