हरदोई: जिले में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तमाम उत्पाद बना रही हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए प्रशासन ने विकास हाट की शुरुआत की है. इसके जरिए इन महिलाओं की तरफ से बनाए गए उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं, ताकि लोग निश्चित स्थान पर उत्पादों की खरीद कर सकें. इससे महिलाओं को अपने उत्पादों का उचित मूल्य भी मिलेगा और साथ ही उत्पादों को भी पहचान मिल सकेगी.
महिलाओं में आई आत्मनिर्भरता
ग्रामीण क्षेत्र में समूह बनाकर काम करने वाली महिलाओं में आत्मनिर्भरता आई है. गांव में रहकर ही महिलाएं उत्पाद बनाकर उनकी आपूर्ति कर रही हैं. इससे एक तरफ महिलाएं गांव में रहकर ही रोजगार हासिल कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं उन्हें देखकर तमाम अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भरता को लेकर जागरूक हो रही हैं.
जनपद में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर विभिन्न प्रकार के टेडीबियर, अचार, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, धूपबत्ती, अगरबत्ती, चप्पल, सूती वस्त्र, मास्क, आटा, दाल अचार सहित तमाम उत्पाद बना रही हैं. ये महिलाएं उत्पाद बनाकर ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्रों में भी बिक्री करती हैं. इससे कमाए गए रुपयों से इन्हें आमदनी होती है. ऐसे में स्वयं सहायता समूह की इन महिलाओं को उनके उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल सके. साथ ही एक निश्चित स्थान पर उनकी वस्तुओं की खरीद की जा सके, इसके लिए जिला प्रशासन ने विकास हाट की शुरुआत की है.
अन्य महिलाएं भी होंगी जागरूक
इस विकास हाट में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से निर्मित उत्पाद रखे जाएंगे और यहीं पर उनकी बिक्री की जाएगी. इससे कलेक्ट्रेट और विकास भवन आने वाले लोग इन उत्पादों को खरीद सकेंगे. ऐसे में देसी उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा, साथ ही इन महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी. इस वजह से महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी. साथ ही इन महिलाओं को देखकर अन्य महिलाओं में भी आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.
जनपद में विकास भवन के बाहर विकास हाट की शुरुआत की गई है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से निर्मित उत्पादों को यहां रखा जाएगा और उत्पादों की बिक्री की जाएगी. इससे कलेक्ट्रेट और विकास भवन आने वाले लोग इन उत्पादों को खरीद सकेंगे. इस वजह से महिलाओं की आय में वृद्धि होगी. साथ ही इन्हें देखकर अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूक होगी और वे भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी.
-पुलकित खरे, डीएम