हरदोई: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम दौर में चल रही हैं. हरदोई जिले में आज भी तमाम ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जो विकास की धारा से कोसों दूर हैं. ETV भारत की टीम ने उन क्षेत्रवासियों से बातचीत कर उनका हाल जाना. जहां रहने वाले लोगों के पास न तो आवास है, न ही गैस सिलेंडर और न ही उन्हें सरकार की योजनाओं से आज तक लाभान्वित किया जा सका है. इतना ही नहीं, इस ग्राम पंचायत में तकरीबन 10 गांव आते हैं. इन गांवों और अहरोरी ब्लॉक को जाने वाला करीब 6 किमी लंबा मार्ग विगत 10 वर्षों से बदहाल पड़ा हुआ है.
क्या अपने भी देखा है पराली व मिट्टी से बना मार्ग?
पंचायत चुनाव के लिए संभावित प्रत्याशी जनता से मुलाकात कर विकास कराने का दावा करने लगे हैं, लेकिन अबतक जिले में गांवों में कितना विकास हुआ इसका एक नमूना अहरोरी ब्लॉक में मौजूद खांडाखेड़ा ग्राम पंचायत है. इसमें पिछले 10 वर्षों से विकास कार्य नहीं हो सका है. इस ग्राम पंचायत में मुख्य मार्ग सालों से बदहाल पड़ा हुआ है. हालांकि, आगामी चुनावों को लेकर प्रधानों के बस्ते जमा होने के बाद इस जर्जर मार्ग को एडीओ और पंचायत मित्र द्वारा आनन-फानन में बनवाया गया.
ग्रामीणों ने गिनाई समस्या
ग्रामीणों के अनुसार, ये मार्ग करीब 10 वर्षों से बदहाल है. जिस वजह से यहां कोई भी आना जाना नहीं पसंद करता. लेकिन करीब 50 हजार ग्रामीणों को रोजाना इसी मार्ग से होकर जाना पड़ता है. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं रोजाना आवागमन में तमाम समस्याओं का सामना कर जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं, इस मार्ग को प्रधानों का बस्ता जमा होने के बाद एडीओ पंचायत और पंचायत मित्रों ने निर्माण के नाम पर महज खानापूर्ती की. दरअसल, इस मार्ग को गिट्टी, मौरंग और सीसी से नहीं बल्कि पराली से बनवा कर तैयार किया गया है. पराली और मिट्टी से बने इस मार्ग को किस प्रकार बनाया गया है इसका जवाब फिलहाल किसी के पास भी नहीं है.
विकास कार्यों की खुली पोल
ETV भारत की पड़ताल में ग्राम पंचायत खांडाखेड़ा में 2 पंचवर्षीय में हुए विकास कार्यों की भी पोल खुली. इस ग्राम पंचायत में करीब 5 गांव शामिल हैं, जहां की आबादी करीब 4000 है. यहां के अधिकांश लोगों के पास शौचालय, आवास और गैस सिलेंडर नहीं है. अधिकांश ग्रामीणों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सका है. ETV भारत से बातचीत में किसी ने आवासों के नाम पर पैसा मांगे जाने का आरोप लगाया, तो किसी ने कहा कि शौचालय और गैस कनेक्शन सिर्फ प्रधानों के चहेतों को ही मिले हैं.
चकबंदी से भी परेशान हैं स्थानीय किसान
ग्राम पंचायत खांडाखेड़ा में हो रही चकबंदी प्रक्रिया में भी ग्रामीणों और किसानों ने अनियमिताएं होने का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि कानून गो, लेखपाल और सीओ की मिलीभगत से यहां चकबंदी की गई है, जिससे छोटा किसान या तो आत्महत्या कर ले, या भूखे मार जाए. ग्रामीणों ने कहा कि छोटे किसानों के खेतों को पैसे वाले लोगों को बेंच दिया जा रहा है.
अहरोरी ब्लॉक के पंचायत भवनों का हाल बेहाल
खांडाखेड़ा ग्राम पंचायत की हकीकत जानने के बाद अहरोरी ब्लॉक के पंचायत भवनों का भी जायजा लिया गया. यहां तमाम पंचायत भवन आज भी बदहाल है. जब पंचायत भवनों की स्थिति ही जर्जर व बेहाल है. इलाके में विकास कार्यों का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है.
कुल मिलाकर हरदोई के 19 विकास खंडों में आने वाली समस्त ग्राम पंचायतों की बात की जाए, तो उनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें आज भी विकास की राह देख रही हैं. बीते कई वर्षों में विकास नहीं कराया जा सका है. ऐसे में अबकी बार के पंचायत चुनाव में बाजी मारने वाले प्रधान यहां विकास करवा पाएंगे या नहीं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.