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हरदोई: खुले में फेंका जा रहा बायोमेडिकल वेस्ट, संक्रमण का खतरा

जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है जबकि एनजीटी ने बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की एक अलग तरीके से प्रक्रिया बनाई है.

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Published : Feb 21, 2019, 12:16 PM IST

बायोमेडिकल वेस्ट

हरदोई: बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एनजीटी भले ही सख्त हो लेकिन हरदोई में एनजीटी के नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आलम यह है कि जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.

बायोमेडिकल वेस्ट को खुलेआम फेंकते कर्मचारी.
  • एनजीटी ने बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की एक अलग तरीके से प्रक्रिया बनाई है
  • सरकार ने बायो मेडिकल वेस्ट के सही से निस्तारण ना करने पर हुए 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है
  • जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है
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बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारीकरण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग संवेदनहीन नजर आ रहा है. जिला अस्पताल के बाहर खुलेआम बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है. जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.

बता दें कि एनजीटी ने साफ तौर पर चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारण के लिए कड़े नियमों का प्रावधान किया है. जिसके तहत एक अलग तरीके से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाती है. साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि क्लोरिनेटेड, प्लास्टिक बैग दस्तानों और ब्लड बैंक से निकलने वाले निडिलजैसे अपशिष्ट को एक अलग ढंग से निस्तारित किया जाए.

इसके अलावा सरकार ने बायो मेडिकल वेस्ट के सही से निस्तारण ना करने पर सख्त रूख अपनाते हुए 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है.लेकिन हरदोई में शायद स्वास्थ्य विभाग को ना तो एनजीटी से डर लगता है और ना ही सरकार के बनाए गए कानून से. इससे वायु प्रदूषण फैलने का खतरा मंडरा रहा है जो इंसानी जिंदगी के साथ ही अन्य जीवों की जिंदगी के लिए भी घातक हो सकता है.

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इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए के शाक्य का कहना है कि जिला अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का टेंडर एक सेनेटरी बेस्ट कंपनी को दिया गया है. यह चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारीकरण का काम करती है. उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि नियमों के अनुसार ही बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करें और इसे खुले में ना फेंके. साथ ही वह इस मामले की जांच कराएंगे.

हरदोई: बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एनजीटी भले ही सख्त हो लेकिन हरदोई में एनजीटी के नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आलम यह है कि जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.

बायोमेडिकल वेस्ट को खुलेआम फेंकते कर्मचारी.
  • एनजीटी ने बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की एक अलग तरीके से प्रक्रिया बनाई है
  • सरकार ने बायो मेडिकल वेस्ट के सही से निस्तारण ना करने पर हुए 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है
  • जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है
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बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारीकरण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग संवेदनहीन नजर आ रहा है. जिला अस्पताल के बाहर खुलेआम बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है. जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.

बता दें कि एनजीटी ने साफ तौर पर चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारण के लिए कड़े नियमों का प्रावधान किया है. जिसके तहत एक अलग तरीके से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाती है. साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि क्लोरिनेटेड, प्लास्टिक बैग दस्तानों और ब्लड बैंक से निकलने वाले निडिलजैसे अपशिष्ट को एक अलग ढंग से निस्तारित किया जाए.

इसके अलावा सरकार ने बायो मेडिकल वेस्ट के सही से निस्तारण ना करने पर सख्त रूख अपनाते हुए 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है.लेकिन हरदोई में शायद स्वास्थ्य विभाग को ना तो एनजीटी से डर लगता है और ना ही सरकार के बनाए गए कानून से. इससे वायु प्रदूषण फैलने का खतरा मंडरा रहा है जो इंसानी जिंदगी के साथ ही अन्य जीवों की जिंदगी के लिए भी घातक हो सकता है.

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इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए के शाक्य का कहना है कि जिला अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का टेंडर एक सेनेटरी बेस्ट कंपनी को दिया गया है. यह चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारीकरण का काम करती है. उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि नियमों के अनुसार ही बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करें और इसे खुले में ना फेंके. साथ ही वह इस मामले की जांच कराएंगे.

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग-- हरदोई में खुले में फेंका जा रहा जिला अस्पताल से निकलने बायोमेडिकल वेस्ट बढ़ा संक्रमण का खतरा, सीएमएस ने दिए जांच के आदेश

एंकर--- बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एनजीटी भले ही सख्त हो और इसके लिए कड़े नियमों का प्रावधान कर रखा हो सरकार ने चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया हो लेकिन हरदोई में एनजीटी के नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं यहां चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग संवेदनहीन नजर आ रहा है आलम यह है कि जिला अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम कचरे में फेंका जा रहा है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए एक खतरा है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है हालांकि इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है की जिस कंपनी को बायोमेडिकल बेस्ट निस्तारीकरण के लिए ठेका दिया गया है अगर इस तरह की लापरवाही की जा रही है तो वह मामले की जांच कराएंगे साथ ही उन्होंने इसके लिए सभी चिकित्सकों की मीटिंग बुलाकर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए निर्देश दिए हैं।


Body:vo- तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह से कचरे के ढेर पर कुछ कर्मचारी बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने में जुटे हुए हैं और उसके बाद आवारा गोवंश और पशु उन्हें चिकित्सा अपशिष्ट को खाने में जुटे हैं यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जिला अस्पताल के बाहर की है जहां सड़क किनारे बने कचरे के ढेर पर चिकित्सा अपशिष्ट फेंका जा रहा है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है एनजीटी ने साफ तौर पर चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारण के लिए कड़े नियमों का प्रावधान किया है जिसके तहत एक अलग तरीके से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाती है साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि क्लोरिनेटेड, प्लास्टिक बैग दस्तानों और ब्लड बैंक से निकलने वाले निडिल, ब्लड बैंक जैसे अपशिष्ट को एक अलग ढंग से निस्तारित किया जाए ताकि यह कचरा मनुष्य और अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नाम और ना ही वायु और जल प्रदूषण बढ़े। सरकार ने बायो मेडिकल वेस्ट के सही से निस्तारण ना करने पर सख्त रूख अपनाते हुए 5 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है लेकिन हरदोई में शायद स्वास्थ्य विभाग को ना तो एनजीटी से डर लगता है और ना ही सरकार के बनाए गए कानून से यही वजह है कि एनजीटी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से वायु प्रदूषण फैलने का खतरा मंडरा रहा है जो इंसानी जिंदगी के साथ ही अन्य जीवो की जिंदगी के लिए भी घातक हो सकता है।


Conclusion:voc- इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके शाक्य का कहना है की जिला अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का टेंडर एक सेनेटरी बेस्ट कंपनी को दिया गया है जो चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारीकरण का काम करती है इसके लिए उन्होंने सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि नियमों के अनुसार ही बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करें और इसे खुले में ना फेंके।
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