हरदोई: उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध को भारत के संविधान का विरोध बताते हुए विपक्षी दलों पर करारा हमला बोला. उन्होंने विपक्षी दलों पर अल्पसंख्यकों को वोट के लिए भड़काने का आरोप लगाया.
वहीं वीर सावरकर को लेकर उन्होंने कहा कि सावरकर के अपमान की साजिश रचने वाले एक खानदान की राजनीति करना चाहते हैं. उन्होंने यूपी में उपद्रव करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात करते हुए आम लोगों से प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री के लिए सहयोग की अपील भी की है.
प्रियंका पर साधा निशाना
डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रियंका गांधी द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम पर फिरोजाबाद में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार के लोगों को भेजे गए पत्र के सवाल पर जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कहा कि कुछ ऐसे तत्व हैं. खासतौर से कुछ ऐसे जनप्रतिनिधि भी हैं, जो अपने वक्तव्य पर संयम नहीं हैं. वे सवायजपुर विधानसभा के गांव बरबन में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह के आयोजित कंबल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे.
पथराव करने वालों को संविधान रक्षक का दर्जा दे रहा विपक्ष
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक विरोधी दल के नेता द्वारा यह घोषणा किया गया कि जो पथराव करने वाले लोग हैं. उनको पुलिस पकड़ रही है या दंडित कर रही है. उनको संविधान रक्षक सम्मान पुरस्कार देंगे और उनकी पेंशन बांध देंगे. वहीं दूसरा दल कह रहा है कि हम उनको वकील देंगे, जिससे उनके ऊपर कोई कार्रवाई न हो सके. शायद उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा है, जब किसी उपद्रवी को सहायता करके उसको विभिन्न प्रकार की मदद की घोषणा की जा रही है.
अल्पसंख्यकों को भड़का रहा विपक्ष
डिप्टी सीएम ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि यह दल, जो अपना जनाधार खो चुके हैं, उनका एक ही उद्देश्य है कि किसी प्रकार से बीजेपी के खिलाफ अल्पसंख्यकों को भड़काओ. उनका वोट लेने के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों में होड़ लगी हुई है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल पास हुआ है, उसको अगर हम नहीं मानने की बात कहें तो यह संविधान का विरोध है और संविधान का जो विरोध करेगा, उसे जनता दंड देगी.
सावरकर के अपमान की रची जा रही साजिश
डिप्टी सीएम से जब सवाल किया गया कि भोपाल में एक सेवादल के कार्यक्रम में एक किताब बांटी गई जिसमें वीर सावरकर और गोडसे के संबंधों को लेकर लिखा गया, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह दु:ख का विषय है. सावरकर, जिन्होंने अपना पूरा जीवन दे दिया, जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास लिख डाला हो, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय जेल में बिताया हो, ऐसे वीर पुरुष के सम्मान के बजाय आप अपमान की साजिश जो कर रहे हैं, वह वही लोग हैं जो एक खानदान की राजनीति करना चाहते हैं. यह वही लोग हैं, जिन्हें आजादी के बारे में पता नहीं है.
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डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि वीर सावरकर के बारे में बालासाहेब ठाकरे का स्टैंड बिल्कुल क्लियर था. वह कहा करते थे सावरकर हमारे हिंदुस्तान की आन, बान और शान हैं. अब इसमें शिवसेना को स्पष्ट करना चाहिए कि कांग्रेस के साथ जाने के बाद उनका मंतव्य क्या है.