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कोविड अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता, परिजनों ने वीडियो किया वायरल - kovid hospital

यूपी सरकार भले ही कोविड अस्पतालों में व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त होने का दावा करें, लेकिन जिस तरीके से कोविड अस्पतालों से तस्वीरें बाहर आ रही हैं, वे खुद व्यवस्था की पोल खोल रही हैं. हरदोई में लखनऊ रोड पर स्थित कोविड L2 अस्पताल की संवेदनहीनता की ऐसी ही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है.

कोविड अस्पताल का हाल.
कोविड अस्पताल का हाल.
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Published : May 18, 2021, 10:52 PM IST

हरदोई: जिले में कोविड अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता की तस्वीरें एक बार फिर सामने आई हैं. यहां पर एक कोविड मरीज की मौत के बाद उसके तीमारदारों को शव को बैग में लेकर पैदल जाना पड़ा. बैग में शव ले जा रहे परिजनों को देखकर पुलिस ने निजी एंबुलेंस बुलवाकर शव को उनके गांव तक भिजवाया.

कोविड अस्पताल का हाल.

परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप

परिजनों द्वारा वायरल किए गए वीडियो में आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज की मौत के बाद न तो कोई डेथ सर्टिफिकेट दिया और न ही शव को भेजने की एंबुलेंस की व्यवस्था की. इसके कारण उन्हें शव बैग में रखकर पैदल ही जाना पड़ा. परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. सोशल मीडिया पर अस्पताल की संवेदनहीनता का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन अब अपने बचाव में पूरा दोष मरीज के परिजनों पर ही मढ़ने में जुटा हुआ है.

मरीज को L2 कोविड अस्पताल किया गया था रेफर

16 मई को हरपालपुर थाने के बमटापुर नंदबाग गांव के रहने वाले संजय कुमार की तबीयत बिगड़ने के बाद उनके परिजन उनको लेकर जिला अस्पताल आए थे. एंटीजन जांच में कोविड पॉजिटिव आने के बाद उसको L2 कोविड अस्पताल रेफर किया गया था. कोविड अस्पताल में पहुंचने के करीब एक घंटे बाद संजय कुमार की मृत्यु हो गई. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उसके शव को बैग में रख दिया और जिला अस्पताल की बीएसटी ही उनके हाथ में थमा दी. फिर शव ले जाने को बोल दिया.

अस्पताल प्रशासन ने परिजनों की नहीं सुनी

परिजन डेथ सर्टिफिकेट और शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करते रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद मजबूरी में उन्हें शव बैग में रखकर अस्पताल से पैदल ले जाना पड़ा. रास्ते में मौजूद पुलिस ने जब कोविड अस्पताल से शव को पैदल ले जा रहे इन लोगों को देखा तो एक निजी एंबुलेंस मंगवा कर शव को उनके गांव तक भिजवाया.

पढ़ें: अब अधिकतम 25 लोगों की मौजूदगी में ही होगी शादी, यूपी सरकार का नया आदेश जारी

अस्पताल प्रभारी परिजनों को ठहरा रहे दोषी

अस्पताल के प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वामी दयाल पूरे मामले में मरीज के परिजन को ही दोषी ठहराने में जुटे हुए हैं. उनकी मानें तो उन्होंने इस मरीज के मामले में पूरी जानकारी ली थी और उसकी मौत के बाद उसके शव को बैग में रखवा दिया गया था, लेकिन मरीज के तीमारदार ने एंबुलेंस की मांग नहीं की और अपने आप शव को लेकर चले गए. हालांकि अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले में अपनी तरफ से जो भी सफाई दे, लेकिन जिस तरह से कोविड मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है वह अस्पताल प्रशासन और सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है.

हरदोई: जिले में कोविड अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता की तस्वीरें एक बार फिर सामने आई हैं. यहां पर एक कोविड मरीज की मौत के बाद उसके तीमारदारों को शव को बैग में लेकर पैदल जाना पड़ा. बैग में शव ले जा रहे परिजनों को देखकर पुलिस ने निजी एंबुलेंस बुलवाकर शव को उनके गांव तक भिजवाया.

कोविड अस्पताल का हाल.

परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप

परिजनों द्वारा वायरल किए गए वीडियो में आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज की मौत के बाद न तो कोई डेथ सर्टिफिकेट दिया और न ही शव को भेजने की एंबुलेंस की व्यवस्था की. इसके कारण उन्हें शव बैग में रखकर पैदल ही जाना पड़ा. परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. सोशल मीडिया पर अस्पताल की संवेदनहीनता का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन अब अपने बचाव में पूरा दोष मरीज के परिजनों पर ही मढ़ने में जुटा हुआ है.

मरीज को L2 कोविड अस्पताल किया गया था रेफर

16 मई को हरपालपुर थाने के बमटापुर नंदबाग गांव के रहने वाले संजय कुमार की तबीयत बिगड़ने के बाद उनके परिजन उनको लेकर जिला अस्पताल आए थे. एंटीजन जांच में कोविड पॉजिटिव आने के बाद उसको L2 कोविड अस्पताल रेफर किया गया था. कोविड अस्पताल में पहुंचने के करीब एक घंटे बाद संजय कुमार की मृत्यु हो गई. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उसके शव को बैग में रख दिया और जिला अस्पताल की बीएसटी ही उनके हाथ में थमा दी. फिर शव ले जाने को बोल दिया.

अस्पताल प्रशासन ने परिजनों की नहीं सुनी

परिजन डेथ सर्टिफिकेट और शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करते रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद मजबूरी में उन्हें शव बैग में रखकर अस्पताल से पैदल ले जाना पड़ा. रास्ते में मौजूद पुलिस ने जब कोविड अस्पताल से शव को पैदल ले जा रहे इन लोगों को देखा तो एक निजी एंबुलेंस मंगवा कर शव को उनके गांव तक भिजवाया.

पढ़ें: अब अधिकतम 25 लोगों की मौजूदगी में ही होगी शादी, यूपी सरकार का नया आदेश जारी

अस्पताल प्रभारी परिजनों को ठहरा रहे दोषी

अस्पताल के प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वामी दयाल पूरे मामले में मरीज के परिजन को ही दोषी ठहराने में जुटे हुए हैं. उनकी मानें तो उन्होंने इस मरीज के मामले में पूरी जानकारी ली थी और उसकी मौत के बाद उसके शव को बैग में रखवा दिया गया था, लेकिन मरीज के तीमारदार ने एंबुलेंस की मांग नहीं की और अपने आप शव को लेकर चले गए. हालांकि अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले में अपनी तरफ से जो भी सफाई दे, लेकिन जिस तरह से कोविड मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है वह अस्पताल प्रशासन और सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है.

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