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महाशिवरात्रि : जलाभिषेक करने के लिए सबली मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता

नगर क्षेत्र के सबली शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सबली शिव मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर शिवलिंग पुरातनकाल से स्थापित है. इस शिवलिंग में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए सबली मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए सबली मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता
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Published : Aug 6, 2021, 4:48 PM IST

हापुड़ : जनपद में सावन के महाशिवरात्रि को सबली मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में बृजघाट से टैंकर के माध्यम से गंगा जल की भी व्यवस्था की गई.

वहीं, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के नियमों का पालन करने के बाद लोगों को जलाभिषेक की अनुमति मिली है. जलाभिषेक के दौरान पुलिस द्वारा भी लगातार श्रद्धालुओ से कोविड-19 के नियमों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई.

महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए सबली मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता

नगर क्षेत्र के सबली शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सबली शिव मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर शिवलिंग पुरातनकाल से स्थापित है. इस शिवलिंग में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

यह भी पढ़ें : PM मोदी ने प्रशिक्षण के दौरान मुझे बहुत सहयोग किया : ओलंपियन चानू

सावन के महाशिवरात्री का महत्व

फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के समान ही वर्ष की दूसरी श्रेष्ठ शिवरात्रि श्रावण माह की शिवरात्रि ही मानी गयी है. इस दिन कावड़ यात्रा वाले शिवभक्तों की भीड़ शिवलिंग पर जलाभिषेक करके महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं.

पुण्येन जायते पुत्रः पुण्येन लभते श्रियम, पुण्येन रोगनाशः स्यात सर्वशास्त्रेण सम्मतः।

माता पार्वती को समझाते हुए भगवान शिव कहते हैं कि हे शिवे ! पुण्य कर्मों के करने से ही वंश की वृद्धि होती है. पुण्य कर्म करने से ही जीव कीर्तिवान होता है. इसी पुण्य कर्म में लगे रहने से शरीर के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं, ऐसा सभी शास्त्रों की सम्मति है. वैसे तो श्रावण माह का एक-एक पल पुन्यफलदायी माना गया है किन्तु इस माह की शिवरात्रि का दिन कुछ अधिक महत्व रखता है.

हापुड़ : जनपद में सावन के महाशिवरात्रि को सबली मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में बृजघाट से टैंकर के माध्यम से गंगा जल की भी व्यवस्था की गई.

वहीं, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के नियमों का पालन करने के बाद लोगों को जलाभिषेक की अनुमति मिली है. जलाभिषेक के दौरान पुलिस द्वारा भी लगातार श्रद्धालुओ से कोविड-19 के नियमों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई.

महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए सबली मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता

नगर क्षेत्र के सबली शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सबली शिव मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर शिवलिंग पुरातनकाल से स्थापित है. इस शिवलिंग में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

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सावन के महाशिवरात्री का महत्व

फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के समान ही वर्ष की दूसरी श्रेष्ठ शिवरात्रि श्रावण माह की शिवरात्रि ही मानी गयी है. इस दिन कावड़ यात्रा वाले शिवभक्तों की भीड़ शिवलिंग पर जलाभिषेक करके महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं.

पुण्येन जायते पुत्रः पुण्येन लभते श्रियम, पुण्येन रोगनाशः स्यात सर्वशास्त्रेण सम्मतः।

माता पार्वती को समझाते हुए भगवान शिव कहते हैं कि हे शिवे ! पुण्य कर्मों के करने से ही वंश की वृद्धि होती है. पुण्य कर्म करने से ही जीव कीर्तिवान होता है. इसी पुण्य कर्म में लगे रहने से शरीर के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं, ऐसा सभी शास्त्रों की सम्मति है. वैसे तो श्रावण माह का एक-एक पल पुन्यफलदायी माना गया है किन्तु इस माह की शिवरात्रि का दिन कुछ अधिक महत्व रखता है.

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