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हरदोई: अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र, बांधे जा रहे पशु - murliganj sub health center

यूपी के हरदोई में स्थित मुरलीगंज उप स्वास्थ्य केंद्र अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह सिर्फ नाम का अस्पताल है. यहां न तो कोई भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही मरीजों को सुविधा मिलती है. बल्कि उप स्वास्थ्य केंद्र में जानवर बांधे जा रहे हैं.

बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र.
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Published : Nov 20, 2019, 4:46 PM IST

हरदोई: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ग्रामीण इलाके के लोगों को इलाज पाने के लिए दूर के अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है. दरअसल सालों से बंद पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम उपकेंद्रों पर दवा वितरण के बजाए पंचायत घर या फिर सरकारी स्कूल में दवा वितरण कर रहे हैं, जबकि पुराने पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्रों में गांव वालों का भूसा और कंडे भरे हुए हैं, तो वहीं कई गांव वाले उप केंद्र में अपने जानवर तक बांध रखे हैं.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र.

स्वास्थ्य उप केंद्रों की हालात बेहद खराब
ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपचार दिलाने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सौगात दी थी, ताकि दूरदराज वाले इलाके के लोगों को गांव में ही प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता स्वास्थ्य विभाग की इस योजना पर भारी पड़ रही है. जिले का मुरलीगंज स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

इस स्वास्थ्य उपकेंद्र में अब जानवर बांधे जा रहे हैं. जहां कमरों में दवाइयां होनी चाहिए थीं, उनकी जगह भूसा और कंडे देखने को मिल रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि जल्द ही जर्जर स्वास्थ्य भवनों को ध्वस्त करवा कर उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा. जल्द ही नए भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित कराए जाएंगे, ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.

नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों का किया जाएगा निर्माण
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के रावत का कहना है, कि जनपद में 432 स्वास्थ्य उप केंद्र संचालित हैं, जिसमें से जिले में 6 स्वास्थ्य उपकेंद्र कंडम हैं, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा. वहीं इन उपकेंद्रों की जांच कराई जा रही है, जिन्हें ध्वस्त कराकर उनकी नीलामी कराई जाएगी और उनके स्थान पर नए स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे. जिन केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित नहीं हो पा रही थी, उन्हें प्राथमिक विद्यालयों या फिर पंचायत भवन में संचालित कराया जा रहा था. अब उन्हें उनके भवनों में संचालित कराया जाएगा.

पढ़ें: जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बेसुध हुए जिम्मेदार

हरदोई: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ग्रामीण इलाके के लोगों को इलाज पाने के लिए दूर के अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है. दरअसल सालों से बंद पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम उपकेंद्रों पर दवा वितरण के बजाए पंचायत घर या फिर सरकारी स्कूल में दवा वितरण कर रहे हैं, जबकि पुराने पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्रों में गांव वालों का भूसा और कंडे भरे हुए हैं, तो वहीं कई गांव वाले उप केंद्र में अपने जानवर तक बांध रखे हैं.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र.

स्वास्थ्य उप केंद्रों की हालात बेहद खराब
ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपचार दिलाने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सौगात दी थी, ताकि दूरदराज वाले इलाके के लोगों को गांव में ही प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता स्वास्थ्य विभाग की इस योजना पर भारी पड़ रही है. जिले का मुरलीगंज स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

इस स्वास्थ्य उपकेंद्र में अब जानवर बांधे जा रहे हैं. जहां कमरों में दवाइयां होनी चाहिए थीं, उनकी जगह भूसा और कंडे देखने को मिल रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि जल्द ही जर्जर स्वास्थ्य भवनों को ध्वस्त करवा कर उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा. जल्द ही नए भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित कराए जाएंगे, ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.

नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों का किया जाएगा निर्माण
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के रावत का कहना है, कि जनपद में 432 स्वास्थ्य उप केंद्र संचालित हैं, जिसमें से जिले में 6 स्वास्थ्य उपकेंद्र कंडम हैं, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा. वहीं इन उपकेंद्रों की जांच कराई जा रही है, जिन्हें ध्वस्त कराकर उनकी नीलामी कराई जाएगी और उनके स्थान पर नए स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे. जिन केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित नहीं हो पा रही थी, उन्हें प्राथमिक विद्यालयों या फिर पंचायत भवन में संचालित कराया जा रहा था. अब उन्हें उनके भवनों में संचालित कराया जाएगा.

पढ़ें: जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बेसुध हुए जिम्मेदार

Intro:स्लग--हरदोई में स्वास्थ्य विभाग का संवेदनहीन रवैया आया सामने,सालों से बंद पड़े हैं स्वास्थ्य उपकेंद्र मरीजों को इलाज के लिए पड़ रहा भटकना

एंकर--यूपी के हरदोई में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते हैं लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते लोगों को इलाज पाने के लिए दूर के अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है दरअसल सालों से बंद पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को बनवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है लिहाजा स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम उपकेंद्रों की बजाए दवा वितरण के लिए या तो पंचायत घर या फिर सरकारी स्कूल में दवा वितरण का काम करते हैं जबकि पुराने पड़े स्वास्थ्य उप केंद्रों में गांव वालों का भूसा और कंडे भरे हैं तो कई गांव वाले उप केंद्र में अपने जानवर बांधे हुए हैं ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इलाके के लोगों पर भारी पड़ रही है हालांकि स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि जल्द ही जर्जर स्वास्थ्य भवनों को ध्वस्त करवा कर उनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा और जल्द ही नए भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित कराए जाएंगे ताकि लोगों को असुविधा का सामना ना करना पड़े।


Body:vo--ग्रामीण इलाकों में लोगों को उपचार दिलाने के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सौगात दी थी ताकि दूरदराज वाले इलाके के लोगों को गांव में ही प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके लेकिन प्रशासनिक उदासीनता स्वास्थ्य विभाग की इस योजना पर भारी पड़ रही है हरदोई जिले में विकासखंड टड़ियावां के अंतर्गत आने वाले मुरलीगंज स्वास्थ्य केंद्र की जरा इन तस्वीरों को देखिए कि किस तरह से गांव के लोगों ने अपने जानवर बांध रखे हैं और स्वास्थ्य उप केंद्र में भूसा और कंडे भर रखे हैं दरअसल 3 साल पहले स्वास्थ्य उपकेंद्र की इमारत जर्जर होने लगी थी लिहाजा विभाग ने इसे कंडम घोषित कर दिया जिसके चलते स्वास्थ्य उपकेंद्र पर आने वाली एएनएम और आशा ने यहां पर कभी कभार आना शुरू कर दिया भवन के अभाव में गांव में पंचायत भवन या फिर सरकारी स्कूल में या पेड़ के नीचे ही दवा का वितरण करना पड़ रहा है ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जो इलाज लोगों को अपने गांव में ही मिल जाता था उसके लिए उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है।गांव के लोगों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की लेकिन उच्चाधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते इस कंडम भवन का उपयोग अब गांव वालों ने ही करना शुरू कर दिया है कमोबेश यह हालत जनपद में आधा दर्जन से अधिक स्वास्थ्य उप केंद्रों की है जो स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही का दंश झेल रहा है जिसके चलते गांव में ही आम लोगों को मिलने वाली प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें काफी दूर सफर तय करना पड़ रहा है हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा जरूर है कि जनपद में कंडम स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर जांच कराई जा रही है और जांच के बाद कंडम उपकेंद्रों को ध्वस्त करा कर नीलामी कराई जाएगी और उनके स्थान पर नए स्वास्थ्य केंद्र बनवाए जाएंगे जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पुनः चालू हो सकेगी और इलाके के लोगों को प्राथमिक उपचार मिल सकेगा।
बाइट-- रामनिवास ग्रामीण
बाइट-- डॉ. सुरेंद्र कुमार रावत मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरदोई


Conclusion:voc--इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के रावत का कहना है कि जनपद में 432 स्वास्थ्य उप केंद्र संचालित हैं जिले में 6 स्वास्थ्य उपकेंद्र कंडम है जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा इन उपकेंद्रों की जांच कराई जा रही है जिन्हें ध्वस्त कराकर उनकी नीलामी कराई जाएगी और उनके स्थान पर नए स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे ताकि जिन केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित नहीं हो पा रही थी ऐसे में उन्हें प्राथमिक विद्यालयों या फिर पंचायत भवन में संचालित कराया जा रहा था उन्हें उनके भवनों में संचालित कराया जाएगा और स्वास्थ्य सेवाएं फिर से बहाल हो सकेंगी।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000
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