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हरदोई कोविड अस्पताल की बदहाल तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल

हरदोई जिले के कोविड अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं मात्र 37 मरीजों में ही चरमरा गई हैं. अस्पताल के अंदर की अव्यवस्थाओं का पोल खोलने वाला वीडियो मरीजों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा बचाव में अपनी अलग तरह की दलील देने में जुटा हुआ है.

हरदोई कोविड अस्पताल
हरदोई कोविड अस्पताल
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Published : Apr 22, 2021, 1:18 PM IST

हरदोई : वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अस्पतालों में अव्यवस्थाओं से हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन हरदोई जिले में मात्र 37 मरीजों से ही स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. अस्पताल के अंदर की अव्यवस्थाओं को बयां करने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल के अंदर गंदगी का ढेर नजर आ रहा है. हालात इतने बुरे हैं कि गैलरी में एक वृद्ध व्यक्ति भी लेटा हुआ है.

हरदोई कोविड अस्पताल

अस्पताल की बदहाल तस्वीरें वायरल

कोरोना पेशेंट के लिए हरदोई जिले में एकमात्र अस्पताल काम कर रहा है. वैसे तो जनपद में वर्तमान में 1902 कोरोना संक्रमित केस हैं. लेकिन इस इकलौते अस्पताल में मौजूदा समय में महज 37 लोग भर्ती हैं, जबकि बाकी होम आइसोलेशन में हैं. इस अस्पताल में उन मरीजों का उपचार चल रहा है, जिनमें ऑक्सीजन की कमी है. गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में लगा यह अस्पताल शुरुआती दौर में ही मरीजों की छोटी सी संख्या में बदहाल सा नजर आ रहा है.

अस्पताल में गंदगी का अंबार

अस्पताल के अंदर गैलरी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गैलरी में एक बुजुर्ग व्यक्ति कूड़े के ढेर के बीचो-बीच लेटा हुआ है. यह वीडियो अस्पताल के अंदर उपचार करा रहे लोगों ने ही सोशल मीडिया पर वायरल किया है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि कोई भी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उनके मरीजों को देखने कई बार बुलाने के बाद भी नहीं पहुंचता है. अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी डांवाडोल रहती है. सिलेंडरों में ऑक्सीजन मौजूद होते हुए भी मरीजों को उसकी आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं होती है. लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भी अस्पताल प्रशासन को फोन करना पड़ता है.

मरीजों ने लगाया गंभीर आरोप

यहां भर्ती एक मरीज के तीमारदार का आरोप है कि उनके पिता जी की तबीयत खराब थी. वह सुबह से शाम तक दवा देने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी मृत्यु होने तक किसी ने भी उन तक दवा नहीं पहुंचाई. हालांकि पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी खुद कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है. वहीं सीएमओ पूरे मामले में अपने बचाव में अलग-अलग दलील देने में जुटे हुए हैं.

इसे भी पढ़ें- यूपी में 77 हजार से ज्यादा कंटेनमेंट जोन, प्रवासियों को किया जा रहा क्वारंटीन

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सूर्य मणि त्रिपाठी की दलील

L-2 हॉस्पिटल में 37 पेशेंट भर्ती हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है. ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं है. सेवा प्रदाता कंपनी के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती किए गए हैं, जो कि कोरोना संक्रमण के डर से छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन फिर भी व्यवस्था की गई है. वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक वृद्ध लेटे हुए हैं, वह यहीं हॉस्पिटल के हैं और वह थक गए थे, इसलिए लेट गए थे. कूड़ा अंदर से साफ कर बाहर इकट्ठा किया गया था, जिसे गाड़ी ले जाती है.

हरदोई : वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अस्पतालों में अव्यवस्थाओं से हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन हरदोई जिले में मात्र 37 मरीजों से ही स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. अस्पताल के अंदर की अव्यवस्थाओं को बयां करने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल के अंदर गंदगी का ढेर नजर आ रहा है. हालात इतने बुरे हैं कि गैलरी में एक वृद्ध व्यक्ति भी लेटा हुआ है.

हरदोई कोविड अस्पताल

अस्पताल की बदहाल तस्वीरें वायरल

कोरोना पेशेंट के लिए हरदोई जिले में एकमात्र अस्पताल काम कर रहा है. वैसे तो जनपद में वर्तमान में 1902 कोरोना संक्रमित केस हैं. लेकिन इस इकलौते अस्पताल में मौजूदा समय में महज 37 लोग भर्ती हैं, जबकि बाकी होम आइसोलेशन में हैं. इस अस्पताल में उन मरीजों का उपचार चल रहा है, जिनमें ऑक्सीजन की कमी है. गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में लगा यह अस्पताल शुरुआती दौर में ही मरीजों की छोटी सी संख्या में बदहाल सा नजर आ रहा है.

अस्पताल में गंदगी का अंबार

अस्पताल के अंदर गैलरी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गैलरी में एक बुजुर्ग व्यक्ति कूड़े के ढेर के बीचो-बीच लेटा हुआ है. यह वीडियो अस्पताल के अंदर उपचार करा रहे लोगों ने ही सोशल मीडिया पर वायरल किया है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि कोई भी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उनके मरीजों को देखने कई बार बुलाने के बाद भी नहीं पहुंचता है. अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी डांवाडोल रहती है. सिलेंडरों में ऑक्सीजन मौजूद होते हुए भी मरीजों को उसकी आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं होती है. लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भी अस्पताल प्रशासन को फोन करना पड़ता है.

मरीजों ने लगाया गंभीर आरोप

यहां भर्ती एक मरीज के तीमारदार का आरोप है कि उनके पिता जी की तबीयत खराब थी. वह सुबह से शाम तक दवा देने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी मृत्यु होने तक किसी ने भी उन तक दवा नहीं पहुंचाई. हालांकि पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी खुद कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है. वहीं सीएमओ पूरे मामले में अपने बचाव में अलग-अलग दलील देने में जुटे हुए हैं.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सूर्य मणि त्रिपाठी की दलील

L-2 हॉस्पिटल में 37 पेशेंट भर्ती हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है. ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं है. सेवा प्रदाता कंपनी के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती किए गए हैं, जो कि कोरोना संक्रमण के डर से छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन फिर भी व्यवस्था की गई है. वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक वृद्ध लेटे हुए हैं, वह यहीं हॉस्पिटल के हैं और वह थक गए थे, इसलिए लेट गए थे. कूड़ा अंदर से साफ कर बाहर इकट्ठा किया गया था, जिसे गाड़ी ले जाती है.

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