हरदोई : इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. इस बार का अधिकतम पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसी गर्मी एक साधारण व्यक्ति के लिए तब जानलेवा साबित हो सकती है, जब उसे हीट स्ट्रोक हो जाए. हीट स्ट्रोक होने से शरीर में मल्टी सिस्टम फेल होने की संभावना बढ़ जाती है और इंसान की मौत भी हो सकती है. इसके अलावा वाटर बोर्न बीमारी भी भीषण गर्मी में हो सकती है. इसका अंदाजा जिला अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या से लगाया जा सकता है. इन सब समस्याओं से बचने के लिए जिले के डॉ आरके मिश्रा ने कुछ सलाह जनपदवासियों को दी हैं.
- हरदोई जिला चिकित्सालय में टायफाइड, डायरिया, उल्टी-दस्त आदि संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं.
- रोजाना दर्जनों मरीज इन संक्रमित बीमारियों के चलते यहां देखने को मिल रहे हैं.
- लोग भीषण गर्मी में शुद्ध पानी पिएं और पूरे शरीर को ढककर घर से बाहर निकले.
- इस मौसम में बाहर कटे हुए फल और खुली रखी खाने-पीने की चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें.
इस मौसम में अधिकतर खतरा लू लगने का होता है. इससे हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है और बॉडी का मल्टी सिस्टम फेल हो सकता है. जब शरीर का तापमान मौसम के तापमान जितना हो जाता है तो शरीर मे मौजूद प्रोटीन पकने लगता है, जिससे हीट स्ट्रोक होता है और इंसान की जान जाने का भी खतरा बना रहता है. इससे बचने के लिए व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएं ताकि उसके शरीर का तापमान सामान्य हो सके और उसके बाद उसे अस्पताल में लाकर भर्ती करा सके. वहीं इससे बचने के लिए ज्यादा पानी का सेवन करें और बदन को पूरी तरह से ढक कर बाहर निकलें. इससे लू से बचा जा सकता. वाटर बॉर्न बीमारी से होने वाली बीमारियों जैसे टायफाइड, डायरिया, पीलिया, दस्त और उल्टी आदि की भी जानकारी दी.
-डॉ आरके मिश्रा, जिला अस्पताल