हरदोई: इस दौरान टिड्डी दल के आतंक से किसान बेहद आहत है. तमाम राज्यों से होते हुए यूपी में भी अब टिड्डियों ने दस्तक दे दी है और किसानों की फसल बर्बाद करने का काम कर रहे हैं. रविवार रात जिले के अहरोरी ब्लॉक में भी टिड्डियों दल ने दस्तक दी थी. किसानों की सजगता व जिला प्रशासन की तैयारियों के आगे टिड्डियों ने घुटने टेक दिए. ये दल आस-पास से सटे हुए जनपदों जैसे फर्रुखाबाद और उन्नाव की तरफ रवाना हो गया. वहीं देर रात टिड्डियों के आने की सूचना पर जिला प्रशासन के जिम्मेदारों ने किसानों से प्राप्त सूचना पर बचाव के लिए कड़ी मशक्कत की और किसानों ने भी अपना सहयोग दिया.
जिले में रविवार देर रात टिड्डियों ने दस्तक दी थी. जिले के अहरोरी ब्लॉक में अचानक टिड्डियों को देखे जाने पर किसानों ने तत्काल जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम पर सूचना दी. संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों ने उस क्षेत्र में छिड़काव करवा कर अन्य सुरक्षा के इंतज़ाम करना शुरू कर दिए. इस पर किसानों ने भी थालियां आदि बजाकर इन टिड्डियों को हावी नहीं होने दिया. परिणामस्वरूप सभी टिड्डियों का दल जिले से रवाना हो लिया और किसी भी किसान की फसल पर न ही बैठ सका और न ही फसलों को नुकसान पहुंचा पाया. जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जानकारी दी कि सभी टिड्डी जिले में न रुककर आस-पास सटे हुए जनपदों की ओर रवाना हो गए.
क्या होते हैं टिड्डी
टिड्डी एक डरपोक स्वभाव का कीट होता है. ये 2 से 3 इंच लंबा होता है और अपने दल के साथ करीब 3 से 5 सौ मीटर की लंबाई व चौड़ाई में इन्हें उड़ता हुआ देख सकते हैं. ये जीव जिस फसल पर बैठ जाता है उस फसल को पूरा बर्बाद कर देता है. शाम 6 से 7 बजे के बीच ये टिड्डियों का दल जमीन पर बैठ जाता है. यानी कि फसल पर बैठ जाता है और सुबह 8 से 9 बजे के बीच उड़ान भर आगे का सफर तय करता है. इसी बीच इनको रसायन के छिड़काव से मारा जा सकता है.
बचाव के तरीके
इन टिड्डियों का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े. इन्हें ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से भगाया जा सकता है. यह एक डरपोक किस्म का कीट होने के कारण आवाज़ करने से भाग जाता है और आगे की तरफ उड़ जाता है. इसलिए इन्हें पटाखे, थाली, ढोल नगाड़े व ट्रैक्टर के साइलेंसर को निकाल कर तेज़ ध्वनि कर भगाया जा सकता है. साथ ही खेतों के आस-पास पड़े घास फूस को जलाकर धुंआ कर भी इन्हें जमीन पर उतरने से रोका जा सकता है. साथ ही रात्रि 11 से सुबह 8 बजे के बीच इनके यूजर स्प्रेयर से कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कर इन्हें मारा भी जा सकता है.
कंट्रोल रूम की सहायता ले सकते हैं किसान
जिला प्रशासन ने कृषि विभाग, उद्यान विभाग व गन्ना संस्थान की सहायता से एक कंट्रोल रूम का गठन किया है. जहां किसान इन टिड्डियों की लोकेशन की जानकारी देकर प्रशासन की सहायता भी ले सकते हैं. इसके लिए टिड्डियों की सूचना किसान को 05852-232056 नंबर देनी होगी. जिसके बाद लोकेशन ट्रैक कर वहां के जिम्मेदारों को कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए भेजा जाएगा. जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि इन टिड्डियों से किसान की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए सभी इंतज़ाम पुख्ता कर लिए गए हैं. जिस प्रकार कल रात इन टिड्डियों को भगा दिया गया. उसी प्रकार भविष्य में भी इनसे बचाव किया जाएगा. साथ ही जिलाधिकारी ने इनसे बचाव किस प्रकार किया जाए. इसकी जानकारी भी दी.