हरदोई: जिले की कछौना पतसेनी नगर पंचायत लखनऊ-हरदोई हाई-वे पर सड़क किनारे कूड़ा डालकर खुलेआम जला रही है. एक ओर जहां किसानों पर पराली जलाने के मामले में एफआइआर दर्ज हो रही है, वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत के इस कृत्य पर जिला प्रशासन मेहरबान है.
एनजीटी के नियमों के तहत कूड़ा जलाने पर रोक है, साथ ही कचरा प्रबंधन के निर्देश हैं. बावजूद इसके नगर पंचायत द्वारा सड़क पर ही कूड़ा जलाकर प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है. हालांकि इस मामले में प्रशासन का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है. जांच के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एनजीटी के नियमों की उड़ रहीं धज्जियां
नगर पंचायत कछौना पतसेनी में लखनऊ-हरदोई हाई-वे पर पुराने पेट्रोल पंप के पास नगर पंचायत ने कूड़ा एकत्र किया और उसके बाद उसमें आग लगा दी गई. नगर पंचायत के कूड़ा जलाने से जहां केंद्र सरकार के स्वच्छता मिशन को करारा झटका लग रहा है, तो वहीं एनजीटी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सरकार ने एनजीटी के नियमों के तहत खुले में कूड़ा जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इसके बाद भी नगर पंचायत खुले में कूड़ा जला रही है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है.
खुलेआम जलाया जा रहा अपशिष्ट
एनजीटी के नियमों के तहत सरकार ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर निर्देश दिए हैं कि नगर पालिका या नगर पंचायत घरों का कूड़ा एकत्रित कर उसका निस्तारण करें. कूड़े को जलाया न जाए, ताकि प्रदूषण न फैले. इसको लेकर एनजीटी ने कड़े नियमों का प्रावधान किया है, जिसके तहत अपशिष्ट को जलाने पर जुर्माने और सजा का प्रावधान भी है.
खुले में अपशिष्ट जलाने पर रहता है रोगों का खतरा
पर्यावरण प्रदूषण के चलते तमाम लोगों को कैंसर जैसे रोग होने का खतरा रहता है. यही नहीं सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को भी इससे करारा झटका लग रहा है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों रुपये सरकार खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद भी नगर पंचायत का यह कार्य सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ा रहा है. इस बारे में अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह का कहना है कि नगर पंचायत कछौना पतसेनी में कूड़ा जलाने के इस मामले को लेकर जांच कराई जा रही है. जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सभी को निर्देशित कर दिया गया है कि वह कूड़ा न जलाएं.