हरदोई: जिले में दिव्यांग जनों को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण करने के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले भाजपा सांसद अशोक बाजपेई जिले के शहीदों की शहादत की तिथि ही भूल बैठे. अशोक वाजपेई ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजों ने सेमरिया में मिनी जलियांवाला बाग कांड को अंजाम दिया, जिसमें जिले के 300 से ज्यादा लोग शहीद हुए थे. भाजपा सांसद यह भूल बैठे कि शहीदों की शहादत 26 जनवरी 1932 को हुई थी और अंग्रेजों ने निरअपराध लोगों के खिलाफ मामला भी चलाया था जिनमें से 24 लोगों को कोर्ट से सजा भी सुनाई गई थी.
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शहीदों के शहादत की तिथि भूले सांसद
जिले के सीएसएन डिग्री कॉलेज में दिव्यांग जनों को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता केंद्रीय मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने शिरकत की थी, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक वाजपेई ने की थी.
सेमरिया में 1857 में बहुत बड़ा हादसा हुआ था. वहां ग्रामीणों पर अंग्रेजों की पुलिस ने अत्याचार किया था, जिससे दूसरा जलियांवाला कांड हुआ था. सेमरिया में सैकड़ों लोग मारे गए थे. उनकी याद में वहां पर स्मारक बनाने के काम को और लोगों के नाम अंकित करने के कार्य की मैं सराहना करता हूं.
विकासखंड हरपालपुर के सेमरिया गांव में 26 जनवरी 1932 को आजादी की मांग कर रहे निरपराध लोगों पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाई थी. उस दौरान करीब 300 लोग शहीद हुए थे तो वहीं कुछ लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था. गजेटियर के मुताबिक 24 ऐसे लोग थें जिनके खिलाफ अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया और दंडित भी किया था.
शहीदों की याद में सिमरिया गांव में एक शहीद स्मारक का निर्माण विगत सन् 2010 में तत्कालीन जिलाधिकारी अवधेश सिंह राठौर ने कराया था. वहीं अंग्रेजी हुकूमत ने 24 निरअपराध लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें सजा सुनाई थी. सजा काटने वाले सभी 24 लोगों के नाम शिलापट पर अंकित किए गए हैं.