ETV Bharat / state

रूस की याना को भा गई भारत की सभ्यता, 'अब वापस जाने का मन नहीं करता'

योगा से प्रभावित होकर अब विदेशी भी योग का प्रचार-प्रसार कर रहें हैं. हरदोई में रुस से दो विदेशी योगा ट्रेनर पहुंचीं. उन्होंने बच्चों को योगा सिखाया. वहीं उन्होंने भारत की संस्कृति के प्रति अपना लगाव दिखाया.

भारत की संस्कृति से बढ़ा लगाव इन विदेशीयों की.
author img

By

Published : Oct 26, 2019, 10:16 PM IST

हरदोई: दुनिया में अगर संस्कृति की बात आए और भारतीय संस्कृति का नाम न आए तो यह नामुमकिन ही होगा, क्योंकि भारतीय संस्कृति और सभ्यता आज भी दुनिया भर के लिए एक नजीर है. उन्हीं संस्कृतियों में से एक है योग, जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचारित किया. वहीं इसके बाद विदेशी भी योग से प्रभावित हैं.

रूस से आई याना और नताशा को भारतीय संस्कृति से बहुत प्रेम है. याना ने तो भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया है और उन्हें हिंदू धर्म से विशेष लगाव है. याना बताती हैं कि वह अपने घर में भी भारतीय संस्कृति जैसा माहौल रखती हैं.

भारत की संस्कृति से बढ़ा लगाव इन विदेशीयों की.

हरदोई में रूस से आई विदेशी मेहमान योग सीखने के बाद अब स्कूली बच्चों को योग के गुण सिखा रही हैं. पिछले 2 दिनों से रूस के मास्को शहर से भारत भ्रमण पर आई नताशा और याना भारत में योग का संदेश दे रही हैं. इस दौरान वह बच्चों को स्वस्थ रहने का संदेश भी दे रही हैं.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या दीपोत्सव: मंच से योगी ने लिया अयोध्या को अवधपुरी में बदलने का संकल्प

योग को लेकर उन्होंने कहा कि योग से बच्चों का शरीर स्वस्थ रहेगा. इस प्रचार को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चे भी योग का संदेश देने में सहायक बने, जिससे सभी चुस्त और तंदुरुस्त रहें. स्कूल में करीब 2 घंटे तक योग की शिक्षा देने के बाद याना और नताशा ने स्कूली बच्चों के साथ दीपावली भी मनाई और हैप्पी दिवाली कहकर बच्चों का उत्साहवर्धन के साथ ही भारतीय संस्कृति को अपनाने के उद्गार व्यक्त किए.

नताशा बताती हैं कि उन्होंने रूस में मास्को में हिंदी सीखी थी और वह हर साल भारत आती हैं. भारत में उनके अच्छे दोस्त हैं. यहां आकर उन्होंने योग सीखा और दीपावली के मौके पर वह इसलिए आई हैं क्योंकि त्योहार के मौके पर रिश्तेदार इकट्ठे होते हैं.

हिंदू धर्म से बेहद प्रेम करने वाली और हिंदू धर्म के मुताबिक सिंदूर लगाकर और मंगलसूत्र पहनकर हिंदू धर्म के प्रति अपने प्रेम को जाहिर कर रही याना बताती हैं कि वह 7 वर्ष की थी, तब वह अपने माता-पिता के साथ मथुरा आई थी. इसके बाद उनका भारत में कई बार आना जाना हुआ, जिसके बाद उन्हें भारतीय संस्कृति से बेहद लगाव हो गया और उन्होंने भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया.

इसे भी पढ़ें- महराजगंज: बदहाल कुम्हार, चाइनीज झालर से जगमग शहर

रुस से आई ये दोनों विदेशी महिलाओं को भारत की संस्कृति से अलग ही लगाव है, जिनमें से याना को इतना लगाव हुआ कि वह अपने घर जब वापस रूस जाती हैं तो वहां जाकर उनका मन होता है कि वह जल्द से जल्द फिर भारत वापस लौटे. साथ ही साथ वह अपने घर में ऐसा माहौल भी बनाती हैं कि जैसे वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बीच में ही रह रही हों. इसके लिए वह भगवान की मूर्तियां और चित्र लगाती हैं और उनके परिवार के लोग भी उन्हें सपोर्ट करते हैं.

इन विदेशी मेहमानों ने भारत से योग सिखाकर उसका प्रचार-प्रसार किया. वहीं जिले के सवायजपुर कस्बे में गन्ना कृषक महाविद्यालय में भाजपा विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह रानू के साथ विदेशी मेहमानों ने बच्चों को योग सिखाया और साथ ही साथ उन्हें योग के फायदे भी बताए.

हरदोई: दुनिया में अगर संस्कृति की बात आए और भारतीय संस्कृति का नाम न आए तो यह नामुमकिन ही होगा, क्योंकि भारतीय संस्कृति और सभ्यता आज भी दुनिया भर के लिए एक नजीर है. उन्हीं संस्कृतियों में से एक है योग, जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचारित किया. वहीं इसके बाद विदेशी भी योग से प्रभावित हैं.

रूस से आई याना और नताशा को भारतीय संस्कृति से बहुत प्रेम है. याना ने तो भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया है और उन्हें हिंदू धर्म से विशेष लगाव है. याना बताती हैं कि वह अपने घर में भी भारतीय संस्कृति जैसा माहौल रखती हैं.

भारत की संस्कृति से बढ़ा लगाव इन विदेशीयों की.

हरदोई में रूस से आई विदेशी मेहमान योग सीखने के बाद अब स्कूली बच्चों को योग के गुण सिखा रही हैं. पिछले 2 दिनों से रूस के मास्को शहर से भारत भ्रमण पर आई नताशा और याना भारत में योग का संदेश दे रही हैं. इस दौरान वह बच्चों को स्वस्थ रहने का संदेश भी दे रही हैं.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या दीपोत्सव: मंच से योगी ने लिया अयोध्या को अवधपुरी में बदलने का संकल्प

योग को लेकर उन्होंने कहा कि योग से बच्चों का शरीर स्वस्थ रहेगा. इस प्रचार को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चे भी योग का संदेश देने में सहायक बने, जिससे सभी चुस्त और तंदुरुस्त रहें. स्कूल में करीब 2 घंटे तक योग की शिक्षा देने के बाद याना और नताशा ने स्कूली बच्चों के साथ दीपावली भी मनाई और हैप्पी दिवाली कहकर बच्चों का उत्साहवर्धन के साथ ही भारतीय संस्कृति को अपनाने के उद्गार व्यक्त किए.

नताशा बताती हैं कि उन्होंने रूस में मास्को में हिंदी सीखी थी और वह हर साल भारत आती हैं. भारत में उनके अच्छे दोस्त हैं. यहां आकर उन्होंने योग सीखा और दीपावली के मौके पर वह इसलिए आई हैं क्योंकि त्योहार के मौके पर रिश्तेदार इकट्ठे होते हैं.

हिंदू धर्म से बेहद प्रेम करने वाली और हिंदू धर्म के मुताबिक सिंदूर लगाकर और मंगलसूत्र पहनकर हिंदू धर्म के प्रति अपने प्रेम को जाहिर कर रही याना बताती हैं कि वह 7 वर्ष की थी, तब वह अपने माता-पिता के साथ मथुरा आई थी. इसके बाद उनका भारत में कई बार आना जाना हुआ, जिसके बाद उन्हें भारतीय संस्कृति से बेहद लगाव हो गया और उन्होंने भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया.

इसे भी पढ़ें- महराजगंज: बदहाल कुम्हार, चाइनीज झालर से जगमग शहर

रुस से आई ये दोनों विदेशी महिलाओं को भारत की संस्कृति से अलग ही लगाव है, जिनमें से याना को इतना लगाव हुआ कि वह अपने घर जब वापस रूस जाती हैं तो वहां जाकर उनका मन होता है कि वह जल्द से जल्द फिर भारत वापस लौटे. साथ ही साथ वह अपने घर में ऐसा माहौल भी बनाती हैं कि जैसे वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बीच में ही रह रही हों. इसके लिए वह भगवान की मूर्तियां और चित्र लगाती हैं और उनके परिवार के लोग भी उन्हें सपोर्ट करते हैं.

इन विदेशी मेहमानों ने भारत से योग सिखाकर उसका प्रचार-प्रसार किया. वहीं जिले के सवायजपुर कस्बे में गन्ना कृषक महाविद्यालय में भाजपा विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह रानू के साथ विदेशी मेहमानों ने बच्चों को योग सिखाया और साथ ही साथ उन्हें योग के फायदे भी बताए.

Intro:feed wrap से भेजी गई है
file name--
up_har_03_yog_byte_vis_UP10014

स्लग--हरदोई में विदेशी मेहमान दे रहे योग की शिक्षा भारतीय संस्कृति को भी अपनाया

एंकर--दुनिया में अगर संस्कृति की बात आए और भारतीय संस्कृत का नाम ना आए तो यह नामुमकिन ही होगा क्योंकि भारतीय संस्कृति और सभ्यता आज भी दुनिया भर के लिए एक नजीर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को प्रचारित करने से विदेशी भी प्रभावित हैं हरदोई में रूस से आई विदेशी मेहमान योग सीखने के बाद अब स्कूली बच्चों को योग के गुर सिखा रहे हैं और उन्हें स्वस्थ रहने का संदेश भी दे रहे हैं रूस से आई याना और नताशा को भारतीय संस्कृति से अपार प्रेम है इनमें याना ने तो भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया है और उन्हें हिंदू धर्म से विशेष लगाव है याना बताती हैं कि उन्हें भारतीय संस्कृति से बहुत लगाव है और वह अपने घर में भी भारतीय संस्कृति जैसा माहौल रखती हैं।


Body:vo--उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पिछले 2 दिनों से रूस के मास्को शहर से भारत भ्रमण पर आई नताशा और याना भारत में योग का संदेश दे रही हैं दरअसल दोनों काफी अरसे से भारत आ रही हैं और भारतीय संस्कृति से चिर परिचित हो चुकी हैं दोनों को भारतीय संस्कृत से बेहद लगाव है उन्होंने भारत से योग सीख कर योग का प्रचार प्रसार किया हरदोई जिले के सवायजपुर कस्बे में गन्ना कृषक महाविद्यालय में भाजपा विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह रानू के साथ विदेशी मेहमानों ने बच्चों को योग सिखाया और साथ ही साथ उन्हें योग के फायदे भी बताए ताकि योग से बच्चों का शरीर स्वस्थ रहे और वह बच्चे भी योग का संदेश देने में सहायक बने जिससे सभी चुस्त और तंदुरुस्त रहें स्कूल में करीब 2 घंटे तक योग की शिक्षा देने के बाद याना और नताशा ने स्कूली बच्चों के साथ दीपावली भी मनाई और हैप्पी दिवाली कहकर बच्चों का उत्साह वर्धन के साथ ही भारतीय संस्कृति को अपनाने के उद्गार व्यक्त किए।
बाइट-- मानवेंद्र प्रताप सिंह रानू भाजपा विधायक विधानसभा सवायजपुर
बाइट-- नताशा विदेशी मेहमान
बाइट-- याना और नताशा ट्रांसलेट विदेशी मेहमान


Conclusion:voc--नताशा बताती हैं कि उन्होंने रूस में मास्को में हिंदी सीखी थी और वह हर साल भारत आती हैं भारत में उनके अच्छे दोस्त हैं यहां आकर उन्होंने योग सीखा और दीपावली के मौके पर इसलिए आई हैं क्यों त्यौहार के मौके पर रिश्तेदारों संबंधी कट्ठे होते हैं भारत में बहुत अच्छा लगता है और वह बच्चों को योग सिखा रही हैं ताकि बच्चे योग के प्रति जागरूक हो उनका शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे और योग को या ना अपने रूस में भी लोगों को सिखाती हैं और योग का प्रचार-प्रसार भी करती हैं उन्हें भारतीय संस्कृति से बेहद प्रेम है।

हिंदू धर्म से बेहद प्रेम करने वाली और हिंदू धर्म के मुताबिक सिंदूर लगाकर और मंगलसूत्र पहनकर हिंदू धर्म के प्रति अपने प्रेम को जाहिर कर रही याना बताती हैं कि वह 7 वर्ष की थी तब वह अपने माता-पिता के साथ मथुरा आई थी और फिर भारत में उनका कई बार आना जाना हुआ जिसके बाद उन्हें भारतीय संस्कृति से बेहद लगाव हो गया और उन्होंने भारतीय संस्कृति को ही अपना लिया भारतीय महिलाओं की तरह वह भी रहने लगी उनके मुताबिक वह अपने घर जब वापस रूस जाती हैं तो वहां जाकर उनका मन होता है कि वह जल्द से जल्द पुनः भारत वापस लौटे साथ ही साथ वह अपने घर में ऐसा माहौल भी बनाती हैं कि जैसे वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बीच में ही रह रही हों इसके लिए वह भगवान की मूर्तियां और चित्र लगाती हैं और उनके परिवार के लोग भी उन्हें सपोर्ट करते हैं।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.