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हरदोई : हीट स्ट्रोक से हो सकती है मौत, जानिए कैसे करें बचाव

इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. इस बार का अधिकतम पारा 42 डिग्री के पार पहुंचा. ऐसी गर्मी में किसी व्यक्ति को हीट स्ट्रोक हो सकता है. इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इन सभी समस्याओं से बचने के लिए जिले के डॉ आरके मिश्रा ने कुछ अहम बातें बताई हैं. इससे व्यक्ति अपने को हीट स्ट्रोक से बचा सकता है.

भीषण गर्मी में हो सकती है इंसान की मौत, जानिए कैसे करे बचाव
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Published : Jun 2, 2019, 8:00 AM IST

हरदोई : इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. इस बार का अधिकतम पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसी गर्मी एक साधारण व्यक्ति के लिए तब जानलेवा साबित हो सकती है, जब उसे हीट स्ट्रोक हो जाए. हीट स्ट्रोक होने से शरीर में मल्टी सिस्टम फेल होने की संभावना बढ़ जाती है और इंसान की मौत भी हो सकती है. इसके अलावा वाटर बोर्न बीमारी भी भीषण गर्मी में हो सकती है. इसका अंदाजा जिला अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है. इन सब समस्याओं से बचने के लिए जिले के डॉ आरके मिश्रा ने कुछ सलाह जनपदवासियों को दी हैं.

भीषण गर्मी से बचाव के उपाय बताते डॉक्टर.
  • हरदोई जिला चिकित्सालय में टायफाइड, डायरिया, उल्टी-दस्त आदि संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं.
  • रोजाना दर्जनों मरीज इन संक्रमित बीमारियों के चलते यहां देखने को मिल रहे हैं.
  • लोग भीषण गर्मी में शुद्ध पानी पिएं और पूरे शरीर को ढककर घर से बाहर निकले.
  • इस मौसम में बाहर कटे हुए फल और खुली रखी खाने-पीने की चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें.

इस मौसम में अधिकतर खतरा लू लगने का होता है. इससे हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है और बॉडी का मल्टी सिस्टम फेल हो सकता है. जब शरीर का तापमान मौसम के तापमान जितना हो जाता है तो शरीर मे मौजूद प्रोटीन पकने लगता है, जिससे हीट स्ट्रोक होता है और इंसान की जान जाने का भी खतरा बना रहता है. इससे बचने के लिए व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएं ताकि उसके शरीर का तापमान सामान्य हो सके और उसके बाद उसे अस्पताल में लाकर भर्ती करा सके. वहीं इससे बचने के लिए ज्यादा पानी का सेवन करें और बदन को पूरी तरह से ढक कर बाहर निकलें. इससे लू से बचा जा सकता. वाटर बॉर्न बीमारी से होने वाली बीमारियों जैसे टायफाइड, डायरिया, पीलिया, दस्त और उल्टी आदि की भी जानकारी दी.

-डॉ आरके मिश्रा, जिला अस्पताल

हरदोई : इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. इस बार का अधिकतम पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसी गर्मी एक साधारण व्यक्ति के लिए तब जानलेवा साबित हो सकती है, जब उसे हीट स्ट्रोक हो जाए. हीट स्ट्रोक होने से शरीर में मल्टी सिस्टम फेल होने की संभावना बढ़ जाती है और इंसान की मौत भी हो सकती है. इसके अलावा वाटर बोर्न बीमारी भी भीषण गर्मी में हो सकती है. इसका अंदाजा जिला अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है. इन सब समस्याओं से बचने के लिए जिले के डॉ आरके मिश्रा ने कुछ सलाह जनपदवासियों को दी हैं.

भीषण गर्मी से बचाव के उपाय बताते डॉक्टर.
  • हरदोई जिला चिकित्सालय में टायफाइड, डायरिया, उल्टी-दस्त आदि संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं.
  • रोजाना दर्जनों मरीज इन संक्रमित बीमारियों के चलते यहां देखने को मिल रहे हैं.
  • लोग भीषण गर्मी में शुद्ध पानी पिएं और पूरे शरीर को ढककर घर से बाहर निकले.
  • इस मौसम में बाहर कटे हुए फल और खुली रखी खाने-पीने की चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें.

इस मौसम में अधिकतर खतरा लू लगने का होता है. इससे हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है और बॉडी का मल्टी सिस्टम फेल हो सकता है. जब शरीर का तापमान मौसम के तापमान जितना हो जाता है तो शरीर मे मौजूद प्रोटीन पकने लगता है, जिससे हीट स्ट्रोक होता है और इंसान की जान जाने का भी खतरा बना रहता है. इससे बचने के लिए व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएं ताकि उसके शरीर का तापमान सामान्य हो सके और उसके बाद उसे अस्पताल में लाकर भर्ती करा सके. वहीं इससे बचने के लिए ज्यादा पानी का सेवन करें और बदन को पूरी तरह से ढक कर बाहर निकलें. इससे लू से बचा जा सकता. वाटर बॉर्न बीमारी से होने वाली बीमारियों जैसे टायफाइड, डायरिया, पीलिया, दस्त और उल्टी आदि की भी जानकारी दी.

-डॉ आरके मिश्रा, जिला अस्पताल

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिले में इस दरमियान गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है।इस बार का अधिकतम पारा 42 डिग्री से अधिक नोट किया गया है।ऐसी गर्मी एक साधारण व्यक्ति के लिए तब जानलेवा साबित हो सकती है जब उसे हीट स्ट्रोक हो जाए। हीट स्ट्रोक होने से बॉडी में मल्टी सिस्टम फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती है और इंसान की मौत भी हो सकती है।इसके अलावा वाटर बोर्न डिजीज़ होना भी भीषण गर्मी में लाज़मी होता है जिसका अंदाज़ जिला अस्पताल में बढ़ती मरीज़ों की संख्या से लगाया जा सकता है।इन सब समस्याओं से बचने के लिए जिले के विशेषज्ञों ने ईटीवी के माध्यम से कुछ अहम सलाह व नसीहतें जनपद वासियों को दी हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई में इस दरमियान जिला चिकित्सालय में टायफायड, डायरिया, उल्टी-दस्त आदि संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीज़ों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।ये सभी भीषण गर्मी का शिकार हुए हैं।रोजाना दर्जनों मरीज़ इन संक्रमित बीमारियीं के यहां देखने को मिल रहे हैं।इन्ही सब को ध्यान में रख जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ चिकित्सक(फिजिशियन) आर के मिश्रा ने लोगों को शुद्ध पेय जल पीने व पूरे बदन को ढक कर घर से बाहर निकलने की सलाह दी है।इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस मौसम में बाहर कटे हुए फल व खुली रखी खाने पीने की चीज़ों का सेवन बिल्कुल भी न करें।गर्मी का कहर इस दौरान जिले में किस कदर फैला हुआ है इसका अंदाज़ा सड़कों पर निकलते लोगों का हाल देख कर व अस्पतालों में भर्ती मरीजों को देख कर लगाया जा सकता है।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--चिकित्सक आर के मिश्रा कहते हैं कि इस मौसम में अधिकतर खतरा लू लगने का होता है। जिससे हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है और बॉडी का मल्टी सिस्टम फेल हो सकता है।कहा कि जब शरीर का तापमान मौसम के तापमान जितना हो जाता है तो शरीर मे मौजूद प्रोटीन पकने लगता है।जिससे हीट स्ट्रोक होता है और इंसान की जान जाने का भी खतरा बना रहता है।इससे बचने के लिए डॉटकर ने राय दी कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएं। जिससे कि उसके शरीर का तापमान सामान्य हो सके और उसके बाद उसे अस्पताल में लाकर भर्ती कराएं।वहीं इससे बचने के लिए उन्होंने ज्यादा पानी का सेवन करने और बदन को पूरी तरह से ढक कर रखने की नसीहत दी, जिससे कि लू से बचाव हो सके। वहीं वाटर बॉर्न डीसीसेज से होने वाली बीमारियों जैसे टाइफाइड, डायरिया, पीलिया, दस्त व उल्टी आदि की भी जानकारी दी व इससे बचाव के तरीकों से अवगत कराया।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--डॉ आर के मिश्रा--जिला अस्पताल हरदोई

पीटूसी


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