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लॉकडाउन का असर: इंजीनियरिंग के छात्र ने साधारण साइकिल को बनाया इलेक्ट्रिक साइकिल

उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले एक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने खाली समय का सदुपयोग करते हुए इलेक्ट्रिक साइकिल का आविष्कार किया है. यह साइकिल पर्यावरण को बेहतर करने में अपना अहम योगदान देगी और प्रदूषण को नियंत्रित कर सकेगी.

इंजीनियरिंग के छात्र ने साधारण साइकिल को बनाया इलेक्ट्रिक साइकिल
इंजीनियरिंग के छात्र ने साधारण साइकिल को बनाया इलेक्ट्रिक साइकिल
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Published : May 1, 2020, 1:07 PM IST

Updated : May 1, 2020, 5:52 PM IST

हरदोई: कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन में अपने खाली समय का लोग बखूबी उपयोग कर रहे हैं. जिले की कोयल बाग कॉलोनी में रहने वाले शुभम ने भी खाली समय का सदुपयोग करते हुए अपने स्कूल टाइम की साधारण साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में कन्वर्ट कर दिया. साइकिल में लगने वाली बैटरी को भी शुभम ने अपने घर पर ही बनाया है. यह साइकिल पर्यावरण को बेहतर करने में अपना अहम योगदान देगी और प्रदूषण को नियंत्रित कर सकेगी. शुभम ने सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील भी की है.

इंजीनियरिंग के छात्र ने साधारण साइकिल को बनाया इलेक्ट्रिक साइकिल

घर पर पड़े अप्रयुक्त समान से बनाई साइकिल
शुभम मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और रोबोटिक्स में माहिर हैं. बता दें कि इससे पहले शुभम ड्रोन भी बना चुके हैं और उसको उन्होंने खुद हाई इफेक्टिव रेसिंग ड्रोन में परिवर्तित कर दिया है. शुभम रोज की भांति अपनी पढ़ाई और हाई टेक ड्रोन बनाने पर रिसर्च कर रहे थे, तभी उन्होंने अपने स्कूल टाइम की साइकिल को देखा, जिससे उन्हें उसे इलेक्ट्रिक साइकिल में बदलने का विचार आया. शुभम ने करीब 15 दिनों की कड़ी मेहनत और खोज के बाद इलेक्ट्रिक साइकिल का अविष्कार किया. उन्होंने इस साइकिल में 0.5 हॉर्स पावर का हाई एफिशिएंशी मोटर लगाया है और एक पॉवर क्लच का भी इस्तेमाल किया है, जिससे कि बार बार ब्रेक लगने से मोटर के ऊपर असर न पड़े और मोटर लांग लाइफ काम कर सके. रात के अंधेरे में साइकिल को आसानी से चलाने के लिए इसमें दो पावर फुल लाइटें भी लगाई हैं और लोगों को सचेत करने के लिए एक साउंड फुल हॉर्न भी लगाया गया है.

घर पर ही बनाई लिथियम बैट्री
शुभम को इस मोटर ऑपरेटेड साइकिल को चलाने के लिए एक बैटरी की जरूरत भी थी, लेकिन लॉकडाउन में बंदी होने की वजह से बैटरी नहीं मिल रही थी. इसीलिए शुभम ने घर पर ही कम जगह घेरने वाली और हाई पवार लिथियम बैटरी का भी अविष्कार किया. ये बैटरी साधारण बैटरियों से ज्यादा शक्तिशाली होती हैं और कम जगह घेरने और लंबे समय तक चलने वाली होती है. शुभम ने अप्रयुक्त सेल्स से इस लिथियम बैट्री को बनाकर अपनी इलेक्ट्रिक साइकिल में लगाया है. उन्होंने बताया कि इस साइकिल को 6 से 7 हजार रुपयों की लागत से इलेक्ट्रिक साइकिल में परिवर्तित किया है, साथ ही इसमें लगी 16 हजार एमएएच यानी कि 16 एएच की बैटरी से इसे एक बार चार्ज करने पर करीब 60 मिनट तक चला सकते हैं. इसकी टॉप स्पीड लगभग 25 किलोमीटर प्रति घण्टे है.

बना चुके हैं एक ड्रोन कैमरा
हाल ही में शुभम को वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल हुआ था, जहां उन्होंने अपने द्वारा बनाये गए एक ड्रोन को पेश किया था. इस प्रतियोगिता में विश्व भर से रोबोटिक्स में पारंगत लोग आए थे जहां अव्वल आकर शुभम हरदोई का परचम भी लहरा चुके हैं. शुभम अपने द्वारा बनाये गए एक ड्रोन में भी परिवर्तन कर उसे हाई इफेक्टिव रेसिंग ड्रोन में बदल दिया है.

हरदोई: कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन में अपने खाली समय का लोग बखूबी उपयोग कर रहे हैं. जिले की कोयल बाग कॉलोनी में रहने वाले शुभम ने भी खाली समय का सदुपयोग करते हुए अपने स्कूल टाइम की साधारण साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में कन्वर्ट कर दिया. साइकिल में लगने वाली बैटरी को भी शुभम ने अपने घर पर ही बनाया है. यह साइकिल पर्यावरण को बेहतर करने में अपना अहम योगदान देगी और प्रदूषण को नियंत्रित कर सकेगी. शुभम ने सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील भी की है.

इंजीनियरिंग के छात्र ने साधारण साइकिल को बनाया इलेक्ट्रिक साइकिल

घर पर पड़े अप्रयुक्त समान से बनाई साइकिल
शुभम मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और रोबोटिक्स में माहिर हैं. बता दें कि इससे पहले शुभम ड्रोन भी बना चुके हैं और उसको उन्होंने खुद हाई इफेक्टिव रेसिंग ड्रोन में परिवर्तित कर दिया है. शुभम रोज की भांति अपनी पढ़ाई और हाई टेक ड्रोन बनाने पर रिसर्च कर रहे थे, तभी उन्होंने अपने स्कूल टाइम की साइकिल को देखा, जिससे उन्हें उसे इलेक्ट्रिक साइकिल में बदलने का विचार आया. शुभम ने करीब 15 दिनों की कड़ी मेहनत और खोज के बाद इलेक्ट्रिक साइकिल का अविष्कार किया. उन्होंने इस साइकिल में 0.5 हॉर्स पावर का हाई एफिशिएंशी मोटर लगाया है और एक पॉवर क्लच का भी इस्तेमाल किया है, जिससे कि बार बार ब्रेक लगने से मोटर के ऊपर असर न पड़े और मोटर लांग लाइफ काम कर सके. रात के अंधेरे में साइकिल को आसानी से चलाने के लिए इसमें दो पावर फुल लाइटें भी लगाई हैं और लोगों को सचेत करने के लिए एक साउंड फुल हॉर्न भी लगाया गया है.

घर पर ही बनाई लिथियम बैट्री
शुभम को इस मोटर ऑपरेटेड साइकिल को चलाने के लिए एक बैटरी की जरूरत भी थी, लेकिन लॉकडाउन में बंदी होने की वजह से बैटरी नहीं मिल रही थी. इसीलिए शुभम ने घर पर ही कम जगह घेरने वाली और हाई पवार लिथियम बैटरी का भी अविष्कार किया. ये बैटरी साधारण बैटरियों से ज्यादा शक्तिशाली होती हैं और कम जगह घेरने और लंबे समय तक चलने वाली होती है. शुभम ने अप्रयुक्त सेल्स से इस लिथियम बैट्री को बनाकर अपनी इलेक्ट्रिक साइकिल में लगाया है. उन्होंने बताया कि इस साइकिल को 6 से 7 हजार रुपयों की लागत से इलेक्ट्रिक साइकिल में परिवर्तित किया है, साथ ही इसमें लगी 16 हजार एमएएच यानी कि 16 एएच की बैटरी से इसे एक बार चार्ज करने पर करीब 60 मिनट तक चला सकते हैं. इसकी टॉप स्पीड लगभग 25 किलोमीटर प्रति घण्टे है.

बना चुके हैं एक ड्रोन कैमरा
हाल ही में शुभम को वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल हुआ था, जहां उन्होंने अपने द्वारा बनाये गए एक ड्रोन को पेश किया था. इस प्रतियोगिता में विश्व भर से रोबोटिक्स में पारंगत लोग आए थे जहां अव्वल आकर शुभम हरदोई का परचम भी लहरा चुके हैं. शुभम अपने द्वारा बनाये गए एक ड्रोन में भी परिवर्तन कर उसे हाई इफेक्टिव रेसिंग ड्रोन में बदल दिया है.

Last Updated : May 1, 2020, 5:52 PM IST
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