हापुड़ : देशभर में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्यौहार आज मनाया जा रहा है. बकरीद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन जारी की है. लोगों से अपील की गई है वें लोग गाइडलाइन का पालन करें. वहीं हापुड़ प्रशासन भी लोगों से अपील कर रहा है कि लोग शांतिपूर्वक त्यौहार को मनाएं. बकरीद के मौके पर शहर के मुख्य बाजारों में चहल-पहल नजर आई. बच्चे महिलाएं खरीदारी करती नजर आई. धर्म गुरुओं ने भी अपील की है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही त्यौहार मनाए और खुले में कुर्बानी न दी जाए.
मुफ्ती खालिद मोहम्मद कासमी ने शहर के लोगों से अपील की है गाइडलाइन का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज अदा की जाए और दूरी बनाकर ही त्योहार को हर्षोल्लास से मनाए. हापुड़ शहर के बाजारों में बकरीद के मौके पर खूब भीड़ नजर आई है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनकी ईद को लेकर तैयारी यही है की कुर्बानी को घर के अंदर ही किया जाए.
बरेली में नमाज की समय सारणी जारी
वहीं बरेली स्थित दरगाह आला हजरत से कोविड नियमों के पालन करने की अपील की गई है. साथ ही अलग अलग स्थानों पर होने वाली नमाज को लेकर भी समय सारणी तय कर ली गई है. खास तौर से दरगाह से ये भी अपील की गई है कि सभी मुस्लिम भाई खासतौर से जरूरतमंदों और गरीब लोगों का भी इस त्योहार पर खास ख्याल रखें. बकरीद के मौके पर ईद-उल-अजहा की नमाज ईदगाह पर 10 बजे, दरगाह आला हजरत पर 10.30 और जामा मस्जिद पर 9 बजे अदा की जाएगी.
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ईद-उल-अज़हा पर बरेली की सभी दरगाहों, प्रमुख खानकाहों और सभी छोटी- बड़ी मस्जिदों में कोविड 19 गाइड लाइन के अनुसार अपने-अपने वक़्तों पर 2 रकात वाजिब नमाज अदा होगी. इसी कड़ी में बाकरगंज स्थित ईदगाह में सुबह 10 बजे और किला स्थित जामा मस्जिद में 9 बजे नमाज होगी. दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह स्थित रजा मस्जिद में सबसे आखिर में सुबह 10.30 बजे नमाज होगी. मंगलवार को दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने सभी लोगों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी.
सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि जो साहिबे निसाब (शरई मालदार) मुसलमान है जिन पर कुर्बानी वाजिब है वो अल्लाह की रजा की खातिर कुर्बानी जरूर करें. कुर्बानी के लिए तीन दिन मुकर्रर है. उन्होंने कहा कि पहले दिन कुर्बानी करना अफजल है. दरगाह की तरफ से कहा गया है कि शहरी इलाकों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के बाद कुर्बानी दें, जबकि देहात क्षेत्रों में जहां ईद-उल-अजहा की नमाज वाजिब नही वहां फज्र की नमाज के बाद कुर्बानी कर सकते हैं. मुफ्ती अहसन मियां कहा कि इस मौके पर गरीबों का खास ख्याल रखें. साथ ही कुर्बानी सार्वजनिक स्थान या खुली जगह में न करें. इसके अवशेष किसी गड्ढे में दफन कर दें. साफ-सफाई का विशेष धयान रखे.