हरदोई: जिले में खण्ड शिक्षा अधिकारियों को अपने कार्य में लापरवाही बरतना महंगा पड़ गया. स्वयं सहायता समूह की महिलाों से ड्रेस सिलवाने में देरी करने के चलते बीएसए ने 8 खण्ड शिक्षा अधिकारियों के एक दिन का वेतन काट दिया. वहीं शारदा अभियान के तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन और नामांकन में खराब प्रगति पाए जाने पर 2 खण्ड शिक्षा अधिकारियों का 2 दिन का वेतन काटा गया.
ड्रेस निर्माण में की गई लापरवाही
कोरोना काल में मुफ्त ड्रेस वितरण योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रेस सिलने का काम देकर रोजगार देने की बात तय थी. इसीके तहत सत्र 2020-21 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए सहायता समूह को कपड़ा उपलब्ध कराया जाना था. इसके लिए सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिले में विकासखंड भरावन, कोथावां, सुरसा, पिहानी, बावन, सांडी, बिलग्राम और हरदोई नगर क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूह को कपड़ा उपलब्ध नहीं कराया. लिहाजा ड्रेस निर्माण के कार्य में देरी हो रही है. ऐसे में शासन के निर्देश के बावजूद भी लापरवाही बरतने वाले उक्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों के 1 दिन का वेतन काटा गया है.
शारदा अभियान में खराब प्रगति पर कार्रवाई
शारदा अभियान के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चे, जिनकी पढ़ाई या तो बीच में छूट गई या जो कभी स्कूल ही नहीं गए. इन बच्चों को चिह्नित कर उनका नामांकन कराया जाता है. लेकिन इस मामले में बेहंदर और कछौना विकासखण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. दोनों विकासखण्ड में बच्चों के चिह्नांकन और नामांकन की प्रगति 10% पाई गई. इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दोनों खण्ड शिक्षा अधिकारियों के 2 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में लापरवाही बरतने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुई कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि जनपद में ड्रेस वितरण का कार्य कराया जाना है. लिहाजा, स्वयं सहायता समूह को इसके निर्माण का कार्य दिया गया है. निर्माण कार्य के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई. लापरवाह अधिकारियों का वेतन काटकर उचित कार्रवाई की गई है.