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आवारा जानवरों से मिलेगी निजात, बनेंगे 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थल

आवारा जानवरों के चलते बढ़ती समस्याओं को देखते हुए सरकार के आदेश पर हरदोई में 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है, जिनमें 23 पशु आश्रय स्थल बनकर संचालित हो गए हैं.

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Published : Mar 6, 2019, 11:55 AM IST

23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो गए हैं.

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने का वादा किया था. सरकार के आदेश पर हरदोई जिले में 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है, जिनमें 23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो चुके हैं. जिनमें करीब 3000 आवारा पशु संरक्षित किए गए हैं.

23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो गए हैं.


शासन से आई एक करोड़ की धनराशि से अब इन अन्ना पशुओं के चारे और पानी का इंतजाम किया जाएगा. इसके लिए खंड विकास अधिकारी आवारा पशुओं की मौजूदगी के मुताबिक डिमांड भेजेंगे, जिसे जिला स्तर से उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसके लिए विशेष तौर से निगरानी के लिए चिकित्सक ब्लॉक स्तरीय अधिकारी लगाए गए हैं.

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जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जे एन पांडे ने बताया कि धनराशि के आवंटन के बाद खासतौर से नजर रखी जाएगी कि इस धनराशि का दुरुपयोग न हो और पशुओं के चारे के लिए इस धनराशि को खर्च किया जाए. इसके लिए जिलाधिकारी, पशु चिकित्साधिकारियों, एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के जरिए नजर रखी जाएगी.

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने का वादा किया था. सरकार के आदेश पर हरदोई जिले में 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है, जिनमें 23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो चुके हैं. जिनमें करीब 3000 आवारा पशु संरक्षित किए गए हैं.

23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो गए हैं.


शासन से आई एक करोड़ की धनराशि से अब इन अन्ना पशुओं के चारे और पानी का इंतजाम किया जाएगा. इसके लिए खंड विकास अधिकारी आवारा पशुओं की मौजूदगी के मुताबिक डिमांड भेजेंगे, जिसे जिला स्तर से उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसके लिए विशेष तौर से निगरानी के लिए चिकित्सक ब्लॉक स्तरीय अधिकारी लगाए गए हैं.

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जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जे एन पांडे ने बताया कि धनराशि के आवंटन के बाद खासतौर से नजर रखी जाएगी कि इस धनराशि का दुरुपयोग न हो और पशुओं के चारे के लिए इस धनराशि को खर्च किया जाए. इसके लिए जिलाधिकारी, पशु चिकित्साधिकारियों, एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के जरिए नजर रखी जाएगी.

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग-- अब अन्ना पशुओं से मिलेगी किसानों को निजात जाने कैसे

एंकर--यूपी के हरदोई में अब किसानों को राहत देने वाली खबर आयी है जिले में अस्थाई पशु आश्रय स्थलों को लेकर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है साथ ही शासन से आयी एक करोड़ की धनराशि से अब इन अन्ना पशुओं के चारे और पानी का इंतजाम किया जाएगा। प्रत्येक आना पशु पर रोजाना 30 रुपए के हिसाब से चारे के लिए खर्च किए जाएंगे इसके लिए खंड विकास अधिकारी अन्ना पशुओं की मौजूदगी के मुताबिक डिमांड भेजेंगे जिसे जिला स्तर से उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा जिसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के खाते में रुपया ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके लिए विशेष तौर से निगरानी के लिए चिकित्सक ब्लॉक स्तरीय अधिकारी लगाए गए हैं ताकि शासन से आयी इस धनराशि से अन्ना पशुओं के चारे का इंतजाम हो सके और किसानों के लिए बड़ी समस्या बन चुके अन्ना पशुओं से किसानों को निजात मिल सके।


Body:vo- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को अन्ना पशुओं से निजात दिलाने के लिए वादा किया था और सरकार ने इसके लिए प्रयास भी किया सरकार के आदेश पर हरदोई जिले में 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है जिनमें 23 पशु आश्रय स्थल मौजूदा समय में बनकर संचालित हो गए हैं जिनमें करीब 3000 अन्ना पशु संरक्षित किए गए हैं इन संरक्षित अन्ना पशुओं की टैगिंग कराई जा रही है तथा इनके उपचार के लिए पशु चिकित्सकों को भी लगाया गया है हाल ही में शासन द्वारा जिले में अन्ना पशुओं के चारे और पानी के इंतजाम के लिए जिलाधिकारी के खाते में एक करोड़ की धनराशि भेजी गई है जिससे अब अन्ना पशुओं के चारे का इंतजाम होगा।प्रत्येक अन्ना पशु पर 30 रुपए का खर्चा निर्धारित किया गया है जिले के प्रत्येक विकास खंड के खंड विकास अधिकारी पशु आश्रय स्थलों में मौजूद अन्ना पशुओं की मौजूदगी के मुताबिक जिलाधिकारी को डिमांड भेजेंगे जिसके बाद उनके खातों में धनराशि निर्गत कर दी जाएगी और फिर जिन गांवों में पशु आश्रय स्थल संचालित हैं उन गांवों के ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के खाते में खंड विकास अधिकारी के द्वारा धनराशि निर्गत की जाएगी जिसके बाद अन्ना पशुओं के चारे और उनके पानी का इंतजाम किया जाएगा।


Conclusion:voc- जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जे एन पांडे ने बताया कि धनराशि के आवंटन के बाद खासतौर से नजर रखी जाएगी की इस धनराशि का दुरुपयोग ना हो और अन्ना पशुओं के चारे के लिए धन राशि को खर्च किया जाए इसके लिए जिलाधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारियों, एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के द्वारा नजर रखी जाएगी अभी जिले में 74 अस्थाई पशु आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा रहा है जिनमें मौजूदा समय में 23 अस्थाई पशु आश्रय स्थलों को संचालित किया जा रहा है शेष अन्य सभी पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य भी जल्द ही पूरा हो जाएगा और जो अन्ना पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें वहां पहुंचा दिया जाएगा और उनके चारे और पानी का इंतजाम किया जाएगा ताकि किसानों को इन अन्ना पशुओं से राहत मिल सके।
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