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हरदोई: कम संसाधनों के बाद भी जिला महिला अस्पताल ने हासिल की कई उपलब्धियां

उत्तर प्रदेश के हरदोई में महिला जिला अस्पताल बीते वर्ष में तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुका है. कायाकल्प अवार्ड, एनएबीएच सर्टिफिकेट, लक्ष्य कार्यक्रम में बेहतर रैंक हासिल की है. कम संसाधनों और स्टाफ के अभाव के बाद भी पिछले एक साल में बेहद सराहनीय काम किए हैं.

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जिला महिला अस्पताल ने हासिल की कई उपलब्धियां.
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Published : Jan 12, 2020, 10:17 AM IST

हरदोई: जिले का इकलौता महिला जिला अस्पताल अपनी बेहतर कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में है. यहां मौजूद सुविधाएं भी अन्य जिला अस्पतालों की अपेक्षा बेहद अत्याधुनिक और व्यवस्थित हैं. कायाकल्प और एनएबीएच, लक्ष्य में महिला जिला अस्पताल को बेहतर रैंक मिल चुकी है. इसी के चलते बीते वर्ष में यहां दी गयी सुविधाओं के आंकड़े भी सराहनीय हैं.

जिला महिला अस्पताल ने हासिल की कई उपलब्धियां.

खास बातें

  • महिला जिला अस्पताल बीते वर्ष में तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुका है.
  • कायाकल्प अवार्ड, एनएबीएच सर्टिफिकेट, लक्ष्य कार्यक्रम में बेहतर रैंक हासिल की हैं.
  • कम संसाधनों, स्टाफ के अभाव के बाद भी एक साल में बेहद सराहनीय काम किया हैं.
  • इसी के चलते बीते वर्ष में यहां दी गयी सुविधाओं के आंकड़े भी सराहनीय हैं.

जिला महिला अस्पताल में वर्ष 2019 में प्रत्येक माह करीब 900 से 1000 प्रसव और 70-80 सिजेरियन किये गए हैं. अन्य जिलों में मौजूद महिला अस्पतालों की अपेक्षा यहां के आंकड़े बेहद सराहनीय साबित हुए हैं. वहीं अस्पताल के जिम्मेदार लोगों बताया कि ओपीडी भी प्रत्येक माह औसतन चार से पांच हजार के आस पास की रही है.

2019 में जिला महिला अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड देकर सम्मानित किया गया था. एनएबीएच सर्टिफिकेट भी अस्पताल ने बेहतर कार्य करने के लिए हासिल किया था. अब दो विजिट पूरे होने के बाद लक्ष्य कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तर की टीम ओटी और लेबर रूम का विजिट करेंगी. पूर्व में हुए विजिट में भी महिला अस्पताल को ओटी के विजिट में 84वीं रैंक, प्रसव कक्ष को 72वां स्कोर मिला था.
-रविन्द्र सिंह, सीएमएस जिला महिला अस्पताल

हरदोई: जिले का इकलौता महिला जिला अस्पताल अपनी बेहतर कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में है. यहां मौजूद सुविधाएं भी अन्य जिला अस्पतालों की अपेक्षा बेहद अत्याधुनिक और व्यवस्थित हैं. कायाकल्प और एनएबीएच, लक्ष्य में महिला जिला अस्पताल को बेहतर रैंक मिल चुकी है. इसी के चलते बीते वर्ष में यहां दी गयी सुविधाओं के आंकड़े भी सराहनीय हैं.

जिला महिला अस्पताल ने हासिल की कई उपलब्धियां.

खास बातें

  • महिला जिला अस्पताल बीते वर्ष में तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुका है.
  • कायाकल्प अवार्ड, एनएबीएच सर्टिफिकेट, लक्ष्य कार्यक्रम में बेहतर रैंक हासिल की हैं.
  • कम संसाधनों, स्टाफ के अभाव के बाद भी एक साल में बेहद सराहनीय काम किया हैं.
  • इसी के चलते बीते वर्ष में यहां दी गयी सुविधाओं के आंकड़े भी सराहनीय हैं.

जिला महिला अस्पताल में वर्ष 2019 में प्रत्येक माह करीब 900 से 1000 प्रसव और 70-80 सिजेरियन किये गए हैं. अन्य जिलों में मौजूद महिला अस्पतालों की अपेक्षा यहां के आंकड़े बेहद सराहनीय साबित हुए हैं. वहीं अस्पताल के जिम्मेदार लोगों बताया कि ओपीडी भी प्रत्येक माह औसतन चार से पांच हजार के आस पास की रही है.

2019 में जिला महिला अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड देकर सम्मानित किया गया था. एनएबीएच सर्टिफिकेट भी अस्पताल ने बेहतर कार्य करने के लिए हासिल किया था. अब दो विजिट पूरे होने के बाद लक्ष्य कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तर की टीम ओटी और लेबर रूम का विजिट करेंगी. पूर्व में हुए विजिट में भी महिला अस्पताल को ओटी के विजिट में 84वीं रैंक, प्रसव कक्ष को 72वां स्कोर मिला था.
-रविन्द्र सिंह, सीएमएस जिला महिला अस्पताल

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिला महिला अस्पताल ने बीते वर्ष में तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं।जिसमें कायाकल्प अवार्ड, एनएबीएच सर्टिफिकेट व लक्ष्य कार्यक्रम आदि में बेहतर रैंक हासिल की हैं।तो कम संसाधनों व स्टाफ के अभाव के बाद भी पिछले एक साल में यहां हुए प्रसव से लेकर सिजेरियन आदि के जो आंकड़े सामने आए हैं वो बेहद सराहनीय हैं।यहां वर्ष 2019 में प्रत्येक माह करीब नौ सौ से एक हज़ार प्रसव तो 70-80 सिजेरियन किये गए हैं।तो अन्य जनपदों में मौजूद महिला अस्पतालों की अपेक्षा ये आंकड़े बेहद सराहनीय साबित हुए हैं।वहीं जिम्मेदारों ने जानकारी दी की ओपीडी भी प्रत्येक माह औसतन 4 से 5 हज़ार के आस पास की रही हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले का इकलौता सरकारी जिला महिला चिकित्सालय अपनी बेहतर कार्यप्रणाली के लिए चर्चाओं में रह है तो तमाम उपलब्धियां भी हासिल की हैं।वहीं यहां मौजूद सुविधाएं भी अन्य जिले के अन्य अस्पतालों की अपेक्षा बेहद अत्याधुनिक और व्यवस्थित हैं।वहीं कायाकल्प और एनएबीएच व लक्ष्य आदि में जिले के महिला अस्पताल को बेहतर रैंक भी मिल चुकी है।इसी के चलते बीते वर्ष में यहां दी गयी सुविधाओं के आंकड़े भी सराहनीय हैं।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रविन्द्र सिंह ने बताया कि बीते वर्ष 2019 में ही जिला महिला अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड देकर सम्मानित किया गया था।तो एनएबीएच (नैशनल अक्सरिडिटेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स) सर्टिफिकेट भी अस्पताल ने बेहतर कार्य करने के लिए हासिल किया था।तो अब दो विजिट पूरे होने के बाद लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीसरे विजिट यानी कि राष्ट्रीय स्तर की टीम द्वारा यहां के ओटी व लेबर रूम का विजिट किया जाएगा।तो पूर्व में हुए विजिट में भी महिला अस्पताल को ओटी के विजिट में 84 वीं रैंक तो प्रसव कक्ष को 72 स्कोर हासिल हुई थे।सीएमएस ने कहा कि हमारे अस्पताल में स्टाफ की कमी विगत तीन वर्षों से है यहां अल्ट्रासाउंड मशीन तो है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं है।तो तमाम चिकित्सकों व कर्मचारियों के पद भी रिक्त हैं।ऐसे में भी हमारे महिला अस्पताल के जिम्मेदार बेहतर कार्यप्रणाली अपनाए हुए हैं और मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं।तो बीते वर्ष की उपलब्धियों का बखान भी उन्होंने किया।सुनिए उन्हीं की जुबानी।

बाईट--रविन्द्र सिंह--सीएमएस जिला महिला अस्पताल
पीटूसी


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