हरदोई: प्रदेश में चंद बहटा इलाका में शहर के बीचों बीच बसी एक रिहायशी बस्ती है. यहां की आबादी लगभग 4 से 5 हजार लोगों की है. इलाके में लोग पक्के मकानों में सुकून की नींद सोते हैं. वहीं यहां एक परिवार ऐसा भी है जो पन्नी, तिरपाल और भाजपा की चुनावी होर्डिंग से बने घर में रह रहा है.
विनोद पाल नाम का एक गरीब मजदूर अपनी बीवी और दो बच्चों के साथ रहता है. गरीब मजदूर की तबीयत खराब रहती है, लेकिन अपना परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई का बोझ उठाने के लिए यह दिहाड़ी मजदूरी करता है. मजदूर की पत्नी बर्तन धोकर चंद पैसे कमा लेती है.
करीब चार वर्ष पूर्व इनका एक कच्चा मकान था, जोकि बारिश के कहर के आगे टिक न सका और ढह गया. इसके बाद यह गरीब परिवार सड़क के किनारे तिरपाल और पन्नी और कुछ होर्डिंग्स का घर बना कर रहने लगा. कई बार इस गरीब ने आवास के लिए आवेदन किया, लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इसे आवास नहीं मुहैया कराया जा सका.
बारिश में हमारा घर गिर गया था. फिर हम यहां झोपड़ी में रहने आ गए. हमें कोई सुविधा नहीं मिली है. केवल गैस-सिलेंडर और चूल्हा मिला है. हम मजदूरी करते हैं और बच्चे पढ़ते हैं. हम घर का खर्चा नहीं चला पा रहे हैं.
विनोद, मजदूरसूचना मिली है कि विनोद पाल नाम के व्यक्ति कच्चे मकान में रहते हैं. एसडीएम सदर को सूचना दी गई है कि मौके पर पहुंचकर जांच मामसे की जांच करा लें. जल्द ही पीड़ितों को आवास मुहैया करा दिया जाएगा.
गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट