हरदोई : जिले में चेयरमैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर नगर पंचायत पाली के सभासदों ने सामूहिक रूप से त्यागपत्र दिया है. इस्तीफा देने वाले सभासदों का आरोप है कि नगर पंचायत में विकास कार्यों में धांधली बरती जा रही है. नगर पंचायत के चेयरमैन के स्थान पर पूरा कामकाज उनके पिता देख रहे हैं. नगर पंचायत में बोर्ड की मीटिंग भी नहीं होती है. साथ ही सभासदों के साथ अभद्रता की जाती है. भ्रष्टाचार और अभद्रता का आरोप लगाकर 11 सभासदों ने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा जिला प्रशासन को सौंपा है. सभासदों के सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने के बाद नगर पंचायत पाली में हड़कंप मच गया है.
सामूहिक रूप से सभासदों ने दिया इस्तीफा
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में आज कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर पाली नगर पंचायत के सभासद दिलीप, पुष्पा देवी, आकाश, शम्मो बेगम, अंसार बेगम, गुलशेर खान, चेतराम कश्यप, रूबी बेगम, नासिर खान सहित नगर पंचायत पाली के 11 सभासदों ने सामूहिक रूप से अपना त्यागपत्र जिला प्रशासन को सौंपा है. दरअसल नगर पंचायत पाली में 13 चुने हुए और 3 मनोनीत सभासद हैं. जिनमें 11 सभासदों ने चेयरमैन पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाकर इस्तीफा दिया है. सभासदों का आरोप है कि नगर पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है. नगर पंचायत की चेयरमैन दीपा अवस्थी हैं, लेकिन वह बाहर रहती हैं. उनके स्थान पर उनके पिता ही नगर पालिका नगर पंचायत का संचालन करते हैं.
चेयरमैन पर भ्रष्टाचार सहित तमाम आरोप
आरोप है कि रोजाना हजारों रुपए के डीजल की चोरी करवाई जा रही है. कस्बे में 114 खंभों की लाइट व्यवस्था में भारी गोलमाल किया गया है. आउट सोर्सिंग के जरिए नगर पंचायत में जो कर्मचारी लगाए गए हैं वह अध्यक्षा के पिता के आवास पर कार्य करते हैं. कई महीनों से बोर्ड की मीटिंग भी नहीं हुई है. साथ ही सभासदों के विरोध करने पर उनके साथ अभद्रता की जाती है. और उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां दी जाती हैं. चेयरमैन दीपा अवस्थी के पिता कमलाकांत बाजपेई फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं. लिहाजा विकास कार्यों में भ्रष्टाचार सभासदों की उपेक्षा और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी को लेकर 11 सभासदों ने अपना इस्तीफा जिला प्रशासन को सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है.
सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया-
नगर पंचायत पाली के कुछ सभासद यहां आए थे, जिन्होंने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा दिया है. उनका आरोप है कि नगर पंचायत में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. बोर्ड की मीटिंग भी नहीं होती है. साथ ही उनके साथ अभद्रता की जाती है. उनका इस्तीफा जिलाधिकारी को प्रेषित किया जाएगा.