हरदोई: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ग्रामीण इलाके के लोगों को इलाज पाने के लिए दूर के अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है. दरअसल सालों से बंद पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम उपकेंद्रों पर दवा वितरण के बजाए पंचायत घर या फिर सरकारी स्कूल में दवा वितरण कर रहे हैं, जबकि पुराने पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्रों में गांव वालों का भूसा और कंडे भरे हुए हैं, तो वहीं कई गांव वाले उप केंद्र में अपने जानवर तक बांध रखे हैं.
स्वास्थ्य उप केंद्रों की हालात बेहद खराब
ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपचार दिलाने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सौगात दी थी, ताकि दूरदराज वाले इलाके के लोगों को गांव में ही प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता स्वास्थ्य विभाग की इस योजना पर भारी पड़ रही है. जिले का मुरलीगंज स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
इस स्वास्थ्य उपकेंद्र में अब जानवर बांधे जा रहे हैं. जहां कमरों में दवाइयां होनी चाहिए थीं, उनकी जगह भूसा और कंडे देखने को मिल रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि जल्द ही जर्जर स्वास्थ्य भवनों को ध्वस्त करवा कर उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा. जल्द ही नए भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित कराए जाएंगे, ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.
नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों का किया जाएगा निर्माण
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के रावत का कहना है, कि जनपद में 432 स्वास्थ्य उप केंद्र संचालित हैं, जिसमें से जिले में 6 स्वास्थ्य उपकेंद्र कंडम हैं, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा. वहीं इन उपकेंद्रों की जांच कराई जा रही है, जिन्हें ध्वस्त कराकर उनकी नीलामी कराई जाएगी और उनके स्थान पर नए स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे. जिन केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित नहीं हो पा रही थी, उन्हें प्राथमिक विद्यालयों या फिर पंचायत भवन में संचालित कराया जा रहा था. अब उन्हें उनके भवनों में संचालित कराया जाएगा.
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