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हरदोई: बिजली खम्भों पर केबल ऑपरेटरों का कब्जा

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बिजली के खम्भों पर केबल ऑपरेटरों ने कब्जा जमा रखा है. शहर और ग्रामीण इलाकों में चारों चरफ मकड़जाल फैला रखा है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कार्रवाई किए जाने के बात कही है.

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बिजली के खंभों पर मकड़जाल.
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Published : Jun 27, 2020, 1:27 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 5:42 PM IST

हरदोई: जिले में बिजली के पोल अब पूरी तरह से केबल कारोबारियों की जागीर बन चुके हैं. बात चाहे शहर की हो या ग्रामीण इलाकों की, हर जगह डिश के तारों का मकड़जाल देखने को मिल रहा है. बिजली विभाग को जानकारी होने के बाद भी इनके खिलाफ कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. वहीं इन टीवी केबल के मकड़जाल से बिजली विभाग को कई बार बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है. हालांकि जिम्मेदारों ने इन तारों को जल्द ही हटवा कर ऐसे केबल ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

बिजली के खंभों पर मकड़जाल.

बिजली के पोल बने केबल ऑपरेटरों की जागीर
आज का युग टेलीविजन का है, लेकिन केबल ऑपरेटरों ने बिजली के खम्भों पर अपना ठिकाना बना रखा है. बिजली विभाग घरों तक बिजली आपूर्ति करने के लिए अपने निजी और सरकारी खम्भों का इस्तेमाल करता है. लेकिन ये निजी केबल ऑपरेटर बिजली खंभों को सहारा बनाकर अपना काम निकाल रहे हैं. इसी सवाल का जवाब जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने जिले का भ्रमण किया तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं. दरअसल, जिले में शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण तक बिजली के खम्भों पर निजी केबल कारोबारियों ने अपना कब्जा जमाए हुए हैं. जगह-जगह तारों के मकड़जाल फैले हुए हैं.

आए दिन होता है शॉर्ट सर्किट
वहीं जिले के कुछ स्थानीय लोगों से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने बिजली के खम्भों पर बने डिश तारों के मकड़जाल से आने वाली समस्याओं के बारे में बताया. उनका कहना था कि इन तारों की वजह से शॉर्ट सर्किट हो जाता है और कभी इन तारों के आपस में लड़ने से ये टूट कर सड़क पर गिर जाते हैं. कई बार आवारा जानवर भी इन एचटी लाइनों की चपेट में आकर अपना दम तोड़ देते हैं.

केबल कारोबारी ने दी सफाई
जब इटीवी भारत की टीम ने निजी कारोबारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें बिजली के पोलों को इस्तेमाल में लाए जाने की कोई लिखित अनुमति नहीं है. अगर हम इन खम्भों को इस्तेमाल नहीं करेंगे तो इसके अलावा दूसरे और कोई उपाय भी नहीं है. हालांकि डिश केबल ऑपरेटर हरि नारायण शुक्ला ने डेन व जिओ कंपियों के आदेश के अनुसार ही भविष्य में काम किये जाने की बात कही है.

अधिशाषी अधिकारी मनीष चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन केबल वायर्स को बिजली के पोल पर डालने की किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी गई है. जबकि इस लापरवाही के चलते इन डिश के तारों के जरिए लोगों के घरों तक एचटी लाइन का करेंट जाने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम बिजली विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुंची तो वे कैमरे से बचते नजर आए.

यह बेहद गंभीर समस्या है. पूर्व में केबल ऑपरेटरों की इस लापरवाही और मनमानी से तारों में स्पार्किंग आदि की समस्याएं पैदा होती रही है. इसी के दृष्टिगत अब अभियान चलाकर निजी केबल करोबरियों की इस मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा.
पुलकित खरे,जिलाधिकारी

हरदोई: जिले में बिजली के पोल अब पूरी तरह से केबल कारोबारियों की जागीर बन चुके हैं. बात चाहे शहर की हो या ग्रामीण इलाकों की, हर जगह डिश के तारों का मकड़जाल देखने को मिल रहा है. बिजली विभाग को जानकारी होने के बाद भी इनके खिलाफ कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. वहीं इन टीवी केबल के मकड़जाल से बिजली विभाग को कई बार बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है. हालांकि जिम्मेदारों ने इन तारों को जल्द ही हटवा कर ऐसे केबल ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

बिजली के खंभों पर मकड़जाल.

बिजली के पोल बने केबल ऑपरेटरों की जागीर
आज का युग टेलीविजन का है, लेकिन केबल ऑपरेटरों ने बिजली के खम्भों पर अपना ठिकाना बना रखा है. बिजली विभाग घरों तक बिजली आपूर्ति करने के लिए अपने निजी और सरकारी खम्भों का इस्तेमाल करता है. लेकिन ये निजी केबल ऑपरेटर बिजली खंभों को सहारा बनाकर अपना काम निकाल रहे हैं. इसी सवाल का जवाब जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने जिले का भ्रमण किया तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं. दरअसल, जिले में शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण तक बिजली के खम्भों पर निजी केबल कारोबारियों ने अपना कब्जा जमाए हुए हैं. जगह-जगह तारों के मकड़जाल फैले हुए हैं.

आए दिन होता है शॉर्ट सर्किट
वहीं जिले के कुछ स्थानीय लोगों से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने बिजली के खम्भों पर बने डिश तारों के मकड़जाल से आने वाली समस्याओं के बारे में बताया. उनका कहना था कि इन तारों की वजह से शॉर्ट सर्किट हो जाता है और कभी इन तारों के आपस में लड़ने से ये टूट कर सड़क पर गिर जाते हैं. कई बार आवारा जानवर भी इन एचटी लाइनों की चपेट में आकर अपना दम तोड़ देते हैं.

केबल कारोबारी ने दी सफाई
जब इटीवी भारत की टीम ने निजी कारोबारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें बिजली के पोलों को इस्तेमाल में लाए जाने की कोई लिखित अनुमति नहीं है. अगर हम इन खम्भों को इस्तेमाल नहीं करेंगे तो इसके अलावा दूसरे और कोई उपाय भी नहीं है. हालांकि डिश केबल ऑपरेटर हरि नारायण शुक्ला ने डेन व जिओ कंपियों के आदेश के अनुसार ही भविष्य में काम किये जाने की बात कही है.

अधिशाषी अधिकारी मनीष चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन केबल वायर्स को बिजली के पोल पर डालने की किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी गई है. जबकि इस लापरवाही के चलते इन डिश के तारों के जरिए लोगों के घरों तक एचटी लाइन का करेंट जाने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम बिजली विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुंची तो वे कैमरे से बचते नजर आए.

यह बेहद गंभीर समस्या है. पूर्व में केबल ऑपरेटरों की इस लापरवाही और मनमानी से तारों में स्पार्किंग आदि की समस्याएं पैदा होती रही है. इसी के दृष्टिगत अब अभियान चलाकर निजी केबल करोबरियों की इस मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा.
पुलकित खरे,जिलाधिकारी

Last Updated : Jun 29, 2020, 5:42 PM IST
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