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जो लोग अपने बिलों से निकलकर बिलबिला रहे हैं, 10 मार्च के बाद फिर शांत हो जाएंगे- सीएम योगी - यूपी विधानसभा चुनाव 2022

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने धौलाना विधानसभा (Dhaulana Assembly Constituency) के बीजेपी प्रत्याशी धर्मेश तोमर (BJP candidate Dharmesh Tomar) के समर्थन में मतदान करने की अपील की. 857 के समय में धौलाना के क्रांतिकारियों ने भी देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान किया था.

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सीएम योगी आदित्यनाथ
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Published : Jan 30, 2022, 10:31 PM IST

Updated : Jan 30, 2022, 10:48 PM IST

हापुड़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले के पिलखुवा में पहुंचे थे. पिलखुवा के रामलीला मैदान में प्रभावी मतदाता संवाद किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक जनसभा को संबोधित किया और धौलाना विधानसभा (Dhaulana Assembly Constituency) के बीजेपी प्रत्याशी धर्मेश तोमर (BJP candidate Dharmesh Tomar) के समर्थन में मतदान करने की अपील की. जनसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धौलाना क्रांतिकारियों की धरती है. 1857 के समय में धौलाना के क्रांतिकारियों ने भी देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान किया था.

मुख्यमंत्री ने सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सोच परिवारवादी है और उनका काम दंगावादी था. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के डबल इंजन की सरकार की सोच दमदार है और ईमानदार भी है. उत्तर प्रदेश के अंदर 2017 से पहले की स्थिति और 2017 के बाद की स्थिति आपको स्पष्ट दिखती होगी. 2017 से पहले कोई सुरक्षित नहीं था, बेटियां सुरक्षित नहीं थी, अराजकता का माहौल था, विकास की योजनाएं ठप पड़ी थीं, गरीबों को शासन की योजनाएं नहीं मिल रही थीं, विकास का पैसा इत्र वाले मित्र के घरों में आरसीसी दीवारों में कैद हो जाता था, मुजफ्फरनगर का दंगा बुलंदशहर का उपद्रव, मेरठ का उपद्रव, सहारनपुर का दंगा, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर ऐसे कौन से कस्बे थे जहां दंगे नहीं होते थे.

मुख्यमंत्री के सिर के नीचे लखनऊ में दंगे होते थे. लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती थी. सपा और बसपा की सरकार में उनकी संवेदना दंगाइयों के प्रति है. मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की निर्मम हत्या कर दी गई थी. हत्या इसलिए हो गई क्योंकि वह अपनी बहन की छेड़खानी पर उनसे पूछने के लिए गए थे कि तुम लोग मेरी बहन को क्यों परेशान कर रहे हो? जो दो लड़कों की जोड़ी फिर से आ रही है. यह दंगा कराने की साजिश है.

यह इत्र वाले मित्र की मित्रता को और बढ़ाने के लिए आए हैं. इनका विकास से कोई लेना देना नहीं है. लोक कल्याण से इनका कोई मतलब नहीं. गरीब कल्याण से कोई लेना-देना नहीं. इनके लिए तो इनके परिवार का विकास ही प्रदेश का विकास है और हमारे लिए प्रदेश के 25 करोड़ जनता की खुशहाली ही हमारी खुशहाली है. 25 करोड़ जनता ही तो हमारा परिवार है. पहली बार आपने दंगाइयों के पोस्टर चौराहों पर लगते देखे होंगे. उनसे वसूली होते भी देखी होगी और दंगाइयों को और पेशेवर अपराधियों को अपने गलों में तख्ती लटका कर चलते हुए देखा होगा.

उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद यह जो लोग अपने बिलों से निकलकर बिलबिला रहे हैं, 10 मार्च के बाद 24 घंटे फिर शांत हो जाएंगे. विकास और सुशासन का कोई विकल्प नहीं है. सपा बसपा की सरकार अंधेरा देती थी क्योंकि बिजली नहीं थी. गरीबों के लिए राशन नहीं था, जो मुख्यमंत्री बनता था या मंत्री बनता था. पहले अपना बंगला बनाता था. योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने गरीबों को मकान, शौचालय और पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और फ्री कोरोना वैक्सीन दी. यह विकास का पैसा पहले कहां जाता था. विकास का पैसा लूट कर इत्र वाले मित्र के यहां जमा कर देते थे, जब बुलडोजर चला तो पैसों की गड्डी बाहर निकली.

इसे भी पढ़ेंः अब अयोध्या होगा हिंदुत्व की राजनीति का केंद्र, जानिए क्या है योगी के यहां से चुनाव लड़ने के मायने?

मुख्यमंत्री ने कहा कि मां लक्ष्मी इन लोगों को कोसती होंगी, कि मेरा काम लोक कल्याण का था. मुझे आरसीसी की दीवारों में कैद कर दिया गया. लेकिन जैसे ही बुलडोजर चला तो मां लक्ष्मी भी बाहर आ गईं. इनकी संवेदना गरीब, नौजवान और बेरोजगारों और बेटियों की सुरक्षा के लिए नहीं है. इनकी संवेदना पेशेवर अपराधियों के लिए है. कोरोनाकाल में सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता आप-पास नहीं आए थे. बीजेपी के नेता जनता के बीच में थे. सभी नेता होम आइसोलेशन में चले गए थे, जो दंगे के मंसूबे के साथ इस समय अपना सिर उठाने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष तक यह सभी लोग बिलों में घुसे थे, जो थोड़े बहुत सब्जी के लिए जाते थे. उसे पुलिस पकड़ती थी तो वह हाथ जोड़कर पुलिस से कहते थे कि मैं सब्जी बेंच कर अपने परिवार का गुजारा कर लूंगा. 10 मार्च के बाद देखना फिर उनके गलों में तख्ती लटकी मिलेगी और कैराना और मुजफ्फरनगर में जो यह गर्मी दिखाई दे रही है गर्मी कैसे शांत होती है. मैं मई और जून में भी इसको शिमला बना देता हूं.

सपा, बसपा की सरकार में तमंचा फैक्ट्री लगती थी और हम लोग डिफेंस कॉरिडोर दे रहे हैं. यहां जो तोप बनेगी और यहां का नौजवान जब तोप पर चढ़कर पाकिस्तान की सीमा में दहाड़ कर आएगा तो दुश्मन का काम तमाम हो जाएगा. ओलंपिक में भी हमारे युवा पदक प्राप्त करेंगे. हम मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बना रहे हैं. पिछली सरकारों में अंधेरा रहता था, बिजली नहीं थी और अंधेरा इसलिए कि उनके गुंडे अंधेरा करके दंगा करा कर आग लगा सके.

उन्हें लगता है कि चुनाव में प्रत्याशी बना देंगे तो दंगाई सुरक्षित हो जाएंगे. अगर प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ किसी ने खिलवाड़ किया तो डबल इंजन की सरकार इसको स्वीकार नहीं करेगी. सपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों के समय में किसान, नौजवान सब परेशान थे. इन लोगों के समय में जब नौकरी निकलती थी तो चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकल पड़ते थे. अब नौकरियां निकलती हैं तो पारदर्शिता के साथ निकलती है.

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हापुड़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले के पिलखुवा में पहुंचे थे. पिलखुवा के रामलीला मैदान में प्रभावी मतदाता संवाद किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक जनसभा को संबोधित किया और धौलाना विधानसभा (Dhaulana Assembly Constituency) के बीजेपी प्रत्याशी धर्मेश तोमर (BJP candidate Dharmesh Tomar) के समर्थन में मतदान करने की अपील की. जनसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धौलाना क्रांतिकारियों की धरती है. 1857 के समय में धौलाना के क्रांतिकारियों ने भी देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान किया था.

मुख्यमंत्री ने सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सोच परिवारवादी है और उनका काम दंगावादी था. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के डबल इंजन की सरकार की सोच दमदार है और ईमानदार भी है. उत्तर प्रदेश के अंदर 2017 से पहले की स्थिति और 2017 के बाद की स्थिति आपको स्पष्ट दिखती होगी. 2017 से पहले कोई सुरक्षित नहीं था, बेटियां सुरक्षित नहीं थी, अराजकता का माहौल था, विकास की योजनाएं ठप पड़ी थीं, गरीबों को शासन की योजनाएं नहीं मिल रही थीं, विकास का पैसा इत्र वाले मित्र के घरों में आरसीसी दीवारों में कैद हो जाता था, मुजफ्फरनगर का दंगा बुलंदशहर का उपद्रव, मेरठ का उपद्रव, सहारनपुर का दंगा, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर ऐसे कौन से कस्बे थे जहां दंगे नहीं होते थे.

मुख्यमंत्री के सिर के नीचे लखनऊ में दंगे होते थे. लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती थी. सपा और बसपा की सरकार में उनकी संवेदना दंगाइयों के प्रति है. मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की निर्मम हत्या कर दी गई थी. हत्या इसलिए हो गई क्योंकि वह अपनी बहन की छेड़खानी पर उनसे पूछने के लिए गए थे कि तुम लोग मेरी बहन को क्यों परेशान कर रहे हो? जो दो लड़कों की जोड़ी फिर से आ रही है. यह दंगा कराने की साजिश है.

यह इत्र वाले मित्र की मित्रता को और बढ़ाने के लिए आए हैं. इनका विकास से कोई लेना देना नहीं है. लोक कल्याण से इनका कोई मतलब नहीं. गरीब कल्याण से कोई लेना-देना नहीं. इनके लिए तो इनके परिवार का विकास ही प्रदेश का विकास है और हमारे लिए प्रदेश के 25 करोड़ जनता की खुशहाली ही हमारी खुशहाली है. 25 करोड़ जनता ही तो हमारा परिवार है. पहली बार आपने दंगाइयों के पोस्टर चौराहों पर लगते देखे होंगे. उनसे वसूली होते भी देखी होगी और दंगाइयों को और पेशेवर अपराधियों को अपने गलों में तख्ती लटका कर चलते हुए देखा होगा.

उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद यह जो लोग अपने बिलों से निकलकर बिलबिला रहे हैं, 10 मार्च के बाद 24 घंटे फिर शांत हो जाएंगे. विकास और सुशासन का कोई विकल्प नहीं है. सपा बसपा की सरकार अंधेरा देती थी क्योंकि बिजली नहीं थी. गरीबों के लिए राशन नहीं था, जो मुख्यमंत्री बनता था या मंत्री बनता था. पहले अपना बंगला बनाता था. योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने गरीबों को मकान, शौचालय और पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और फ्री कोरोना वैक्सीन दी. यह विकास का पैसा पहले कहां जाता था. विकास का पैसा लूट कर इत्र वाले मित्र के यहां जमा कर देते थे, जब बुलडोजर चला तो पैसों की गड्डी बाहर निकली.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मां लक्ष्मी इन लोगों को कोसती होंगी, कि मेरा काम लोक कल्याण का था. मुझे आरसीसी की दीवारों में कैद कर दिया गया. लेकिन जैसे ही बुलडोजर चला तो मां लक्ष्मी भी बाहर आ गईं. इनकी संवेदना गरीब, नौजवान और बेरोजगारों और बेटियों की सुरक्षा के लिए नहीं है. इनकी संवेदना पेशेवर अपराधियों के लिए है. कोरोनाकाल में सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता आप-पास नहीं आए थे. बीजेपी के नेता जनता के बीच में थे. सभी नेता होम आइसोलेशन में चले गए थे, जो दंगे के मंसूबे के साथ इस समय अपना सिर उठाने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष तक यह सभी लोग बिलों में घुसे थे, जो थोड़े बहुत सब्जी के लिए जाते थे. उसे पुलिस पकड़ती थी तो वह हाथ जोड़कर पुलिस से कहते थे कि मैं सब्जी बेंच कर अपने परिवार का गुजारा कर लूंगा. 10 मार्च के बाद देखना फिर उनके गलों में तख्ती लटकी मिलेगी और कैराना और मुजफ्फरनगर में जो यह गर्मी दिखाई दे रही है गर्मी कैसे शांत होती है. मैं मई और जून में भी इसको शिमला बना देता हूं.

सपा, बसपा की सरकार में तमंचा फैक्ट्री लगती थी और हम लोग डिफेंस कॉरिडोर दे रहे हैं. यहां जो तोप बनेगी और यहां का नौजवान जब तोप पर चढ़कर पाकिस्तान की सीमा में दहाड़ कर आएगा तो दुश्मन का काम तमाम हो जाएगा. ओलंपिक में भी हमारे युवा पदक प्राप्त करेंगे. हम मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बना रहे हैं. पिछली सरकारों में अंधेरा रहता था, बिजली नहीं थी और अंधेरा इसलिए कि उनके गुंडे अंधेरा करके दंगा करा कर आग लगा सके.

उन्हें लगता है कि चुनाव में प्रत्याशी बना देंगे तो दंगाई सुरक्षित हो जाएंगे. अगर प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ किसी ने खिलवाड़ किया तो डबल इंजन की सरकार इसको स्वीकार नहीं करेगी. सपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों के समय में किसान, नौजवान सब परेशान थे. इन लोगों के समय में जब नौकरी निकलती थी तो चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकल पड़ते थे. अब नौकरियां निकलती हैं तो पारदर्शिता के साथ निकलती है.

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Last Updated : Jan 30, 2022, 10:48 PM IST
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