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...जानें कैसे चंद दिनों में ही बदलने लगी बदहाल पड़े स्टेडियम की तस्वीर

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कई सालों से खराब पड़े स्पोर्ट्स स्टेडियम की तस्वीर अब बदलने लगी है. आपकों बता दें कि जिले के नए क्रीड़ा अधिकारी के पद संभालते ही स्टेडियम की व्यवस्थाएं दुरुस्त होने लगी हैं.

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Published : Jul 29, 2019, 6:52 PM IST

बदलने लगी बदहाल पड़े स्टेडियम की तस्वीर.

हरदोई: जिले के इकलौते स्पोर्ट्स स्टेडियम का क्षेत्रफल देखते हुए यहां राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन आसानी से हो सकता है, लेकिन विगत कई वर्षों से जिम्मेदारों की अनदेखी से स्टेडियम आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. वहीं जिले के नए क्रीड़ाधिकारी के कार्यभार संभालते ही स्टेडियम की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई है.

बदलने लगी बदहाल पड़े स्टेडियम की तस्वीर.

जिम्मेदारों की उदासीनता का शिकार हुआ स्टेडियम
हरदोई जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये स्पोर्ट्स स्टेडियम अब तक जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते दुर्दशा का शिकार होता आया है. यहां मौजूद आधे से ज्यादा संसाधन खराब पड़े हैं. वहीं अलग-अलग खेलों के लिए बने भवन भी जर्जर अवस्था मे हैं. यहां आयोजित प्रतियोगिताओं को देखने आने वाले दर्शकों के लिए भी बैठने का कोई उचित स्थान भी नहीं है.

बदलने लगी है तस्वीर
चार जुलाई को जिले के नए क्रीड़ाधिकारी रंजीत यादव के पद संभालते ही स्पोर्ट स्टेडियम की तस्वीर बदलने लगी है. क्रीड़ाधिकारी ने करीब आठ साल से बंद पड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त कराया है. साथ ही स्टेडियम में लचर पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त कर एक नया वाटर कूलर लगवाया है.

जल्द दुरुस्त होगी व्यवस्थाएं
आपको बताते चलें कि रंजीत यादव से पहले यहां कई क्रीड़ाधिकारियों ने कार्यभार संभाला, लेकिन स्पोर्ट्स स्टेडियम पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. इस वजह से ग्राउंड में पानी भरा रहता था. रंजीत सिंह ने ग्राउंड से वाटर हार्वेस्टिंग तक नाली का निर्माण कराया है. इसके साथ ही स्टेडियम को खेलने लायक बनाने के लिए कई अन्य तमाम रणनीतियां भी बनानी शुरू कर दी हैं. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही स्पोर्ट स्टेडियम में सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी.

हरदोई: जिले के इकलौते स्पोर्ट्स स्टेडियम का क्षेत्रफल देखते हुए यहां राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन आसानी से हो सकता है, लेकिन विगत कई वर्षों से जिम्मेदारों की अनदेखी से स्टेडियम आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. वहीं जिले के नए क्रीड़ाधिकारी के कार्यभार संभालते ही स्टेडियम की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई है.

बदलने लगी बदहाल पड़े स्टेडियम की तस्वीर.

जिम्मेदारों की उदासीनता का शिकार हुआ स्टेडियम
हरदोई जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये स्पोर्ट्स स्टेडियम अब तक जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते दुर्दशा का शिकार होता आया है. यहां मौजूद आधे से ज्यादा संसाधन खराब पड़े हैं. वहीं अलग-अलग खेलों के लिए बने भवन भी जर्जर अवस्था मे हैं. यहां आयोजित प्रतियोगिताओं को देखने आने वाले दर्शकों के लिए भी बैठने का कोई उचित स्थान भी नहीं है.

बदलने लगी है तस्वीर
चार जुलाई को जिले के नए क्रीड़ाधिकारी रंजीत यादव के पद संभालते ही स्पोर्ट स्टेडियम की तस्वीर बदलने लगी है. क्रीड़ाधिकारी ने करीब आठ साल से बंद पड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त कराया है. साथ ही स्टेडियम में लचर पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त कर एक नया वाटर कूलर लगवाया है.

जल्द दुरुस्त होगी व्यवस्थाएं
आपको बताते चलें कि रंजीत यादव से पहले यहां कई क्रीड़ाधिकारियों ने कार्यभार संभाला, लेकिन स्पोर्ट्स स्टेडियम पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. इस वजह से ग्राउंड में पानी भरा रहता था. रंजीत सिंह ने ग्राउंड से वाटर हार्वेस्टिंग तक नाली का निर्माण कराया है. इसके साथ ही स्टेडियम को खेलने लायक बनाने के लिए कई अन्य तमाम रणनीतियां भी बनानी शुरू कर दी हैं. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही स्पोर्ट स्टेडियम में सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई।9919941250

एंकर--जिले का सपोर्ट स्टेडियम यहां का इकलौता स्टेडियम है।जहां के क्षेत्रफल को देखते हुए यहां राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन बड़ी हिबासानी से कराया जा सकता है।लेकिन विगत कई वर्षों से स्टेडियम के जिम्मेदारों और जिला प्रशासन की अनदेखी का शिकार होने के कारण आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।मगर अब इसकी तस्वीर बदलती नज़र आरही है।ऐसा यहां पर नए क्रीड़ा अधिकारी के कार्यभार संभालने के बाद से होना शुरू हुआ है।आइए आपको दिखाते हैं, की चंद दिनों में यहां क्या कार्य कराए जा चुके हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी मौजूद ये स्पोर्ट स्टेडियम अभी तक जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते दुर्दशा का शिकार होता आया है।यहां मौजूद आधे से ज्यादा संसाधन खराब पड़े हुए हैं।वहीं अलग अलग खेलों के लिए बने भवन भी जर्जर अवस्था मे हैं।खिलाड़ियों के खेल देखने आने वाले लोगों के लिए बैठने का कोई उचित स्थान भी नहीं है।इन सभी बातों से परे अगर बात करें केंद्र सरकार के जल संचयन के निर्देशों की तो जिले में भी इस पर जोरों से काम जारी है।सभही विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाये जानें लगे हैं।उसी क्रम में 4 जुलाई को सपोर्ट स्टेडियम में कार्यभार संभालने आये यहां के नए क्रीड़ा अधिकारी रंजीत यादव ने अपने आने का अहसास हरदोई जिला प्रशासन को करवा दिया है।उन्होंने करीब 8 वर्षों से बंद और खराब पड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को खोज कर उसे दुरुस्त कराने का काम किया है।इसी के साथ ऐसी भीषण गर्मी में इस स्टेडियम में लचर पेय जल भी व्यवस्था को भी सही करने का काम किया और एक नया वाटर कूलर खिलाड़ियों के लिए अपने प्रयासों से लगवाया है।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--बतादें की रंजीत यादव से पहले यहां दर्जनों क्रीड़ा अधिकारियों ने कार्यभार संभाला लेकिन जान कर अनजान बने रहने के कारण किसी ने भी यहां बने इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सही कराने का बीड़ा उठाना जरूरी नहीं समझा।जिस कारण यहां बने ग्राउंड में जल भराव होने से खेल तो बाधित होते ही आये हैं साथ ही ग्राउंड भी खेलने लायक नहीं रहा है।लेकिन अब नए क्रीड़ा अधिकारी रंजीत ने यहां के ग्राउंड से नाली बना कर इस वाटर हार्वेस्टिंग तक लाया है, जिससे कि ग्राउंड का सारा पानी निकाल जाएगा और संचयित हो जाएगा।इसी के साथ ग्राउंड भी अब खेलने लायक हो सकेगा।वहीं करीब 2 से ढाई महीनों से यहां एक वाटर कूलर नई अवस्था मे रखा हुआ था।जिसे अभी तक किसी ने भी नहीं लगवाया था।लेकिन रंजीत ने इस भीषण उमस भरी गर्मी में वाटर कूलर को अपने निजी प्रयासों से लगवाने के काम कर खिलाड़ियों को जीवनदान देने का काम किया है।वहीं रंजीत ने स्टेडियम को सुधारने के लिए अन्य तमाम रणनीतियां भी आते ही बनानी शुरू कर दी हैं।आइए जानते हैं क्या कहते हैं जिला क्रीड़ा अधिकारी।

बाईट--रंजीत यादव--जीका क्रीड़ा अधिकारी हरदोई


Conclusion:
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